माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बीके कुठियाला भगोड़ा घोषित कर दिए गए है. भोपाल की एक अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. कुठियाला पर नियुक्ति में फर्जीवाड़े और आर्थिक घपले का आरोप है. कुठियाला 31 अगस्त 2019 को कोर्ट में पेश नहीं हुए तो उनकी संपति कुर्क करने की कार्यवाही शुरू हो जाएगी. कुठियाला इन दिनों हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा आयोग के अध्यक्ष पद पर पदस्थ हैं. लोगों में चर्चा है कि यदि हरियाणा सरकार का सरंक्षण कुठियाला को प्राप्त न होता तो अभी तक उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता.
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (एमसीयू) में नियुक्ति और आर्थिक अनियमितताओं के मामले में फंसे पूर्व कुलपति प्रोफेसर बीके कुठियाला की अग्रिम जमानत के आवेदन को भोपाल की एक अदालत ने नामंजूर कर दिया है. कुठियाला इस समय हरियाणा स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल के चेयरमैन हैं. शनिवार को न्यायाधीश संजीव पांडे ने कुठियाला की अग्रिम जमानत अर्जी नामंजूर करने के आदेश दिए.
जिला अभियोजन कार्यालय भोपाल के मीडिया सेल प्रभारी योगेश तिवारी ने बताया कि अपराध क्रमांक 14/19 धारा 409, 420, 120 बी भादवि एवं भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन अधिनियम, 6 म.प्र. लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों व अन्य पिछड़े वर्गों के लिये आरक्षण) अधिनियम 1994 में आरोपी ब्रजकिशोर कुठियाला को अदालत ने फरार घोषित किया है.
आरोपी ब्रजकिशोर कुठियाला पर आरोप है कि उन्होंने माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल में वर्ष 2003 से दिसंबर 2018 तक की अवधि में अवैध नियुक्तिया कीं तथा अवैधानिक व्यय किये. शनिवार को अदालत ने इस मामले में आरोपी बृजकिशोर कुठियाल की ओर से पेश अग्रिम जमानत की अर्जी नामंजूर करने के आदेश दिए.
अब यहां एक नया सवाल भी पैदा हो रहा है कि जब कुठियाला पहले से विवादित व्यक्ति रहे हैं तो हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उन्हें किस आधार पर स्टेट एडुकेशन कॉउंसिल का चेयरमैन बना दिया? क्या भाजपा सरकार ऐसे व्यक्तियों को भी संवैधानिक पदों पर मनोनीत कर देती है जिनके विरुद्ध पहले गम्भीर धाराओं में मामला दर्ज होता है और वो जाँच में शामिल नहीं होते?
Ashutosh Mishra
July 25, 2019 at 6:56 pm
Jahan Jahan Pade Pair Durjan Ke , Vahan Vahan Bantadhar