लखनऊ : आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर अपने खिलाफ दर्ज बलात्कार झूठे मामले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए साक्ष्यों के साथ सीओ के दफ्तर पहुंचे तो सीओ चुपचाप खिसक लिए। आखिरकार उन्हें सीओ के पेशकार को अपना सफाई पत्र रिसीव कराना पड़ा। ठाकुर ने पत्र में तीन नंबरों की कॉल डिटेल से मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला और मंत्री के परिचित, एक महिला आयोग की सदस्य समेत एक अन्य के बीच बातचीत का ब्योरा मिलने का दावा किया है। साथ ही उन्होंने इस मामले में पूर्व में पुलिस द्वारा दिए गए तथ्यों को भी हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है।
गौरतलब है कि ठाकुर के खिलाफ 11 जुलाई को गाजियाबाद की एक महिला ने नौकरी का झांसा देकर रेप का मुकदमा दर्ज कराया था। इस महिला ने दिसंबर में ही अमिताभ पर रेप का आरोप लगाते हुए एसएसपी समेत कई अधिकारियों से शिकायत की थी। पुलिस ने महिला की तहरीर पर अमिताभ के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया था। इसके बाद महिला ने कोर्ट में मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। कोर्ट ने पुलिस से मामले की रिपोर्ट मांगी तो पुलिस ने मामले को फर्जी बताया था।
ठाकुर ने आरोप लगाया है कि 11 जुलाई को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के खिलाफ धमकी का मुकदमा दर्ज करने की तहरीर हजरतगंज में दी, इसी दिन शाम में अमिताभ ठाकुर के खिलाफ गोमतीनगर में रेप का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इस मुकदमे की जांच सीओ गोमतीनगर सत्यसेन यादव कर रहे हैं। अमिताभ ठाकुर ने सीओ गोमतीनगर से एक दिन पहले शनिवार को फोन कर रविवार को 12 बजे मिल कर बयान देने आने का समय लिया।
ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन रविवार को तय समय पर सीओ कार्यालय पहुंचे। जहां सीओ ऑफिस में नहीं मिले। अमिताभ ने सीओ के सरकारी नंबर पर काल की तो स्विचऑफ मिला। इसके बाद अमिताभ ने मुकदमे को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कई बिंदुओं वाला पत्र सीओ के पेशकार भृगुनाथ ओझा को रिसीव कराया और चले गए। इस दौरान अमिताभ ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठाए। पेशकार को पत्र देकर अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन लौट गए।