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सरकारी पत्रकार रुबिका लियाकत निलंबित विपक्षी सांसदों द्वारा उपराष्ट्रपति की मिमिक्री किए जाने से बहुत नाराज हैं!

रुबिका लियाकत को सरकारी पत्रकार कहना उचित रहेगा. उनका सारा सवाल विपक्ष से होता है. उनका सारा समर्थन केंद्र सरकार के लिए होता है. सरकारी पत्रकार कभी सत्ता की आलोचना नहीं करता. वह विपक्ष पर नजर गड़ाए रहता है और उनकी बाल से खाल निकालता रहता है. रुबिका लियाकत यही करती हैं.

ज्ञात हो कि रुबिका लियाकत इन दिनों कहीं नहीं हैं. वे आखिरी बार भारत24 चैनल पर देखी गई थीं. उसके बाद कोई उनके जी न्यूज जाने की बात कहा रहा तो कोई अडानी के चैनल का हिस्सा बना रहा. रेवेन्यू के भूखे चैनलों में सरकारी पत्रकारों को रखने की होड़ मची रहती है क्योंकि इससे सरकार हुजूर का चैनल के प्रति नजरिया सकारात्मक रहता है. देखना है कि कौन चैनल अब रुबिका लियाकत को अपने यहां सरकार के पक्ष में मुनादी कराने के लिए तैनात करता है.

फिलहाल तो अपने खाली दिनों में रुबिका लियाकत निलंबित विपक्षी सांसदों द्वारा उपराष्ट्रपति की मिमिक्री किए जाने से बेहद नाराज हैं. खुद को बेबाक, बेखौफ और बेझिझक (जैसे कि उन्होंने खुद को अपने ट्वीटर एकाउंट के कवर फोटो में बता रखा है) बताने वाली मोहतरमा ने एक ट्वीट कर विपक्षी सांसदों की खबर ली है. पर शायद वे अपने ट्वीट के नीचे आए कमेंट्स को पढ़ती नहीं हैं. लोगों ने उन्हें अच्छे से आइना दिखाया है.

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हालांकि गोदी पत्रकार और सरकारी पत्रकार बनने का जो सुख है, उसके आगे नैतिकता और पत्रकारिता का क्या मतलब. तो लोग आइना दिखाते रहें, पर जब देखने वाला देखना चाहेगा तब न उसे अपनी अंतरात्मा दिखेगी. कभी कहा जाता था कि पत्रकारिता का मतलब सत्ता से सवाल पूछना है. रुबिका लियाकत जैसे सरकारी पत्रकारों ने पत्रकारिता की नई परिभाषा गढ़ दी है. सरकार के पक्ष में बैटिंग करने को आजकल पत्रकारिता कहा जाने लगा है. सुधीर चौधरी इस विधा के पितामह हैं. रुबिका लियाकत, अमीश देवगन, राहुल सिन्हा जैसे दर्जनों पत्रकार इस विधा के सक्रिय कार्यकर्ता हैं. फिलहाल आइए देखें रुबिका जी की पोस्ट और उस पर आए कुछ गैर-सरकारी कमेंट्स…

अमृता त्रिपाठी
@SamajseviAmrita

आप मीडिया में हैं… आप सरकार के ख़िलाफ़ क्या सवाल पूछ पायीं पिछले 9 सालों में… क्या आप इतने सालों से खि खि, खा खा नहीं कर रही हैं? एक मज़बूत लोकतंत्र के लिए एक निष्पक्ष मीडिया का होना बहुत ज़रूरी है लेकिन खीं-खीं- खा-खा… ये देश के पत्रकार हैं.. देश के विपक्ष का मज़ाक़ उड़ा रहे हैं.. ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे ये मीडिया रूम नहीं, इनकी kitty party का venue हो.. न पद का सम्मान, न कोई गरिमा… ये है इनकी देश का नम्बर वन चैनल बनने की तैयारी……

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Adv Anand Dasa
@Anand_Dasa88

यही तुम्हारे मोदी ने संसद में किया होता तो, खाला इसे मास्टरस्ट्रोक बताती !! प्रिय खाला के रंग अनेक

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Rajesh Mangal
@rajmangal

याद कीजिए मैडम मिमिक्री तो मोदी जी भी करते हैं। रही बात देश के उपराष्ट्रपति की तो मजाक की शुरुआत किसने की। यदि 70 सालों में पिछली सरकारों ने भी संसद में विपक्ष के साथ ऐसा मजाक किया होता तो आज हालात उनके पक्ष में न होते।

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Neeraj Jha
@neeraj_jhaa

आप पत्रकार हैं। आप पत्रकारिता के उसूलों की धज्जियां उड़ाती हैं। आम लोगों को मौका मिल जाता है आपका या पत्रकारिता का मज़ाक उड़ने का। यही हाल यहां भी है।

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SHILPI PARIHAR
@ShilpiSinghINC

141 सांसदों को सिर्फ विरोध करने पर सस्पेंड कर देना, लोकतंत्र में नही “तानाशाही” में होता है समझी लियाकत !! यही तैयारी है !!

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Aafrin
@Aafrin7866

पत्रकारिता नहीं मोदी पत्रकारिता करो @RubikaLiyaquat. आपसे पत्रकारिता नहीं हो पाएगा. जब सभी पूर्व प्रधानमंत्री की मिमिक्री मोदी और सत्ताधारियों किया जाता है तो उस वक्त गरिमा का ख्याल नहीं आता आपको सत्ता की द लाल रूबिक लियाकत।

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Aman Patel
@socialistAman1
सालो से कानून अडानी के दफ्तर में बनाए जा रहे थे और पारित संसद में हो रहे थे. मैं तो कहता हूं कि संसद खाली होने के बाद अब अडानी का दफ्तर ही वहां शिफ्ट कर दो और उसके ऊपर बी.जे. पार्टी का झंडा लगा दो. कई फायदे होंगे. कानून बनेंगे भी वहीं और पास भी वहीं हो जायेंगे. फिजूल का खर्चा भी बचेगा और जहमत भी. और देश में लोकतंत्र होने का बचा खुचा भ्रम भी दूर हो जायेगा. अब_तक 141 … गिनती जारी है.

Arvind Yadav
@Arvind_Yad
सत्ता से सवाल पूछने की जगह विपक्षी दलों के नेताओं के कटाक्ष पर बहस करने वाली पत्रकार जरा ये बताओ कि क्या देश की पत्रकारिता ने अपना ज़मीर बेच दिया है ?? अमृत काल में विपक्षी दलों के 150 जनप्रतिनिधियों को सत्ता के अहंकार में डूबकर सस्पेंड किया गया है, उसके बाबजूद लाल माईक क्यों खामोश हैं??

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अपर्णा अग्रवाल
@Aparna_oo7
जब 3 दिन से विपक्ष के सांसदों को बिना किसी बात के suspend किया जा रहा था तब तेरे जैसे बहुत सारे चुप बैठे थे और आज विपक्ष ने किसी को कुछ नहीं कहां फ़िर भी तेरे पेट में मरोड़ हो रहीं हैं. ध्यान रखना वक़्त किसी का हमेशा एक सा नहीं रहता एक दिन ऐसा भी आयेगा की तुम लोगो की जनता कायदे से खबर लेगी.

Md Furkan Ahmad
@Furkanjmm

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भाईजान आपकी तकलीफ़ देख मजा आया. जब भाजपाई नेता, सोनिया गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी का मज़ाक उड़ाते थे तो सही था, अब गलत है।

Khurshid Ansari
@AnsariK787

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यही तो षडयंत्र है RSS/Modi का। जब भारत की मीडिया ने लोकतंत्र के चीरहरण और संघी सत्ता के दमन के ऊपर चर्चा करनी चाहिए थी। तब RSS/Modi ने मुद्दे को भटकाने के लिए, भांड मीडिया और भड़वे एंकरों को उल्टा प्रोपेगैंडा फैलाने में लगा दिया।

Rajesh Mangal
@rajmangal

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याद कीजिए मैडम मिमिक्री तो मोदी जी भी करते हैं। रही बात देश के उपराष्ट्रपति की तो मजाक की शुरुआत किसने की। यदि 70 सालों में पिछली सरकारों ने भी संसद में विपक्ष के साथ ऐसा मजाक किया होता तो आज हालात उनके पक्ष में न होते।

Anahat
@AnahatSagar

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पूरी बीजेपी ने पूर्व उपरष्ट्रपति का कितना मज़ाक़ उड़ाया है. खाला, ये याद है या भूल गई और जिस धनखड़ जी ने अपने पद की गरिमा नहीं रखी , उनका कैसा सम्मान ?

M.M. Dhera(Advocate)
@AdvocateDhera

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गरिमा की बात तुम मत ही करो, पत्रकारिता की गरिमा कों तुमने कब का दफन कर दिआ

Rajiv
@RajivTweets_

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लोकतंत्र की नींव को मज़बूती चौथे स्तंभ से मिलती है और चौथा स्तंभ तो नेस्तनाबूद हो चुका है। आज के दौर में स्वघोषित पत्रकार अब किस मुँह से लोकतंत्र की मज़बूती पर बात कर रहे है?

Vipin Patel
@ImVipinPa29

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तुमको तो बीजे पार्टी की ट्रोलिंग पार्टी में शामिल हो जाना चाहिए, क्यों की तुम भी हू हू हू करती ही रहतीं हो बीजे पार्टी के लिए।

Gyanendra Kumar
@Gyanendraboudh

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क्या कमाल की पत्रकार हो कभी सत्ता पक्ष से कुछ पूछने की हिम्मत दिखाई या ऐसे ही ज़िंदगी गुज़ार दोगी आप ,,,

Adiwasi.com
@AdiwasiVoice

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बात आपकी सही है, लेकिन इस देश में निलंबन सही और मिमिक्री अपराध कब से बन गया?

Kashish Singh
@Kashish__singh_
एक मज़बूत लोकतंत्र के लिए एक मज़बूत मीडिया होना बहुत ज़रूरी है लेकिन मोदी-मोदी… ये देश के पत्रकार हैं.. देश के प्रधान मंत्री के तलवे चाट रहे हैं….
ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे ये देश का मीडिया नहीं, मोदी की खरीदी P.R. Agency हो..
न पद का सम्मान, न कोई गरिमा… ये है इनकी पत्रकारिता

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Ram Nihal Maurya
@ramNmaurya

आपाजान तुम मीडिया में हो भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ पिछले 9 सालों कितनी बार सवाल पूंछा,

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बस ट्वीटर पर एक भाजपा प्रवक्ता की तरह खी खी कर रहे हो

mohit tomar
@mohitkandera

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कल संसद में एक कानून पास किया जाएगा कि कोई किसी कि मिमिकरी नही करेगा। Ok अब शांत हो जा और ये पता कर कि किस चैनल का क्या रेट चल रहा है जिससे नोकरी मिल जाए।

AnkitKhaitanINC
@AnkitKhaitanINC
पत्रकारिता की सारी गरिमा को ठेस पहुंचाकर आप भाजपा की प्रवक्ता बन चुकी है।

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