न मालिक कुछ कह-कर रहे, न कर्मचारी धरना-प्रदर्शन कर रहे… जलालत, अपमान, बेबसी और तंगी के बीच खिसक रहा है सबका एक-एक दिन… लखनऊ के स्वदेश न्यूज चैनल का हाल सुन कर रोंगटे खड़े हो जाएंगे… आखिर ऐसे न्यूज चैनल खोलने की जरूरत क्या है और इसमें काम करने वाले इस कदर चुप रहकर कैसे काम करते जा रहे हैं….
अर्पिता मीडिया pvt.Ltd की तरफ से संचालित स्वदेश न्यूज चैनल में सेलरी का संकट चरम पर पहुंच गया है. लखनऊ (गोमती नगर के विभूति खंड में एल्डिको कारपोरेट चेंबर-1) से चलाए जा रहे इस चैनल के संपादकीय एवं अन्य विभागों के कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है. कई महीनों से वेतन भुगतान न होने से कर्मियों के आगे भुखमरी की स्थिति आ गई है. कर्मचारियों की समस्याओं से प्रबंधन को कई दफे मौखिक एवं पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया गया लेकिन स्थितियों में परिवर्तन लाने की कोई कोशिश नहीं की गई.
सूत्रों का कहना है कि इस संस्थान में वेतन भुगतान की समस्या पहले महीने से ही शुरू हो गई थी. हर बार वेतन मिलने में होने वाली देरी पर मैनेजमैंट की तरफ से कहा गया कि अगले माह से ये समस्या ठीक हो जाएगी. यही आश्वासन देकर सबसे काम करावाया जाता रहा. आउटपुट में कार्यरत एक महिला पत्रकार को कमरे का किराया न चुका पाने की वजह से मकान मालिक ने बदतमीजी की. आउटपुट विभाग की कई महिला कर्मियों को हॉस्टल के किराए का भुगतान नहीं कर पाने के चलते इनका सामान बाहर सड़क पर फेक दिया गया.
संस्थान के एडिटिंग विभाग में कार्यरत एक मीडियाकर्मी की शादी हाल में ही तय हुई लेकिन वेतन भुगतान नहीं होने से उनके लिए विवाह के खर्च का इंतजाम कर पाना मुश्किल हो रहा है. लिहाजा उन्हें अपना विवाह टालना पड़ा. इसी प्रकार चैनल के एक एंकर का विवाह ससुराल पक्ष की तरफ से इस वजह से तोड़ दिया गया क्योंकि वो नियमित वेतन नहीं पा रहे थे. इस एंकर को 4 महीनों से वेतन नहीं मिला है.
यही हाल चपरासी का भी है. पैसे के संकट के कारण चपरासी अपने ताउ की मृत्यु के बाद उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने अपने गांव तक नहीं जा सका. कुछ लोग अपने बेटे की स्कूल फीस नहीं जमा करा पा रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि 17 जनवरी 2019 को पैसों के अभाव के चलते मानसिक दबाव झेल रहे संस्थान के कैमरामैन संतोष कुमार की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई थी. प्रबंधन ने परिवार की सहायता करना तो दूर, मृत संतोष कुमार के वेतन का बकाया भुगतान भी अभी तक नहीं कियाहै. कर्मचारियों के अलावा संपादक मंडल भी वेतन भुगतान की समस्या से जूझ रहा है. ज्ञात हुआ है कि संपादकों को विगत 7 महीनों से कोई भी वेतन प्राप्त नहीं हुआ है.
उधर संस्थान में कार्यरत ट्रेनी कर्मचारी जिन्हें महज 5 हजार रुपये महीने के मामूली वेतन पर रखा गया है, उनके लिए इतने कम पैसों में आना-जाना खाना-पीना कमरे का किराया भरना संभव नहीं हो पा रहा है. दुर्भाग्यवश ये वेतन भी उन्हें प्राप्त नहीं हो रहा है. लगातार प्रार्थना करने के बावजूद प्रबंधन की उदासीनता के चलते कई साथी अवसाद ग्रस्त होते जा रहे हैं.
चैनल चलाने में इस्तेमाल होने वाले साफ्टवेयर एनआरसीएस (न्यूज ग्लोब) प्ले आउट साफ्टवेयर फ्लूजो और एमसीआर साफ्टवेयर रैपिड के लाइसेंस समाप्त हो चुके हैं. इनके अलावा पीसीआर एवं एमसीआर विभाग अनेकों तकनीकी खामियों से जूझ रहा है. इसके चलते चैनल में न्यूज बुलेटिन, डिस्कश्न या अन्य प्रकार के लाइव कार्यक्रम नहीं चल पा रहे हैं. स्क्रीन पर केवल रिकॉर्डेड प्रोग्राम ही चल रहे हैं. मेकप-वेंडर को भुगतान नहीं होने से एंकरों को बिना मेक-अप के ही बुलेटिन करने पड़े हैं. पिछले एक हफ्ते से कोई भी निदेशक संस्थान नहीं आया है.
स्वदेश न्यूज चैनल में कार्यरत एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
swadesh ka ek peedit
July 24, 2019 at 3:00 pm
लखनऊ से चलने वाला स्वदेश न्यूज़ चैनल बंद होने की कगार पर है, चैनल में कार्यरत सभी कर्मचारियों की 3 महीने की सैलरी दबा कर चैनल के मालिकान अजय सिंह(मुन्ना सिंह), राजेश शर्मा (मिंटू शर्मा), और धर्मेश चतुर्वेदी तीनों मालिकान अपने फोन बंद करके गायब हैं। चैनल के कर्मचारियों ने काम पूरी तरह ठप कर दिया कर्मचारी सिर्फ संस्थान में आकर बैठकर गप्पे लड़ाकर चले जाते हैं। सभी कर्मचारी रोज HR से वेतन के बारे में पूछते हैं लेकिन HR और अकाउंटेंट किसी को वेतन और चैनल के मालिकान के बारे में किसी को पता नहीं। चैनल की HR और एकाउंटेंट के मुताबिक उनका भी फ़ोन नहीं रिसीव हो रहा। बताया जा रहा है कि चैनल के संपादकों की तो कई महीने का वेतन नहीं दिया गया। धर्मेश चतुर्वेदी इससे पहले Knews में थे इनका पुराना रिकॉर्ड रहा है ये कर्मचारियों की एक महीने की सैलरी रोक कर रखते थे यही हाल स्वदेश न्यूज़ का शुरू से था। यहां कर्मचारियों की एक महीने की सैलरी तो शुरू से रोकी थी और दूसरे महीने की सैलरी में देर करते थे। चैनल के सभी कर्मचारियों ने इस बार काम एकदम रोक दिया। बताया जा रहा कि चैनल के संपादक ने डायरेक्टरों को मेल करके चेताया भी की कर्मचारियों की सैलरी दें नहीं तो वो सभी कर्मचारियों के साथ मिलकर कानूनी कार्रवाई करेंगे लेकिन इसके बावजूद चैनल के मालिकान ने उस मेल का जवाब तक नहीं दिया। चैनल के कर्मचारी रोज आस लगाकर जा रहे हैं कि कुछ सूचना मिलेगी लेकिन न तो HR न ही एकाउंटेंट और न ही चैनल के तीनों संपादकों किसी भी प्रकार की अभी सूचना नहीं दी गई। मालिकों की इस हरकत से लग रहा कि वो चैनल तो बंद कर देंगे साथ ही कर्मचारियों का वेतन भी मार देंगे।