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सियासत

मोदी राज की ‘उपलब्धि’! सत्तर साल में पहली बार हुआ है…. केंद्रीय जांच एजेंसी की भी जांच होगी!

Anil Saxena : सीबीआई प्रकरण…. देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी की भी अब जांच होगी। सर्वोच्च न्यायालय ने आज रिटायर्ड जज की निगरानी में सीवीसी को 2 हफ्ते में घूसखोरी के पूरे घटनाक्रम की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। नए अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव को कोई भी नीतिगत फैसला लेने पर रोक लगा दी गई है। पिछले 70 सालों में सीबीआई पर करोड़ों की रिश्वत के ऐसे आरोप नहीं लगे।

सीबीआई के इतिहास में ये पहली बार है जब दुनिया भर में इसकी इतनी छीछालेदर हो रही है और वो भी भ्रष्टाचार लगातार कम होने का दावा करने वाले प्रधानमंत्री के कार्यकाल में। सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को भले ही इससे कोई राहत न मिली हो, विशेष निदेशक अस्थाना को तो तगड़ा झटका लगा ही है। जांच का परिणाम जो भी आए लेकिन ये तो साफ हो ही गया है कि कथित स्वायत्तशासी संस्था सीबीआई में भी भ्रष्टाचार चरम पर है और अब इससे किसी निष्पक्ष जांच की उम्मीद बेमानी होगी।

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Dayanand Pandey : सी बी आई मसले पर सुप्रीम कोर्ट में आज कांग्रेस को फ़िलहाल मात मिल गई है। जैसे नक्सलाईट बुद्धिजीवियों के बाबत सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस के दबाव में नहीं आई , वैसे ही इस मामले में भी। लगता है चीफ जस्टिस गोगोई कांग्रेसी चोला उतार कर पूर्णत: जस्टिस की भूमिका में उपस्थित हैं। अब सी वी सी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में सी बी आई डायरेक्टर मुकुल वर्मा पर लगे आरोपों की जांच करेगी, जो कि वह कर ही रही थी। दो हफ्ते में रिपोर्ट देगी। एक बात और राहुल गांधी लगातार राफाल की बीन बजाते हुए कह रहे हैं कि सी बी आई डायरेक्टर आलोक वर्मा राफाल मामले की जांच कर रहे थे, इस लिए उन्हें हटाया गया। सरकार ने राफाल जांच के लिए सी बी आई से कहा नहीं। किसी अदालत ने कहा नहीं। सी बी आई को अदालतों की तरह स्वत: संज्ञान लेने का अधिकार है नहीं। तो क्या राहुल गांधी ने जांच का आदेश सी बी आई को दे दिया है? आख़िर सी बी आई को यह जांच किस ने दे दी भला , कोई बताए तो सही।

Harendra Moral : एक अधिकारी थे अशोक खेमका और दूसरे संजीव चतुर्वेदी…. अपनी ईमानदारी के कारण दोनो पिछली सरकारों में त्रस्त थे… लेकिन ईमानदारी का दम भरने वाले मोदी के राज में दोनो की ही हालत कुत्ते जैसी कर दी गई….. फिर आलोक वर्मा जैसे किस खेत की मूली हैं… जो सर उठाएगा वो ही मारा जाएगा…. आज उनका तो कल तुम्हारा नंबर आएगा….

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Shyam Singh Rawat : सुप्रीम कोर्ट ने आज सीबीआइ चीफ आलोक वर्मा की याचिका पर अपने फैसले में कहा है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग दो हफ्तों में आलोक वर्मा के खिलाफ अपनी जांच पूरी करे। निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सेवा-निवृत्त जज की देखरेख में होगी। अदालत ने सीबीआइ के कार्यकारी निदेशक नागेश्वर राव को निर्देश देते हुए कहा कि इस दौरान वे कोई बड़ा नीतिगत फैसला नहीं ले सकेंगे। मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी।

सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा ने सरकार द्वारा उन्हें जबरन छुट्टी पर भेजने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कहा था, सीबीआइ निदेशक का कार्यकाल दो वर्ष का होता है, इससे पहले उन्हें इस पद से हटाने से सीबीआइ की स्वतंत्रता पर चोट पहुंची है। इससे पहले सीबीआइ ने स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर रिश्वत के एक मामले में केस दर्ज किया था। एफआइआर में अस्थाना पर मीट का कारोबार करने वाले व्यापारी मोइन कुरैशी से 3 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है। इसी मामले में डीएसपी रैंक के अधिकारी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया है और कई अधिकारियों के ठिकानों पर सीबीआइ ने छापेमारी भी की। देवेंद्र कुमार ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

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Pankaj Chaturvedi : सीबीआई के डायरेक्टर पद से हटाए गए आलोक वर्मा की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कई अहम निर्देश दिए. आइए, जानें फैसले की अहम बातें. 1-सीजेआई गोगोई ने कहा कि सीबीआई के अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव कोई नीतिगत फैसले नहीं लेंगे. उन्हें सिर्फ रूटीन काम करना होगा. 2-डायरेक्टर आलोक वर्मा के खिलाफ सीवीसी की जांच दो हफ्ते में खत्म करनी होगी. 3-नागेश्वर राव की ओर लिए गए सभी फैसले बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपे जाएं. 4-सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एके पटनायक आलोक वर्मा के खिलाफ सीवीसी जांच की निगरानी करेंगे. 5-सीजेआई ने कहा, देश के हितों को देखते हुए सीबीआई मामले को हम ज्यादा दिन तक नहीं खींच सकते. छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और एक एनजीओ द्वारा दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई.

सीबीआई मामले में की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा है कि वह इस मामले को देखेंगे, उन्होंने सीवीसी से अपनी जांच अगले 2 हफ्ते में पूरी करने को कहा है, ये जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एके पटनायक की निगरानी में होगी. चीफ जस्टिस ने कहा कि देशहित में इस मामले को ज्यादा लंबा नहीं खींच सकते हैं. आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है. उन्होंने सरकार से पूछा है कि किस आधार पर आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजा गया है. इस मामले में अब 12 नवंबर को अगली सुनवाई होगी. CJI ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस स्थिति में बस इस मामले पर सुनवाई होगी कि ये प्रथम दृष्टया केस बनता है या नहीं.

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सौजन्य : फेसबुक

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