समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार अपना वेतन माँगना एक गुनाह जैसा होता जा रहा है। मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार अपनी मजदूरी मांगने पर श्रीगंगानगर जिले के एक साथी को सेवा समाप्त किए जाने का पत्र थमा दिया गया है लेकिन पत्रिका प्रबंधन को शायद ये नहीं पता कि कुछ साथी अंगार से भी खेलना जानते हैं। श्रीगंगानगर के इस साथी ने ज्वाइन तो किया था राजस्थान पत्रिका में और काम भी राजस्थान पत्रिका के लिए ही कर रहा था मगर पता नहीं कब उसे एक प्लेसमेंट एजेंसी फोर्टफोलिज प्राइवेट लिमिटेड में डाल दिया गया।
इस साथी ने उज्जवल भविष्य के लिए मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन माँगा तो फोर्टफोलिज का लेटर मिला जिसमें लिखा गया था कि आपको एक जुलाई 2013 को पत्र द्वारा दो वर्ष की अवधि के लिए नियुक्त किया गया था और उक्त अवधि में 30 जून 2015 से 31 जुलाई 2016 तक के लिए वृद्धि की गयी थी। इसे अब प्रबंधन ने आगे नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया है। अतः एक अगस्त 2016 से आप फोर्ट फोलिएज प्राइवेट लिमिटेड की सेवाओं से सेवामुक्त समझें। इस पत्र में ये भी लिखा है आपका जो भी हिसाब बनता है नोड्यूज सार्टिफिकेट प्रस्तुत कर आप कार्यालयीन कामकाज के दौरान लेखाविभाग गंगानगर शाखा से प्राप्त कर लें।
इस पत्र में ये नहीं लिखा गया है कि फोर्टफोलिएज ने इस कर्मचारी से क्या काम लिया और उसे किस पद पर रखा और जिस फोर्टफोलिएज प्राइवेट लिमिटेड के लेटरहेड का इस कर्मचारी का सेवा समाप्त करने में इस्तेमाल किया गया, उस पर भी ये नहीं लिखा है कि फोर्ट फोलिएज प्राइवेट लिमिटेड करती क्या है। अब कोई भी शायद इस बात का जवाब नहीं दे पायेगा कि फोर्ट फोलिएज प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी इस तरह कैसे किसी पत्रकार के कैरियर से खिलवाड़ कर सकती है? पीड़ित कर्मचारी ने श्रमायुक्त कार्यालय में इस बाबत आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट
9322411335
ये भी पढ़ें….
Labour commissioner submitted wrong report on wage board : Patil
xxx