माखनलाल विवि के पूर्व कुलपति कुठियाला भगोड़ा घोषित, हाजिर न हुए तो संपत्ति कुर्क होगी

माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बीके कुठियाला भगोड़ा घोषित कर दिए गए है. भोपाल की एक अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. कुठियाला पर नियुक्ति में फर्जीवाड़े और आर्थिक घपले का आरोप है. कुठियाला 31 अगस्त 2019 को कोर्ट में पेश नहीं हुए तो उनकी संपति कुर्क करने की कार्यवाही शुरू …

माखनलाल के चार मास्टरों का तबादला, देखें लिस्ट

मध्य प्रदेश में भाजपा वाली शिवराज सिंह की सरकार जाने के बाद कांग्रेस के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आते ही माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से सफाई शुरू कर दी है. संघी बैकग्राउंड वाले अकर्मण्य मास्टरों को एक-एक कर खबर ली जा रही है.

पत्रकारिता के नए छात्रों को ‘सत्य के संधान’ का लेक्चर दे आए शशिशेखर!

आजकल के दौर में मुख्यधारा के संपादक, अखबार और चैनल सत्य की कतई पत्रकारिता नहीं कर रहे हैं. वे झूठ की, सत्ता की, कारपोरेट की, लालच की, अवसरवादिता की, जन विरोध की पत्रकारिता कर रहे हैं. बिड़ला खानदान के अखबार हिंदुस्तान के समूह संपादक हैं शशि शेखर. अंबानी के चैनल न्यूज18इंडिया के एंकर हैं सुमित …

‘डीबी पोस्ट’ की खबर पर ‘माखनलाल’ में बवाल, एक शिक्षक ने खोला अखबार के खिलाफ मोर्चा

Sanjay Dwivedi : भोपाल का एक अंग्रेजी अखबार इन दिनों माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की छवि खराब कर रहा है। विगत 27 अगस्त, 2017 को उसने जो खबर छापी है उसे लेकर अखबार की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करती है। अज्ञान, दुर्भावना और साजिशन लिखी गयी खबरें कैसै आपको गिराती हैं, यह खबर उसका उदाहरण है। अखबार लिखता है विश्वविद्यालय में अल्पसंख्यकों के त्यौहारों पर अवकाश नहीं होगा क्योंकि यहां आरएसएस का एजेंडा चल रहा है।

विश्व संवाद केंद्र भोपाल ने महर्षि नारद जी का सम्मान किया या अपमान?

आज के पत्रिका और कुछ अन्य समाचार पत्रों में खबर पढ़ी कि विश्व संवाद केंद्र भोपाल ने आदि पत्रकार महर्षि नारद जी की जयंती के अवसर पर कुछ पत्रकारों को सम्मानित किया। मुझे सम्मानित किये गये पत्रकारों की सूची में एक ऐसे पत्रकार का नाम पढ़कर बहुत ताज्जुब हुआ जो पत्रकार से अधिक ब्लैकमेलर के रूप में जाना जाता है। जिसे पत्रकारिता के आधारभूत सिद्धांतों और मूल्यों का भी ज्ञान नहीं है।

पुष्पेन्द्र पाल के माखनलाल विश्वविद्यालय से जाने से छात्रों में गहरी टीस, वीसी से नफरत

पुष्पेन्द्र पाल  सिंह  के बच्चों  की दुनिया  और  क्लास रूम से दूर चले जाने को सिर्फ वही  समझ सकता है, जो उनसे पढ़ा हो या जो उनको करीब से जानता हो। रवीश कुमार जब अपने लेख ‘कभी रवीश कुमार मत  बनना’ में मीडिया और कम्युनिकेशन शिक्षा के दुर्गति की बात करते हैं तो अनायास ही आँखों के सामने अपना माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय घूमने लगता है। कैसे एक कुलपति (कुलनाशपति) किसी अच्छे शैक्षणिक संस्थान को बर्बाद करता है, इसको हम लोगों ने बड़े क़रीब से देखा है। 

तो इसलिए टेलीविजन मीडिया में दर्शक हाशिए पर जा रहा है

भोपाल, 1 अगस्त । प्रख्यात जनसंचार शास्त्री मार्शल मेक्लुहान का कथन है कि ‘माध्यम ही संदेश है’। वर्तमान भारतीय मीडिया की स्थिति को देखकर आज यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि ‘स्वामित्व ही संदेश है’। आज समाचारपत्र, टेलीविजन एवं अन्य मीडिया संस्थानों के मालिकों द्वारा तय किए गए विचार ही मीडिया में दिखाई देते हैं। यह विचार आज माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में वरिष्ठ पत्रकार श्री मुकेश कुमार ने व्यक्त किए।

ये कैसा आक्रोश है जो माखनलाल के एक एचओडी पर गाज गिरने के बाद ही भड़कता है!

Mayank Saxena : भोपाल से पत्रकारिता विश्वविद्यालय विवाद की आवाज़ें थोड़ी बहुत सुन रहा हूं और हंस रहा हूं। आखिर ये किस तरह का आक्रोश है, जो हर बार तब ही भड़कता है और आंदोलनधर्मी हो जाता है, जब किसी एचओडी पर गाज गिरती है? क्या जब एचओडी को पद से नहीं हटाया गया था, तब हालात अच्छे थे? क्यों आखिर हर बार इस नौटंकी का इंतजार किया जाता है?

माखनलाल के एचओडी पुष्पेंद्रपाल सिंह पद से हटाए गए

माखनलाल पत्रकारिता विवि में एक बार फिर से हाफ चड्ढा छाप कुलपति ने सोशलिस्ट और छात्रों के हितों के रक्षक पुष्पेंद्रपाल सिंह को पत्रकारिता विभाग के एचओडी पद से ऐसे मौके पर हटाया, जब विवि परिसर छात्रों से खाली है। उसके बावजूद सोशल मीडिया पर ‪#‎लड़ाई‬ जारी है का हैशटैग लगा कर छात्र पिछले तीन दिनों से पीपी सिंह के साथ खड़े हैं। 

 

पत्रकार मदनमोहन जोशी और श्यामलाल यादव को ‘गणेश शंकर विद्यार्थी सम्मान’

भोपाल : माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्व विद्यालय में गत दिनो आयोजित एक समारोह में वर्ष 2012 का ‘गणेश शंकर विद्यार्थी सम्मान’ वरिष्ठ पत्रकार मदन मोहन जोशी को एवं वर्ष 2013 का सम्मान युवा पत्रकार श्यामलाल यादव को प्रदान किया गया। साथ ही, सांस्कृतिक एवं खेलकूद प्रतिभा-2015 का पुरस्कार वितरण भी किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं मंचासीन अतिथियों ने साकेत दुबे की पुस्तक ‘डॉ.धर्मवीर भारती: पत्रकारिता के सिद्धान्त’ एवं मनोज चतुर्वेदी की पुस्तक ‘महात्मा गांधी और संवाद कला’ का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र के लिए अनिवार्य है। उसने देश की राजनीति को नई दिशा दी है। पत्रकारिता नहीं होती तो आज देश की राजनीति की दिशा-दशा कुछ और होती। दादा माखनलाल चतुर्वेदी का जीवन हमारे लिए आज भी प्रकाश पुंज है। 

पत्रकार मदनमोहन जोशी और श्यामलाल यादव को सम्मानित करते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

126वीं जयंती पर कर्मवीर विद्यापीठ में माखनलाल चतुर्वेदी की पत्रकारिता को नमन

खंडवा (म.प्र.) : माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल के परिसर कर्मवीर विद्यापीठ, खंडवा में आज 4 अप्रैल को पं. माखनलाल चतुर्वेदी की 126 वीं जयंती पर व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। 

आज है माखनलाल जयंती : मजीठिया मांग रहे पत्रकार इस मीडिया पर गर्व करें कि शर्म !

राष्ट्र के स्वाभिमान की रक्षा के लिए माखनलाल चतुर्वेदी ने लिखा कि ‘बिजली के प्रकाश में बैठकर लिखने वाले की अपेक्षा, जो रोटी बेंचकर तेल खरीदता है और फिर लिखता है उसकी ओर ध्यान देना जरूरी है, ऐसे साहित्यिक की सेवा करते हुए जो दिखाई दे उसे मेरा वन्दन है।…गरीब साहित्यिक से बड़ा मैं दुनिया में किसी को नहीं मानता। साधनहीनता में छटपटाने वाले साहित्यिक की ओर पुरानी व नयी पीढ़ियों का ध्यान किया जाना ही चाहिए। गद्दियों और सिंहासनों को चाहे जो चुनौती दे, परन्तु मृगछाला पर बैठे बृहस्पति को कोई चुनौती नहीं दे सके, यह मेरी साध है।’ 4 अप्रैल 1925 को जब खंडवा से उन्होंने ‘कर्मवीर’ का पुनः प्रकाशन किया तो उनका आह्वान था- ‘आइए, गरीब और अमीर, किसान और मजदूर, ऊंच-नीच, जित-पराजित के भेदों को ठुकराइए। प्रदेश में राष्ट्रीय ज्वाला जगाइए और देश तथा संसार के सामने अपनी शक्तियों को ऐसा प्रमाणित कीजिए, जिस पर आने वाली संतानें स्वतंत्र भारत के रूप में गर्व करें।’ 

A lecture on ‘Role of Media in Intellectual Growth of the Nation’ was organised by Journalism University

Bhopal, January 30: Every nation has its own nature and behaviour. And development could b achieved only when the policies are made according to the nature otherwise there will be deformation. The first intellectual development of the human beings occur at the home and then in the society. Today, media has to play a great role in the intellectual growth of the human beings. Therefore, media should first understand the cultural India then transfer the knowledge to the people.

Save Scholar’s Career from Dictatorship of VC Prof. B.K. Kuthiala

: Mental torture being faced by Mass Communicaton Ph.D. Scholars : Student Forum of Makhanlal Chaturvedi National University of Communication and Journalism would like to bring to your notice that mental torture being faced by Mass Communicaton Ph.D. Scholars in University. As we would like to tell you that Application for Ph.D. were invited in the 2011, entrance examination was conducted on 29th January 2012, Entrance Exam was held at the University campus. Result  of Which came on 16 May 2012. The Course work commence on 13th February 2013 and the Result of course work was announced on 23rd December 2013.

Short film ‘Ek Bharatiya Aatma’ by Journalism University gets PRSI Award

: The film was adjudged as the ‘Best Corporate Film’ by PRSI at 36th All India Public Relations Conference held at Jaipur : Bhopal : A short film made by Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, ‘Ek Bharatiya Aatma’ was adjudged as the ‘Best Corporate Film’ at 36th All India Public Relations Conference held at Jaipur and was awarded with Public Relations Society of India (PRSI) award. The university has made a film on Makhanlal Chaturvedi’s life and the educational and academic activities of the university titled, ‘Ek Bharatiya Aatma’. The conference was organized at Jaipur from December 19 to 21. The award, on the university’s behalf, was received by the head of Advertising and Public Relations Department, Dr Pavitra Shrivastava and head of Management Department Dr Avinash Bajpai.

माखनलाल में मेरी पांच साल की पढ़ाई और आज की विज्ञापनी पत्रकारिता

सम्पादकीय पर विज्ञापन इस कदर हावी है कि लगता ही नहीं कहीं पत्रकारिता हो रही है। ये दौर ऐसा है कि हर कुछ को चाटुकारिता की चाशनी में बार-बार डुबाया जाता है और इसे ही सच्चा बताकर पेश किया जाता है। पत्रकार बनने का सपना लिए हमने 5 साल माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल में गुजारे। काफी गुर भी सीखे। पत्रकारिता की बारीकियों को हमारे गुरुओं ने हमें दम भर सिखाया। इंटर्नशिप ट्रेनिंग के लिए हमें दिल्ली आजतक भी भेजा। लेकिन पढ़ा था कि विज्ञापन और सम्पादकीय दो अलग चीजें होती हैं। लेकिन जब सच्चाई का सामना हुआ तो दिल के टुकड़े हजार भी हुए। हर समय विज्ञापन हावी रहा सम्पादकीय पर।

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भ्रष्टाचार और गिरीश उपाध्याय

भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भ्रष्टाचार का गढ़ बनता जा रहा है। इसका सीधा असर यहां पर अध्ययनरत भावी पत्रकारों पर पड़ रहा है। दूसरी बार कुलपति बने प्रो. बीके कुठियाला तांडव के खिलाफ एक युवा पत्रकार ने मोर्चा खोल रखा है। यहां हुई अवैध नियुक्तियों से विवि की छवि धूमिल हुई है। इंदौर घराने के सांध्य दैनिक 6 पीएम समाचार पत्र जिसे अभी-अभी एक साल भोपाल में शुरू हुआ है, में युवा पत्रकार गिरीश उपाध्याय पत्रकारिता विश्वविद्यालय की लगातार कलई खोल रहा है।  हर पांच छह दिन के अंतराल से एकाध खबर दे रहा है। 

वो माखनलाल के वीसी बनाए ही इसलिए गए हैं ताकि नए मिथक गढ़ सकें….

Mohammad Anas : ताकि लोग यह न कहें कि हमने अपनी ज़िम्मेदारियों से मुंह मोड़ वह सब होने दिया जिसे नहीं होना चाहिए था… इसे ऐसे ही लिख रहा हूं…  क्रांति नहीं समझिएगा क्योंकि जिस छोटी सी बात का निवेदन कर रहा हूं आगे, वह बहुत बड़ी बात नहीं है जो आपसे न हो सके. करने की कोशिश कीजिएगा..बस कोशिश… वहां बच्चों को पार्ट टाइम जॉब करने की मनाही है. कोर्स खत्म होने के बाद प्लेसमेंट नहीं है. रैगिंग हो रही है, यूनिवर्सिटी प्रशासन यूजीसी को फर्जी तौर पर कहता है कि एफआईआर हो चुकी है. नौकरियों में धांधली पिछले कई सालों से बिना रोक टोक के जारी है. कैम्पस के भीतर धार्मिक गतिविधियों से लेकर आरएसएस के पतलू, मोटू, छोटू, लम्बू सबका हैप्पी बड्डे धूमधाम से मनाया जा रहा है. वाइस चांसलर इतना चमत्कारी और विद्वान है कि उसके समकक्ष कोई दूसरा ज्ञानी ‘व्यापम के घोटालेबाज़ों’ को नहीं मिला और एक बार फिर से नौकरी बजाने और वीसी बने रहने की ज़िम्मेदारी दे दी गई.

छेड़छाड़ के आरोप में माखनलाल के तीन छात्र सस्पेंड

हमेशा विवादों में रहने वाला भोपाल स्‍थित माखनलाल विवि एक बार फिर से विवादों में फंस गया है। अब यहां के मास कम्‍युनिकेशन डिपार्टमेंट की एक छात्रा को न्‍यू मीडिया विभाग के तीन छात्रों ने कैंपस में ही छेड़ दिया। छात्रा का आरोप है कि इन छात्रों ने उसे अपशब्‍द कहे और छेड़खानी की। इस छात्रा ने विवि के कुलपति बीके कुठियाला से इसकी शिकायत की। इसके बाद तीनों आरोपी छात्रों को सस्‍पेंड कर दिया गया।