Yashwant Singh : यूपी में लॉ एंड आर्डर का बुरा हाल है. सत्ताधारी ‘सिंह समूह’ अपने में ही मस्त है और एक दूसरे की पीठ थपथपा रहा है. जमीन पर अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं. सहारनपुर में पत्रकार का मर्डर किसी पड़ोसी से गंदगी के छोटे-मोटे विवाद के चलते पैदा तात्कालिक आवेश के कारण नहीं हुआ है बल्कि शराब तस्करी के एक सुनियोजित रैकेट ने इस संहार को पूरी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया है.
यूपी में पुलिस विभाग सबसे भ्रष्ट और नाकारा विभागों में से रहा है व आज भी है. बलिया के आरटीआई एक्टिविस्ट को फर्जी मामले में जेल भेजने की घटना का आरोपी थानेदार बेखौफ एक थाना संभाल रहा है.
पुलिस वाले सुपारी लेकर कई निरपराधों को फर्जी मामलों में फंसाकर, इनाम घोषित कर मुठभेड़ में मार रहे हैं या फर्जी मुठभेड़ में गिरफ्तार व घायल दिखाकर जेल भेज रहे हैं.
जगह-जगह शराब तस्करी पुलिस के संरक्षण में कराई जा रही है पर अफसरान मौन है. मंत्री मौन है. जो जहां है वहीं से पैसा उलीचने में जुटा है. सीएम योगी को चापलूसों और जातिवादियों ने घेर रखा है. उनकी आंखों पर पट्टी बंध गई है. उन्हें सूबे की लॉ एंड आर्डर की वही तस्वीर दिख रही है जो डीजीपी ठाकुर ओपी सिंह दिखा रहे हैं.
पत्रकार आशीष धीमान ने शराब तस्करों की कलई अखबार में खबर छापकर खोली थी. साथ ही उन्होंने अपने पड़ोसी शराब तस्करों की लिखित शिकायत कोतवाली में की थी. यही उनके और उनके सगे भाई के मर्डर का कारण बना.
Manish Srivastava : जी बहुत चाहता है सच बोलें, क्या करें हौसला नहीं होता… बशीर बद्र साहब का ये शेर उत्तरप्रदेश की नौकरशाही पर सटीक बैठता है। जो सच्चाई से इतर मुख्यमंन्त्री को सिर्फ विकास और कानून व्यवस्था पर मुंगेरी लाल के हसीन सपने दिखा रही है। हमारे डीजीपी साहब ‘सिंह इज किंग’ के पैमाने पर प्रदेश पुलिस के मुखिया का पद तो पा गए। लेकिन कानून व्यवस्था की मरम्मत करने में न सिर्फ नकारा साबित हुए बल्कि झूठ बोलने में भी उस्ताद निकले।
आपके सामने आज प्रकाशित तीन न्यूज़ क्लिपिंग्स पेश-ए-खिदमत हैं। सीएम की नाक के नीचे लखनऊ में स्कॉर्पियो सवार अपराधियों की हिम्मत तो देखिए कैसे तीन दोस्तों को हत्या के इरादे से कीड़ों की तरह कुचल दिया। दो की तत्काल मौत हो गयी। तीसरा अंतिम सांसें गिन रहा है और डीजीपी ओपी सिंह का सफेद झूठ तो देखिए कि अराजकतत्वों में पुलिस का डर आ गया है। शर्म कीजिये डीजीपी साहेब। सिर्फ आपके कारण साफ छवि के आईएएस अरविंद कुमार को प्रमुख सचिव गृह के पद से मुख्यमंन्त्री ने हटा दिया। कानून व्यवस्था की बदहाली के सीधे जिम्मेदार आप थे। आपके जैसे नकारा डीजीपी को एक मिनट पद पर रहने का हक नहीं है लेकिन आप यूपी में सिंह इज किंग की जमात के बेहद ताकतवर खिलाड़ी हैं। बस इसलिए सुरक्षित हैं।
भाजपा राज में चन्द टुच्चे बदमाशों के द्वारा सरेंडर करने की लुभावनी खबरें क्या छपने लगी। आप इसे पूरे प्रदेश की कानून व्यवस्था का आईना ही समझ बैठे। आपके राज में भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर की दरिंदगी ऐसा कलंक है जो रिटायर होने के बाद भी आपको जनता के ह्रदय से मिटने नहीं देगा। लखनऊ में बैठकर कानून व्यवस्था नहीं सुधरती। आपके राज में जिलों में दागी आईपीएस अफसरों को कप्तानी मिलना शर्मनाक है खैर अब बारी लखनऊ के वीआईपी एसएसपी कलानिधि नैथानी की है जो आधी रात थानेदारी छीनकर इंस्पेक्टरों को पैदल ही रवाना करने के लिए विख्यात हैं।
कहा जाता है इनकी पोस्टिंग की सिफारिश देश के सबसे कद्दावर अफसर ने कराई है क्योंकि दोनों पहाड़ से ताल्लुक रखते हैं ऐसे में आखिर किसकी मजाल है जो एक शब्द भी कह सके। लखनऊ में ऐसी जघन्य वारदातों के लिए छोटे थानेदार-सिपाही नहीं सीधे एसएसपी को पैदल घऱ भेजना चाहिए। लखनऊ में ये पहली जघन्य आपराधिक घटना नहीं है। अब बात तीसरी न्यूज़ क्लिपिंग की, जो सुल्तानपुर की है। दरअसल ये तस्वीर पूरे प्रदेश की है जहां सरेआम बेटियों की आबरू लूटी जा रही और न लूट पाओ तो कुचल दो, जला दो, मार दो।
मतलब पुलिस के इकबाल को अपराधी अपने जूतों तले रौंद रहे हैं और लखनऊ में बैठे नकारा डीजीपी ओपी सिंह और उनके मातहत सफेद झूठ बोलकर मुख्यमंन्त्री योगी को गुमराह कर रहे हैं योगी जी आपकी मंशा पारदर्शी शासन और बेहतर कानून व्यवस्था देने की है। इसमें कोई शक शुभहा किसी को होना भी नहीं चाहिए। लेकिन पहले ऐसे अफसरों को तत्काल हटाइये। छोटे पुलिसकर्मियों की बजाय सीधे कप्तानों पर कार्रवाई कीजिये वरना बेहतर कानून व्यवस्था के झूठे सपने दिखा रहे ये अफसर आपके राज को कलंकित करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे…
Sheetal P Singh : देशभक्त समाचारपत्र दैनिक जागरण के सहारनपुर स्थित स्वदेशी संवाददाता की उनके घर में घुसकर उनके भाई समेत गोली मारकर हत्या के ज़रिये योगी सरकार के “क़ानून के राज”की सनद जारी हुई है।
योगी जी जब केरल में चुनाव प्रचार करने गये थे तो उन्होंने केरल वासियों को स्वास्थ्य सेवा के मामले में यूपी मॉडल अपनाने की सलाह दी थी ! यह ख़बर दैनिक जागरण में प्रथम पृष्ठ के पहले चार कालम पर चमकी थी!
सिर्फ जानकारी के लिये, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की लोकसभा में प्रस्तुत वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 2018 में केरल की सरकारी स्वास्थ्य सेवा देश में अव्वल थी और यूपी की फसड्ड !
खैर योगी जी को कुर्सी पर अब क़रीब दो बरस हो चुके हैं और यूपी के अपराधी या तो जेल में हैं या ऊपर जा चुके हैं!
इसलिये निश्चय ही इस पत्रकार की उनके भाई समेत हत्या में नेहरू का हाथ है जो जोगी जी को बदनाम करना चाहता है!
जै बजरंग बली
भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह, लखनऊ के बेबाक पत्रकार मनीष श्रीवास्तव और दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी सिंह की एफबी वॉल से.
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Rajesh
August 18, 2019 at 6:30 pm
केवल ठकुराहट दिखाने को है ,
जातिवाद का कड़ाई से पालन किया जा रहा है, संविधान / कानून गया गधे की ……में