पिछले दिनों पत्रकार एसएन विनोद के नेतृत्व में ‘जिया इंडिया’ नामक एक राष्ट्रीय हिंदी मैग्जीन लांच हुई थी. इस मैग्जीन को लांच करने से पहले जिया न्यूज नामक चैनल को बंद कर सैकड़ों मीडियाकर्मियों को पैदल कर दिया गया था. उन्हीं विवादों और आरोपों के बीच जिया इंडिया नामक मैग्जीन लांच हुई थी. अब खबर है कि जिया न्यूज की तरह हाल जिया इंडिया का भी होने जा रहा है. तीन-तीन महीने से यहां सेलरी नहीं मिली है. पत्रकारों का हाल बेहाल है.
बड़े बड़े दावे करने वाले पत्रकार एसएन विनोद पत्रकारों के शोषण पर चुप हैं. वे कभी जिया इंडिया को अपने जीवन की अति महत्वाकांक्षी पत्रिका कहा करते थे. लेकिन कनिष्ठ और वरिष्ठ पत्रकारों को बीते तीन महीने से सैलरी न देकर वह संकेत दे रहे हैं कि मैग्जीन का भविष्य अच्छा नहीं है. बता दें कि नवंबर की सैलरी जनवरी में दी गई और दिसंबर की सैलरी फरवरी 18 तक भी नहीं दी गई, एसएन विनोद की टीम में वरिष्ठ पत्रकार गुंजन सिन्हा, विभूति कुमार रस्तोगी, अर्चना तिवारी, एआर आजाद सहित ग्राफिक्स डिजायनर मो. अनवारूल हक आदि हैं. सेलरी न मिलने से सभी पत्रकारों के सामने बड़ा संकट खडा हो गया है.
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