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सुख-दुख

7800 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले के आरोपी राहुल कोठारी और अन्य को बचाया जा रहा है!

प्रदीप मिश्रा-

पानपराग और रोटोमेक पेन ग्रुप के मालिक राहुल कोठारी को हाईकोर्ट ने दी जमानत!

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7800 करोड़ रुपये का फर्जी तरीके से सरकारी बैंको से लोन लेकर न चुकाने वाले कानपुर के पानपराग और रोटोमेक पेन ग्रुप के मालिक राहुल कोठारी को इलाहबाद हाईकोर्ट के जस्टिस ओमप्रकाश सप्तम ने अपने रिटायरमेंट के 3 महीने 12 दिन पहले जमानत पर रिहा करने के आदेश 26 मई 2022 को दे दिए! राहुल कोठारी पर 10 साल से लेकर आजन्म कारवास तक की सजा की गंभीर धाराओं के तहत दिल्ली सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट दिल्ली ने एफआईआर दर्ज की थी. इस एफआईआर का आधार सीबीआई और मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय की जांच रिपोर्ट को बनाया गया.

कानपुर के पानपराग और रोटोमेक ग्रुप के मालिक विक्रम कोठारी के इकलौते पुत्र राहुल कोठारी का अडानी ग्रुप से भी रिश्ता है. राहुल कोठारी मशहूर बिजनेसमैन गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी के पुत्र प्रणव अडानी के रिश्ते में साले लगते हैं. विक्रम कोठारी की सुपुत्री नम्रता कोठारी की शादी प्रणव अडानी के साथ हुई है. वहीं राहुल कोठारी इंदौर के प्रख्यात उद्योगपति अग्रवाल कोल और चमेलीदेवी ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन के मालिक विनोद अग्रवाल के दामाद हैं.

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इस प्रकरण में खास बात यह है कि 7 फ़रवरी 2022 को सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने आरोपी राहुल कोठारी को उनके पिता और बैंक फ्रॉड केस के आरोपी विक्रम कोठारी के 4 जनवरी 2022 को असामयिक निधन हो जाने पर 20 जनवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली 3 हफ्ते की अंतरिम जमानत को 2 हफ्ते के लिए बढाया था. 2 मार्च 2022 को राहुल कोठारी ने कोर्ट में सरेंडर किया और मात्र 8 दिन बाद वापस अंतरिम जमानत इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दे दी. बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट के वही जस्टिस ओमप्रकाश सप्तम की एकल पीठ ने 16 मई को सुनवाई कर आर्डर को रिजर्व रख 10 दिन बाद 26 मई 2022 को जमानत दे दी जिन्होंने 11 मई 2021 को राहुल कोठारी की जमानत अर्जी अपराध की गंभीरता और उसमें आरोपी राहुल कोठारी की मुख्य किरदार निभाने की वजह से ख़ारिज की थी. जमानत के लिए भारी सिक्यूरिटी का जिम्मा भी सेशन न्यायालय पर छोड़ दिया.

18 फ़रवरी २०१८ को सीबीआई ने रोटोमैक कंपनी के प्रमोटार विक्रम कोठारी और उनके बेटे राहुल कोठारी के खिलाफ भादवि की धारा 420, 467, 468, 471, 120 B के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (1) (D) और13 (2) के तहत केस दर्ज किया था. विक्रम कोठारी और राहुल कोठारी को दिल्ली में 4 दिन की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था. 22 फ़रवरी २०१८ को दोनों पिता –पुत्र को कानपुर सेशन न्यायालय ने जेल भेज दिया था. 9 महीने जेल में रहने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली थी.

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एफआईआर के मुताबिक, कोठारी पर बैंक ऑफ इंडिया का 754.77 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा का 456.63 करोड़, इंडियन ओवरसीज बैंक का 771.07 करोड़, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का 458.95 करोड़, इलाहाबाद बैंक का 330.68 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ महाराष्ट्र का 49.82 करोड़ रुपए, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का 97.47 करोड़ रुपए बकाया है।

ईडी ने भी उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। उसका क्या हुआ ये किसी को पता नहीं है।

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दूसरी बार 19 मार्च 2020 को मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉर्पोरेट अफेयर के पत्र के आधार पर सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन ऑफिस ने राहुल कोठारी के खिलाफ प्रकरण नंबर ST 577/2020 (SFIO Vs. Rotomac Global Pvt. Ltd. and others) के नाम से कंपनी एक्ट की धारा 36 (C) सहपठित धारा 447, 185, 186, 447, 448 के अलावा कंपनी एक्ट 1956 की धारा 211 सहपठित धारा 688 के तहत दर्ज के गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. राहुल कोठारी पर सरकारी बैंको से 4168 करोड़ रुपये का फर्जी तरीके से लोन लेकर न चुकाने का आरोप था.

11 मई 2021 को इलाहबाद हाईकोर्ट जज ओमप्रकाश सप्तम ने राहुल कोठारी की जमानत अर्जी को ख़ारिज कर दिया था.

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7800 करोड़ रुपये का चूना सरकारी बैंकों को लगाने वाले पानपराग और रोटोमेक पेन ग्रुप के सभी आरोपियों को जमानत पर छोड़ दिया गया और कुछ विदेश भाग गए.

कौन बचा रहा है 7800 करोड़ रुपए का बैंकों को चूना लगाने वाले पान पराग और रोटोमेक ग्रुप के मालिकों और अन्य आरोपियों को?

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राहुल कोठारी को इलाहाबाद हाई कोर्ट से 26 मई 2022 को मिली जमानत का तगड़ा विरोध सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस के विद्वान वकील ने किया था. उसके बाद भी माननीय न्यायालय द्वारा जमानत दी गई. क्या सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) इस जमानत को रद्द करने की अपील सुप्रीम कोर्ट में करेगा?

10 साल से लेकर आजन्म कारावास के आरोपी राहुल कोठारी को हाई कोर्ट से जमानत कैसे मिली… इसका संपूर्ण न्यायिक घटना क्रम जानिए…

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7 फरवरी 2022 को सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) के द्वारा आदर्श ग्रुप ऑफ कंपनीज के आरोपियों राहुल मोदी और अन्य के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट से मिली जमानत के विरोध में सुप्रीम कोर्ट मे स्पेशल लीव पिटिशन (slp criminal) नंबर 5180 – 5181 of 2019 दायर की थी.

खास बात यह है कि इस अपील की सुनवाई में राहुल कोठारी ने अपने वकील श्री मुकुल रोहतगी के द्वारा एक इंटरवेंशन याचिका दायर की और कोर्ट को बताया कि मेरे मुवक्किल राहुल कोठारी की जमानत याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज कर दी! चूंकि हमारे प्रकरण के आधार भी उपरोक्त प्रकरण की तरह है और मेरे मुवक्किल राहुल कोठारी ने भी सुप्रीम कोर्ट मे जमानत याचिका के लिए आवेदन किया है, जिसका सुप्रीम कोर्ट डायरी नंबर 12089 of 2021 जो सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए इस पर भी विचार किया जाए!

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दोनों आवेदन पर बहस सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने आदर्श ग्रुप ऑफ कंपनीज के राहुल मोदी और अन्य आरोपियों को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली जमानत को 7 फरवरी 2022 को खारिज कर दिया.

अब चूँकि 7 फरवरी 2022 को राहुल कोठारी की जमानत पर सुनवाई होनी थी और उसी दिन आदर्श ग्रुप ऑफ कंपनीज के आरोपी राहुल मोदी व अन्य की जमानत सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज की गई थी इसलिए आरोपी राहुल कोठारी के विद्वान वकील श्री मुकुल रोहतगी ने अपनी जमानत याचिका पर बहस को निरर्थक मानते हुए बहस करना उचित न समझते हुए सुप्रीम कोर्ट से आरोपी राहुल कोठारी के लिए 14 दिन की अंतरिम जमानत देने और इसके अलावा रेगुलर जमानत के लिए शेषन कोर्ट या हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर करने के लिए आदेशित करने की सहायता मांग ली!

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सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिन की अंतरिम जमानत के आदेश के साथ सक्षम कोर्ट में कानून के अनुसार जमानत आवेदन लगाने की स्वीकृति दे दी!

बाद में आरोपी राहुल कोठारी द्वारा सेशन न्यायालय में जमानत का आवेदन न लगाकर सीधे इलाहाबाद हाई कोर्ट की एकल पीठ में जमानत का आवेदन लगाया जिस पर 16 मई 2022 को सुनवाई हुई जहां सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) के विद्वान वकील ने जमानत का तगड़ा विरोध किया. लेकिन तमाम विरोध को दरकिनार करते हुए जस्टिस ओमप्रकाश सप्तम ने जमानत मंजूर कर ली. ये वही जस्टिस हैं जिन्होने 11 मई 2021 को राहुल कोठारी की जमानत खारिज की थी.

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राहुल कोठारी अपने पिता विक्रम कोठारी जो इस 7800 करोड़ के घोटाले के आरोपी थे, की 4 जनवरी 2022 को असामयिक निधन हो जाने की वजह से 6 जनवरी से अंतरिम जमानत पर थे.

इंदौर से प्रदीप मिश्रा की रिपोर्ट.

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