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फर्जी मुठभेड़ करने वाले सीओ, एसएचओ समेत 11 पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा

मथुरा से बड़ी खबर…. राजस्थान के भरतपुर के बहुचर्चित राजा मानसिंह हत्याकांड में दोषियों को न्यायालय ने सुनाई सजा… सीओ कान सिंह भाटी sho वीरेंद्र सिंह सहित 11 दोषी पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास… जिला जज साधना रानी ठाकुर की अदालत ने सुनाया फैसला….

35 साल बाद आरोपियों को मिली सजा… सुनवाई के दौरान अब तक 3 आरोपियों की हो चुकी है मौत… राजा मानसिंह हत्याकांड में अब तक सुनवाई के दौरान 4 पुलिस कर्मी हुए निर्दोष साबित… स्वर्गीय राजा मानसिंह के परिजनों ने न्यायालय पर के फैसले पर जताई खुशी…

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करीब 35 वर्ष पूर्व भरतपुर के डीग में राजा मानसिंह सहित तीन लोगों की पुलिस ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में राजा मानसिंह के दामाद ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। यह मामला जांच के लिए सीबीआई के पास गया। बाद में इसकी सुनवाई 1990 में मथुरा स्थानांतरित की गई।

एनकाउंटर से एक दिन पूर्व राजा मान सिंह ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर के हेलीकॉप्टर तथा मंच को अपने जोगा गाड़ी से तोड़ दिया था। इसके लिए राजा मानसिंह के खिलाफ दो अलग-अलग मुक़दमे भी कायम हुए थे। घटना के वक्त राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी और शिव चरण माथुर मुख्यमंत्री थे। इस मामले में डीएसपी कान सिंह भाटी सहित 17 अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप पत्र सीबीआई ने दाखिल किया था।

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इस हत्याकांड की प्रारंभिक विवेचना राजस्थान पुलिस ने की और उसके बाद इस केस की विवेचना सीबीआई को ट्रांसफर हुई। मार्च 1985 में सीबीआई ने जांच शुरू की और विवेचना के बाद 18 लोगों के खिलाफ इस केस में आरोप पत्र प्रेषित किया। इनमें से एक अभियुक्त महेंद्र सिंह जो सीओ कान सिंह भाटी का ड्राइवर था उसको डिस्चार्ज कर दिया गया और 17 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। सुनवाई के दौरान 3 अभियुक्तों की मृत्यु हो चुकी है।

बहुचर्चित राजा मानसिंह हत्याकांड में कल डीएसपी कान सिंह भाटी समेत जिन 11 पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया गया था, उनको सजा की अवधि आज घोषित की गई। यह फैसला जिला जज श्रीमती साधना रानी  ठाकुर ने बुधवार को कड़ी सुरक्षा के बीच सुनाया।

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कल दोषी ठहराए गए 11पुलिस कर्मियों को सुनाई गई उम्र कैद की सजा। तीन पुलिसकर्मियों को कल किया जा चुका है बरी। धारा 148 में 2 वर्ष की सजा ₹1000 जुर्माना प्रत्येक आरोपी पर लगाया गया। धारा 302/ 149 में आजीवन कारावास और 10 हजार रुपए का आर्थिक दण्ड। धारा 288 के आरोपियों को बरी किया गया है। पूर्व सीओ कानसिंह भाटी को 323/149 में बरी कर दिया गया। सभी अभियुक्त घटना के बाद से बर्खास्त हैं और इस समय 65 से 70 साल की उम्र के बीच के हैं। इस हत्याकांड की पैरवी पीड़ित पक्ष की ओर से आगरा के वरिष्ठ अधिवक्ता दुर्ग विजय सिंह भैया और मथुरा के अधिवक्ता नारायण सिंह विप्लवी ने की।

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