सहारनपुर में दैनिक जागरण के रिपोर्टर आशीष कुमार धीमान और उनके सगे छोटे भाई की हत्या शराब तस्करों ने की है. इसका खुलासा घटनास्थल पर पहुंचे पत्रकारों के एक दल शुरुआती छानबीन के बाद की है. पत्रकारों की टीम एक एक सदस्य ने फोन पर भड़ास4मीडिया को जानकारी दी कि दो साल पहले शराब तस्करों ने पत्रकार आशीष धीमान के सामने वाला मकान खरीद लिया और यहां आकर रहने लगे.
ये शराब तस्कर अपनी पहचान छुपाने और समाज में घुलने-मिलने के मकसद से ‘सैनी डेयरी’ का बोर्ड लगा लिए. कुछ गाय-भैंस पाल लिए. परचून की दुकान खोल ली. पर इनका मूल काम शराब की तस्करी था. इनके यहां देर रात ढेर सारे संदिग्ध लोगों की आवाजाही थी.
पत्रकार आशीष धीमान पड़ोसी होने के नाते इनकी संदिग्ध गतिविधियों को भांप गया. थोड़े से प्रयास में आशीष को यह पता चल गया कि ये जो नए लोग मकान में शिफ्ट हुए हैं, ये मूलत: अपराधी हैं और इनका मूल कारोबार शराब तस्करी है. बताया जाता है कि पुलिस भी इनसे मिली हुई थी क्योंकि पुलिस को मोटा पैसा देते थे ये तस्कर.
पत्रकार आशीष धीमान हफ्ते भर पहले दैनिक जागरण के हिस्से बने थे. उससे पहले वे दैनिक जनवाणी अखबार में थे. आशीष ने काफी पहले दैनिक जनवाणी अखबार में शराब तस्करों पर स्टोरी प्रकाशित की थी कि कैसे ये लोग डेयरी और परचून की दुकान की आड़ में शराब तस्करी का धंधा पुलिस की मिलीभगत से करते हैं. आशीष ने अपने सामने रह रहे सैनी डेयरी वालों की लिखित शिकायत कोतवाली में की थी कि ये लोग शराब तस्कर हैं और इनके यहां संदिग्ध किस्म के लोगों को आना जाना लगा रहता है जिससे मुहल्ले वालों को परेशानी होती है.
कुल मिलाकर शराब तस्करों की तगड़ी घेराबंदी पत्रकार आशीष धीमान ने कर दी थी. ऐसे में शराब तस्करों ने एक दिन अतिवादी कदम उठाने का फैसला कर लिया. उन्होंने अपना पूरा सामान, परिवार, गृहस्थी रातोंरात कहीं पर शिफ्ट कर दिया. आज सुबह ये लोग डंडे, गड़ासे, तमंचे आदि के साथ आशीष धीमान के घर में घुसे और पहले तो लाठियों से ताबड़तोड़ हमला कर सिर फोड़ दिया. इसके बाद गोली मार कर हत्या कर दी. फिर ये लोग आराम से वहां से फरार हो गए.
बताया जाता है कि किसी एक हत्यारोपी को पुलिस ने बस से जाते हुए पकड़ लिया है. पूछताछ में पता चला कि ये लोग दो साल पहले किसी जगह पर ऐसा ही कुछ काम करते थे और बाद में वहां से सब बेचकर सहारनपुर में मकान खरीदकर शिफ्ट हो गए. संभव है इन लोगों ने सहारनपुर वाला मकान भी बेच दिया हो और फाइनली किसी नई जगह शिफ्ट करने की तैयारी कर रहे हों.
कुल मिलाकर इस डबल मर्डर ने यूपी में लचर कानून व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है. फिलहाल मृतकों के नाम पर पांच-पांच लाख रुपये परिजनों को दिए जाने की घोषणा यूपी सरकार ने कर दी है. रिपोर्टर आशीष की पत्नी को सरकारी नौकरी दिए जाने का आश्वासन भी मिला है.
शुरुआती मूल खबर….