श्याम मीरा सिंह-
स्विगी के एक डिलीवरी बॉय के द्वारा, एक ग्राहक के घर के बाहर रखे जूता चुराने की ख़बर समाचारों में है। शुरुआत में जब मैंने पढ़ी तो मैंने समझा ज़रूर उस ग्राहक ने स्विगी के उस डिलीवरी बॉय को दोबारा बुलाया होगा। और उसे नये जूते ख़रीदकर दिये होंगे। लेकिन ख़बर- ये थी कि ग्राहक ने पुराने जूते चुराने की शिकायत स्विगी से कर दी।
इसमें भी कमाल की बात ये कि CCTV फ़ुटेज मीडिया में वायरल कर दी। एक बेचारे गरीब ने पुराने जूते ले लिये। जो उसे नहीं करना चाहिए था।
लेकिन क्या इस बात के लिए मीडिया वीडियो के साथ उसे नेशनल लेवल पर अपमानित करने का अधिकारी हो जाता है? अगर वह गरीब आदमी 2-3 हज़ार के उन जूतों की क़ीमत चुकाकर अपनी गलती के लिए माफ़ी माँग लेता है। तब क्या मीडिया और स्विगी का कस्टमर, जनता की आँखों में से उस ग़रीब डिलीवरी बॉय की वीडियो को मिटा सकेगा? क्या वायरल वीडियो को अब दोबारा वापस लिया जा सकता है?
IPC/CRPC की धाराओं में भी ये एक बेहद छोटा सा अपराध है। अगर इसे कोर्ट सज़ा देती तो मुश्किल से 500-1000₹ का जुर्माना लगाती। इसके बाद वह व्यक्ति अपना सामान्य जीवन जीता। लेकिन उसके इस छोटे से अपराध के लिए वीडियो वायरल कर मीडिया और उस कस्टमर ने उससे भी बड़ा अपराध किया है। जिसे वे अब Undo नहीं कर सकते। वापस नहीं ले सकते।
एकबार मेरे घर खाना बनाने वाली आंटी ने कहा कि मैं आपको आधार कार्ड दे दूँगी। मैंने पूछा क्यों? वे बोलीं- चोरी बगेरह की स्थिति में। मैंने कहा वैसे तो मैं सावधान ही रहता हूँ। दूसरा मेरे घर में ऐसा क्या ही क़ीमती कुछ है। तीसरी बात अगर रसोई में से कुछ ले भी जाओगी तो क्या बड़ी बात हो जाएगी? मैं मर जाऊँगा उससे? शायद तुम्हें भी ज़रूरत होगी तो ले जाओगी। आपके बच्चे खा लेंगे। क्या इस बात के लिए मैं अब पहरा दूँ आपका? आप पर न्यूनतम विश्वास तो मैं करूँगा ही। मगर कुछ ले भी जाती हो तो राम का संसार है। हमें कौन सा जीवन भर ये सब ढोना है। मैं चोरी को सही नहीं मानता।
मगर इस देश में असमानता इस लेवल पर है और गरीब आदमी इतना दबा हुआ है कि उससे सहज सहानुभूति है। अगर मेरे घर के बाहर से कोई डिलीवरी बॉय जूता चोरी कर ले जाता तो मैं कैसे भी उसका नंबर ढूँढता। और उसे नये जूते दिलाता। मेरी आर्थिक हैसियत अगर इसकी अनुमति न भी देती तब भी उसे कम से कम सस्ते जूते ज़रूर दिलाता। मगर यहाँ हमने एक छोटे से अपराध के लिए उसकी सरेआम वीडियो वायरल कर दी। मीडिया स्टोरी चला रहा है। और कस्टमर स्विगी में शिकायत कर उसकी वीडियो मीडिया को दे दे रहा है।
हम कितने असंवेदनशील होते जा रहे हैं। बड़ा अपराध जूता चोरी नहीं बल्कि किसी की एक छोटी सी गलती के लिए उसे जीवन भर की सज़ा देना बड़ा अपराध है।