जयपुर। मजीठिया मामले की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे ही अखबार मालिकों के दिल की धक-धक भी बढ़ती जा रही है। सूत्रों का कहना है कि दैनिक भास्कर और राजस्थान पत्रिका के मालिक अपने लीगल डिपार्टमेंट में कार्यरत कर्मचारियों से सुप्रीम कोर्ट की हर सुनवाई के बाद यह पूछते रहते हैं कि अब क्या होगा। सूत्रों का कहना है कि लीगल डिपार्टमेंट के कर्मचारियों ने भी अखबार मालिकों को साफ कह दिया है कि फैसला तो कर्मचारियों के पक्ष में ही आएगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में अखबार मालिकों की पैरवी कर रहे वकीलों ने भी अखबार मालिकों को संकेत दे दिए हैं कि उन्हें जितना समय मिलना था, मिल गया। अब उनका समय खत्म हुआ, अब बारी सुप्रीम कोर्ट की है।
सुप्रीम कोर्ट का रूख कर्मचारियों के पक्ष में ही है। इसलिए यदि सुप्रीम कोर्ट के कोपभाजन से बचना है तो जो करना है 19 जुलाई से पहले कर लें। यानी कोर्ट की शरण गए कर्मचारियों को उनका हक दे दो। सूत्रों का कहना है कि अखबार मालिकों को भी यह बात समझ में आ गई है। अब वे भी कोर्ट गए कर्मचारियों से समझौता वार्ता करने को तैयार हो गए हैं।
इसके लिए उच्चस्तर पर बैठक भी हो रही हैं। उसमें वार्ता में दिए जाने वाले प्रस्ताव पर मंथन हो रहा है। प्रस्ताव फाइनल होते ही कर्मचारियों से वार्ता आयोजित की जाएगी। यह वार्ता 19 जुलाई से पहले की जाएगी। क्योंकि, अखबार मालिकों को यह डर है कि यदि अभी वार्ता शुरू की गई तो कहीं वे कर्मचारी जो अब तक कोर्ट में नहीं गए थे, वे भी अपना हक ना मांगने लग जाएं। चूंकि, 30 जून के बाद श्रम आयुक्त के यहां कोई भी शिकायत नहीं कर सकता, तो फिर अखबार मालिकान कोर्ट गए कर्मचारियों से वार्ता करेंगे और 19 जुलाई से पहले कोई रास्ता निकाल कर, सुप्रीम कोर्ट से केस को खत्म कर देंगे। जिससे कोर्ट की अवमानना से बचा जा सके।
कर्मचारियों के नेताओं को बुलाएंगे वार्ता करने
सूत्रों का कहना है कि जुलाई में पांच तारीख या उसके आस-पास की किसी तारीख को राजस्थान पत्रिका और दैनिक भास्कर प्रबंधन कोर्ट गए कर्मचारियों से समझौता वार्ता आयोजित करेंगे। प्रबंधन स्तर पर फिलहाल यह मंथन चल रहा है कि एक-एक कर्मचारी को बुलाया जाए या फिर उनका नेतृत्व करने वाले कर्मचारियों को। सूत्रों के मुताबिक ज्यादा संभावना इस बात की है कि कर्मचारियों के नेताओं को वार्ता के लिए बुलाया जाए, क्योंकि, इतने कम समय में एक-एक कर्मचारी को बुलाकर उससे बात करना संभव नहीं है।
मिलेगा एरियर और नौकरी भी
सूत्रों का कहना है कि समझौता वार्ता में प्रबंधन कर्मचारियों को एरियर के रूप में नकद पेमेंट देंगे। साथ ही ऐसे कर्मचारी जिनका प्रोफाइल अभी तक अच्छा रहा, लेकिन वे फिर भी कोर्ट में चले गए। ऐसे कर्मचारियों को प्रबंधन वापस लेगा, लेकिन दूसरी कम्पनियों में। साथ ही जो कर्मचारी अब इनसे नहीं जुड़ना चाहते, उन्हें इस्तीफा देने का कुछ पैसा अतिरिक्त भी दिया जा सकता है। अब देखना यह है कि समझौता वार्ता में क्या कर्मचारी और प्रबंधन एक पटरी पर आ पाते हैं या नहीं।
तो फिर देना पड़ेगा सभी को हक
अखबार मालिकानों के वकीलों ने साफ कह दिया है कि यदि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया तो वह सभी कर्मचारियों के पक्ष में ही होगा। ऐसे में आदेश आने पर वे कर्मचारी कभी भी सुप्रीम कोर्ट में जा सकते हैं, जो अभी तक अखबार मालिकानों के डर के चलते चुप बैठे थे। ऐसी स्थिति में अखबार मालिकानों को सभी को मजीठिया का लाभ देना होगा। यानी उनकी अब तक की पूरी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। इसलिए अखबार मालिक कोर्ट गए कर्मचारियों को पैसे देकर मामला रफा-दफा करने के मूड में हैं।
एफबी पर शुरू हुए नए पेज Mediaholes से साभार.
pankaj
June 28, 2016 at 7:52 am
kya karmchariyo ko ase hi date pr date milati rahegi ya kabhi ye mukadama khatam hone ka naam bhi lega.ya yese hi news padkar apna time bitana padega