‘नया लक्ष्य’ अखिलेश के हाथों लांच कराने वाले संजय ने लखनऊ के पत्रकारों को दिखाया उद्यमिता और सफलता का चरम लक्ष्य

शानदार, शानदार और शानदार… ‘नया लक्ष्य’ और संजय शर्मा के लिए सिर्फ यही कहा जा सकता है. लखनऊ की पत्रकारिता में संजय ने वो मुकाम हासिल कर लिया है जहां तक पहुँचना असंभव नहीं तो मुश्किल बहुत है. संजय की पत्रकारिता उन लोगों के लिए प्रेरणा जरूर बन सकती है जो अपने दम पर कुछ करना चाहते हैं. दस साल पहले जब संजय ने वीकएंड टाइम्स शुरू किया था तब लोगों ने इसे हलके में लिया था मगर इस साप्तहिक ने देश भर में अपनी अच्छी रिपोर्टिंग से एक ख़ास मुकाम बना लिया. मई में संजय ने अपना अखबार 4PM लॉन्च किया और छह महीने में ही इस अखबार ने लोकप्रियता के वो रिकॉर्ड बना लिए जिसके लिए लोग तरसते हैं.

राष्ट्रीय पत्रिका ‘सिर्फ जनपक्ष’ का उत्तराखंड मुख्यमंत्री ने किया भव्य विमोचन

राष्ट्रीय पत्रिकाओं में एक और नाम जुड़ गया. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर ‘सिर्फ जनपक्ष’ नामक राष्ट्रीय पत्रिका का विमोचन किया. हरीश रावत का मानना है कि यह राष्ट्रीय पत्रिका समाज के अनछुए पहलुओं को उजागर करने में अग्रसर होने वाली है और पूरे देश को इससे बहुत आशाएं हैं.

‘कला स्रोत’ त्रैमासिक पत्रिका का लोकार्पण 29 को

पत्रकार और कला समीक्षक आलोक पराड़कर द्वारा सम्पादित ‘कला स्रोत’ त्रैमासिक पत्रिका का लोकार्पण 29 अप्रैल को अपराह्न 4.30 बजे लखनऊ के अलीगंज स्थित कला स्रोत केन्द्र परिसर में होगा।  कला, संगीत और रंगमंच पर आधारित इस पत्रिका के लोकार्पण समारोह  के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध रंगकर्मी एवं फिल्मकार रंजीत कपूर होंगे जबकि अध्यक्षता वयोवृद्ध रंग अध्येता कुंवर जी अग्रवाल करेंगे। गौरतलब है कि ‘जाने भी दो यारो’, ‘कभी हां कभी ना’, ‘लीजेण्ड आफ भगत सिंह’, ‘बैण्डिट क्वीन’ सहित कई लोकप्रिय फिल्मों के संवाद एवं पटकथा लेखक रंजीत कपूर ने ‘चिण्टू जी’ के बाद हाल में ही ‘जय हो डेमोक्रेसी’ फिल्म का निर्देशन किया है।

‘जिया इंडिया’ मैग्जीन के बुरे दिन, मीडियाकर्मियों को तीन महीने से वेतन नहीं

पिछले दिनों पत्रकार एसएन विनोद के नेतृत्व में ‘जिया इंडिया’ नामक एक राष्ट्रीय हिंदी मैग्जीन लांच हुई थी. इस मैग्जीन को लांच करने से पहले जिया न्यूज नामक चैनल को बंद कर सैकड़ों मीडियाकर्मियों को पैदल कर दिया गया था. उन्हीं विवादों और आरोपों के बीच जिया इंडिया नामक मैग्जीन लांच हुई थी. अब खबर है कि जिया न्यूज की तरह हाल जिया इंडिया का भी होने जा रहा है. तीन-तीन महीने से यहां सेलरी नहीं मिली है. पत्रकारों का हाल बेहाल है.

‘ओपन’ मैग्जीन का ये अंक खरीदकर रख लीजिए

Vineet Kumar : ओपन मैगजीन का नेहरू पर ये अंक कई मायने में खास है. एक तो इसलिए भी कि नेहरू पर एक साथ जितनी सामग्री आपको चालीस रूपये में मिल जाएगी, उतनी किसी किताब में कम से कम तीन से चार सौ रूपये में मिलेंगे.