जयवीर पुंडीर जी ने आर्थिक सहायता के लिए मुख्यमंत्री को जो पत्र लिखा है, उसके बारे में नेशन वन का जयवीर पुंडीर जी से यही कहना है कि, आपको भुगतान देने के लिए कभी मना नहीं किया गया है। जब भी आपका फ़ोन आया तो उसे अटेंड किया गया और प्यार से बात की गई। उल्टा आपका व्यवहार ही असंसतोषजनक रहा।
आप कहते फिर रहे हैं कि, वेतन नहीं दिया जा रहा जबकि, आपको याद दिला दें, अभी हाल ही में आपके खाते में 5000 रुपए डाले गए। बाकी का भुगतान भी कर दिया जाएगा। इसके साथ ही आप अपना हिसाब भी सही कर लें।
यह तो आप भी जानते हैं वैश्विक महामारी कोरोनाकाल में सभी व्यवसाय ठप से हैं। इससे प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया भी अछूता नहीं है। इसी में हमारा चैनल भी शामिल है।
धीरे-धीरे व्यवस्था पटरी पर लौटने से आपकी समस्या का पूर्ण निदान कर दिया जाएगा। आप भी जानते हैं कोरोना काल के दौरान चैनल से जो बन पड़ा, वो किया गया। आपको व स्टाफ के बाकी साथियों को भी राशन व खान-पान की अन्य वस्तुओं का वितरण भी किया गया ताकि किसी को कोई परेशानी न हो।
लेकिन, इसके बावजूद चैनल ने कभी आपके कार्य पर कभी कोई अंगुली नहीं उठाई। चाहे वो आपके समय से दो-दो घण्टे लेट आने की बात रही हो या जल्दी जाने की। चैनल ने आपको आपकी शर्तों पर इनपुट-आउटपुट (असाइनमेंट हैड / चैनल हैड /प्रोग्रामिंग हैड) के रूप में काम करने की ज़िम्मेदारी भी दी।
आप स्वयं बताएं इतने बड़े पद पर होते हुए भी आपने चैनल की बेहतरी के लिए क्या किया, अगर थोड़ा बहुत भी प्रयास किये होते तो न केवल हमें थोड़ा बहुत विज्ञापन मिलते रहते बल्कि, राजस्व की प्राप्ति भी होती रहती और फिर इस तरह की नौबत भी नहीं आती कि, आपको अपने वेतन के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखना पड़ता।
संकट के समय में इनपुट-आउटपुट (असाइनमेंट हेड / चैनल हैड / प्रोग्रामिंग हेड) की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि, वो संस्थान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलें ताकि, सभी का भला हो सके और चैनल भी तरक्की करे।
भवदीय,
नेशन वन टीवी
देहरादून
उत्तराखंड
मूल खबर-