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सियासत

लाल क़िला पर झंडा फहराने वाला तो भाजपाई निकला! देखें तस्वीर

पंकज चतुर्वेदी-

सब तस्वीर साफ हो रही है कि केंद्रीय दिल्ली में किसानों के नाम पर जो हिंसा हुई वह सत्ता षड्यंत्र ही है। असल में सरकार के साथ बातचीत कर चुके किसान संगठनों की सभी संगतें तो तयशुदा समय पर तयशुदा रुट पर ही निकली। कोई एक लाख ट्रेक्टर दिल्ली की बाहरी सीमा पर रहे।

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आईटीओ अर्थात सेंट्रल दिल्ली पहुंचने वाले कुछ हज़ार लोग या तो राकेश टिकैत के साथ जुड़े थे या सिंघु बॉर्डर पर आउटर रिंग रोड क्रॉस कर एसए कुछ लोग थे।

लाल किले पर पंथ का झंडा फशरने के वीडियो को ध्यान से देखा तो साफ हो गया कि उस उपद्रवी भीड़ का नेतृत्व दीप संधू कर रहा था। मेरे द्वारा पूर्व में पोस्ट वीडियो में वह साफ दिखेगा। दीप संधू गुरदासपुर से सांसद सन्नी देवल का दाहिना हाथ है औऱ उसे किसान संगठन मंच से भाषण से रोक चुके हैं।

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गाजीपुर सीमा से टिकैत के वे लोग भैरो रॉड होते हुए घुसे जो कभी उस जाट महापंचायत में शामिल थे जिसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक दंगे हुए थे इन लोगों ने उत्तराखंड से आए सिख किसान प्रदर्शनकारियों को उकसाया।

दीप सिद्धू कौन है? यह कुछ फोटो से स्पष्ट हो जाएगा।

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अब दिल्ली पुलिस ने दीप औऱ ऐसे ही कुछ उपद्रवियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। असल में उन्हें सेफ कस्टडी में रखा गया है क्योंकि किसान संगठन अपना आंदोलन को बदनाम करने की इस साजिश से वाकिफ हैं।

मेरी आशंका नहीं थी मुझे इनपुट्स थे जी दल्ली पुलिस हिंसा साजिश का ही फिर से इस्तेमाल कर आंदोलन को कुचलेगी।
इस बीच नागलोई के आसपास इंटरनेट व मोबाइल पर रोक लगा दी है। दिल्ली में कोरोना गाइड लाइन के तहत सभी बड़े समारोह पर पाबंदी की गई है।

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पत्रकार को सवाल नेता से करना चाहिए, सरकार से करना चाहिए, आंदोलनकारी से नहीं!

सरकार जी को चंपुओं और मीडिया ने गुमराह कर दिया

किसान आंदोलन और गोदी मीडिया : …तब टीवी एंकरों को शर्म नहीं महसूस हुई!

https://youtu.be/9FcX4cTg91o
https://youtu.be/EQmln3nvZ4c
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