एक अनजान मजदूर इन दिनों सोशल मीडिया पर धूम मचाए हुए है. यह मजदूर दीवाल पेंटिंग का काम करता है. वीडियो में मजदूर एक घर में पुताई का काम करके बैठा आराम फरमा रहा है और एक ग़ज़ल गुनगुना रहा है. दूसरा मजदूर दीवाल सफाई के काम पर लगा हुआ है. पेंट करने वाला मजदूर यानि पेंटर जो शायरी गा रहा है उसे शायर नाज़िम अली ने लिखा है. पेंटर की जादू भरी आवाज़ दिल में उतर जाती है. पेंटर का इतने प्यार से गाना इस शायरी को चार चांद लगा गया है.
ह्वाट्सएप, फेसबुक, ट्वीटर, यूट्यूब आदि प्लेटफार्म्स पर यह वीडियो जमकर शेयर किया जा रहा है और सराहा जा रहा है. पेंटर जो ग़ज़ल गा रहा है, शायर नाज़िम अली द्वारा लिखित, उसकी लाइनें यूं है :
साहिल पे खड़े हो तुम्हें क्या ग़म चले जाना
मैं डूब रहा हूँ… अभी डूबा तो नहीं हूँ
ए वादा फ़रामोश मैं तुझसा तो नहीं हूँ …
हर ज़ुल्म तेरा याद है भूला तो नहीं हूँ…
चुपचाप सही मसलेहतन वक़्त के हांथों…
मजबूर सही वक़्त से हारा तो नही हूँ..
-नाज़िम अली
पेंटर द्वारा गाये गए वीडियो को देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें : https://www.youtube.com/shared?ci=ysXbxdTwq8k