Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

समाचार एजेंसी यू.एन.आई तिल-तिल मौत की ओर…. रिसीवर नियुक्ति करने की मांग

नयी दिल्ली : देश की प्रतिष्ठित समाचार एजेंसी यूनाइटेड न्यूज आफ इंडिया (यू.एन.आई) के शेयरधारकों की गत 30 दिसम्बर 2017 को हुई बैठक के दौरान उत्पन्न स्थिति,  संस्थान को अवैध रूप से काबिज भू-माफिया से मुक्त कराने तथा संस्थान की खराब माली हालात  के लिए जिम्मेदार व एन.बी.प्लांटेशन के नाम पर देश की जनता के हजारों करोडों रुपए के घोटालेबाज पूर्व सांसद एवं संस्था से जुड़े प्रफुल्ल कुमार महेश्वरी को शीघ्र गिरफ्तार करने की मांग के मसले पर आगे की रणनीति बनाने के लिए Save U.N.I Movement ने आगामी 21 जनवरी 2018 को कोर कमेटी की बैठक बुलाई है।

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>नयी दिल्ली : देश की प्रतिष्ठित समाचार एजेंसी यूनाइटेड न्यूज आफ इंडिया (यू.एन.आई) के शेयरधारकों की गत 30 दिसम्बर 2017 को हुई बैठक के दौरान उत्पन्न स्थिति,  संस्थान को अवैध रूप से काबिज भू-माफिया से मुक्त कराने तथा संस्थान की खराब माली हालात  के लिए जिम्मेदार व एन.बी.प्लांटेशन के नाम पर देश की जनता के हजारों करोडों रुपए के घोटालेबाज पूर्व सांसद एवं संस्था से जुड़े प्रफुल्ल कुमार महेश्वरी को शीघ्र गिरफ्तार करने की मांग के मसले पर आगे की रणनीति बनाने के लिए Save U.N.I Movement ने आगामी 21 जनवरी 2018 को कोर कमेटी की बैठक बुलाई है।</p>

नयी दिल्ली : देश की प्रतिष्ठित समाचार एजेंसी यूनाइटेड न्यूज आफ इंडिया (यू.एन.आई) के शेयरधारकों की गत 30 दिसम्बर 2017 को हुई बैठक के दौरान उत्पन्न स्थिति,  संस्थान को अवैध रूप से काबिज भू-माफिया से मुक्त कराने तथा संस्थान की खराब माली हालात  के लिए जिम्मेदार व एन.बी.प्लांटेशन के नाम पर देश की जनता के हजारों करोडों रुपए के घोटालेबाज पूर्व सांसद एवं संस्था से जुड़े प्रफुल्ल कुमार महेश्वरी को शीघ्र गिरफ्तार करने की मांग के मसले पर आगे की रणनीति बनाने के लिए Save U.N.I Movement ने आगामी 21 जनवरी 2018 को कोर कमेटी की बैठक बुलाई है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस बैठक में अभियान से जुड़े वरिष्ठ पत्रकारों, साहित्यकारों , लेखकों, मीडियाकर्मियों , सामाजिक एवं राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। बैठक मे लिए गए निर्णयों की जानकारी संस्था के मुख्य संरक्षक सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को दी जायेगी तथा आंदोलन तेज़ किया जायेगा। यह जानकारी अभियान के संयोजक डा. आर.के रमण एवं मुख्य समन्वयक डॉ. समरेंद्र पाठक ने दी।

उन्होंने कहा कि शेयरेधारकों की बैठक में अवैध रूप से संस्थान पर कब्ज़ा जमाये व्यक्तियों के चंद लोगों ने  जिस तरह से देश के प्रतिष्ठित अखबार मालिकों को अपमानित किया, यह घोर निंदनीय है और इससे यह भी स्पष्ट होता है कि अवैध लोग येन केन प्रकारेण संस्थान पर कब्ज़ा बरक़रार रखना चाहते हैं और संस्थान को पूरी तरह बर्बाद करना चाहते हैं। सरकार ने इन माफ़ियाओं के खिलाफ दिल्ली पुलिस की सतर्कता विभाग को जांच का जिम्मा सौंप रखा है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद अभिव्यक्ति की आजादी को सशक्त बनाने के लिए देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु की संसद में की गई एक घोषणा के तहत पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री डा. बी.सी.राय की अध्यक्षता में गठित एक समिति की रिपोर्ट के आधार पर 21 मार्च 1961 को यू.एन.आई. की स्थापना की गई थी और इसके बोर्ड में देश के महान पत्रकारों एवं मीडिया घरानो को शेयरधारकों के रूप मे शामिल किया गया था।

Advertisement. Scroll to continue reading.

यू.एन.आई ने अपने पांच दशक के इतिहास में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष पत्रकारिता के क्षेत्र में मिसाल कायम की और गरीबो, अल्पसंख्कों तथा समाज के कमज़ोर तबकों के लिए मुखर आवाज के रुप में अपनी पहचान बनाई। लेकिन पिछले एक दशक से संस्थान की बेशकीमती भूमि पर माफ़ियाओं की नजर लगी हुयी है। वर्ष 2012 में महाघोटालेबाज़ श्री माहेश्वरी के चेयरमैन बनने के साथ ही खरीद बिक्री का धंधा फिर शुरू हो गया और संस्थान में कार्यरत पत्रकारों एवं गैर-पत्रकारों को समय पर वेतन आदि मिलना बंद हो गया।

आज हालात यह है कि कर्मचारियों का 26-27 महीने का वेतन बकाया है। उनके पीएफ मद में 10 करोड़ रुपए जमा कराने बाकी हैं। कुल देनदारी 100 करोड़ रुपए के आस पास पहुंच चुकी है। इसके बावजूद श्री महेश्वरी एवं इनके चहेतों ने भवन बनाने के नाम पर कर्मचारियों को झांसा दे रखा है। संस्थान के प्रबुद्ध पत्रकारों और गैर-पत्रकारो ने जब ज़मीन की सौदेबाज़ी कर रहे श्री महेश्वरी के इस कदम का विरोध किया तो उन्हें तरह-तरह से प्रताडित किया जाने लगा।  इस क्रम में कई पत्रकारों और गैर-पत्रकारों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इनके चहेतों ने 32 वर्षों से संस्थान में कार्यरत एक दलित कर्मचारी को सरेआम जातिसूचक शब्द कहकर अपमानित किया एवं जान से मारने की धमकी दी। इस मामले में संसद मार्ग थाना कांड संख्या 61/2013 के आरोपी संस्थान के तत्कालीन संयुक्त संपादक नीरज वाजपेयी, यूनीवार्ता के पत्रकार अशोक उपाध्याय एवं एक अन्य कर्मी को दिल्ली की एक सत्र अदालत ने न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजा था। यह मामला दिल्ली उच्य न्यायालय में लंबित है। एक अन्य दलित साथी को इन्हीं गुर्गों ने जान से मारने की धमकी दी। इसकी शिकायत संसद मार्ग थाने में दर्ज है लेकिन प्रताडना का आलम यह रहा कि इस दलित कर्मचारी को नौकरी छोड़नी पडी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अभियान के नेताओं ने कहा कि संस्थान में उत्पीडन का आलम यह है कि दलित उत्पीडन के मामले में दो चश्मदीद गवाहों में से एक उर्दू के वरिष्ठ प़त्रकार एम.ए.आलमगीर की प्रबंधन की प्रताड़ना से दिल का दौरा पड़ने से  मौत हो गयी। दिल्ली पुलिस को श्री आलमगीर के मौत के मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया है। एक अन्य गवाह का वर्षों से वेतन आदि बंद कर प्रताड़ित किया गया, जिनके लंबित वेतन भुगतान के मद में दिल्ली उच्य न्यायालय के कड़े  निर्देश पर लाखों रुपए प्रबंधन को जमा कराना पड़ा है।

श्री महेश्वरी के चहेतों ने संस्थान में भय एवं आतंक का माहौल बना रखा है। आज हालात यह है कि कर्मचारी अपने वेतन आदि मांगने से डर रहे हैं। कर्मचारियों के वेतन से काटी गई पीएफ की राशि करीब 10 करोड रुपये उपयुक्त खाते में जमा नहीं करायी गयी है। बाध्य होकर पीएफ विभाग ने 14 फरवरी 2014 को संस्थान के तत्कालीन चेयरमैन श्री महेश्वरी एवं अन्य के खिलाफ संसद मार्ग थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। यू.एन.आई. क्रेडिट सोसायटी में कर्मचारियों के वेतन से काटी गई करीब चार करोड रुपये की राशि का भी गबन कर लिया गया है। इस मामले में  रजिस्ट्रार पंजीयक ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को जांच एवं कार्रवाई के लिए कहा है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

डॉ. रमण ने कहा कि पप्पू यादव ने 1 जनवरी 2017 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तथा अन्य सम्बंधित मंत्रियों को पत्र लिख कर यू.एन.आई. के संचालन के लिए रिसीवर नियुक्त करने की मांग की। पीएमओ ने इस मांग पर सचिव सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दे रखा है और यह मामला फिलहाल वहीं लंबित है।

भवदीय,
सनंत सिंह
सचिव एवं प्रवक्ता

Advertisement. Scroll to continue reading.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement