दैनिक जागरण के नोएडा कार्यालय में जागरण की ही एक महिला कर्मचारी से मारपीट की गई। इस कर्मचारी ने संस्थान के उस वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत मिश्रा पर यौन शोषण का आरोप लगाया है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी बताए जाते हैं और वह इस समय मोदी जी की इमेज चमकाने में लगे हैं, ताकि उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस कोई कार्रवाई न करे। इससे पहले संस्थान के गेट पर संस्थान के मुख्य उपसंपादक श्रीकांत सिंह से मारपीट की गई थी और पुलिस ने दैनिक जागरण के प्रभाव के कारण एसएसपी के आदेश के बावजूद तीन महीने बाद भी मामला दर्ज नहीं किया है।
अब यह
बात साफ हो गई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शह पर देश की महिलाओं की इज्जत सुरक्षित नहीं रह गई है। उनकी इमेज चमकाने वाले पत्रकार महिलाओं के साथ कुछ भी करें, लेकिन दिल्ली पुलिस उनका बाल भी बांका नहीं होने देगी। इस मामले को निर्भया कांड से जोड़ कर देखा जा सकता है।
घटनाक्रम के अनुसार, महिला कर्मचारी को यौन शोषण मामले में समझौता करने के लिए नोएडा आफिस बुलाया गया था। प्रबंधन उस पर सादे कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाने लगा। महिला कर्मचारी ने सादे कागज पर हस्ताक्षर करने से साफ इनकार कर दिया। इससे फैक्टरी प्रबंधक बौखला गए और उस महिला कर्मचारी से मारपीट करने लगे। गेट पर तैनात गार्डों ने भी महिला कर्मचारी की कार में तोड़फोड़ करने की कोशिश की।
महिला कर्मचारी को किसी तरह जान बचा कर वहां से भागना पड़ा। जागरण प्रकाशन लिमिटेड अब एक ऐसी कंपनी बन गई है जो अंग्रेजी शासन और ईस्ट इंडिया कंपनी की याद दिलाने लगी है। पाठकों ने यदि इस कंपनी के उत्पाद से किनारा न किया तो मोदी जी के बल पर इस कंपनी के अत्याचार का दायरा बढ़ कर आम आदमी तक पहुंच सकता है। इस कंपनी के गुर्गे तमाम पाठकों को दैनिक जागरण अखबार पढ़ने को बाध्य करने लगे हैं और उन्हें धमका भी रहे हैं।
मजीठिया मंच एफबी वॉल से साभार