Singhasan Chauhan : बलिया की भीमपुरा पुलिस व कुछ अराजक तत्वों का मुझे एक हफ्ते के अंदर फिर जेल भेजने का प्रोग्राम था. मगर मीडिया की वजह से वो अपने इरादे में नाकामयाब हो गए. एक बार फिर मैं यशवंत भाई व उन सभी मीडिया बंधुओं का आभार प्रकट करता हूँ जिन्होंने सच्चाई को समझा और मेरा साथ देते हुए झूठ का पर्दाफाश किया.
मैं बहुत आभारी हूँ यशवंत भाई व उन सभी मीडिया बंधुओं का जिन्होंने यशवंत भाई की वजह से मेरे फर्जी मुकदमे में दिलचस्पी ली और मेरी केस की पूरी जानकारी लेकर मामले को काफी हाई लेवल पर प्रचारित किया. 7 अगस्त को जब मैंने अपनी आपबीती फेसबुक पर पोस्ट की, उसी समय यशवंत भाई ने फोन पर मुझसे पूरी जानकारी ली और नाराज भी हुए कि मैंने उन्हें पहले क्यों नहीं इसकी जानकारी दी. दरअसल पुलिस हिरासत के बाद मेरा फोन पुलिस ने जब्त कर लिया था व मेरी पत्नी को भी पुलिस से 3-4 दिन के बाद फोन मिला था.
मुझसे बात करने के तुरंत बाद यशवंत भाई ने SO भीमपुरा से बात की व मीडिया बंधुओं को टैग करके पोस्ट डाली. उसके बाद मीडिया वालों के लगातार फोन आने शुरू हो गए. वो फ़ोन पर पूरी जानकारी व व्हाटसअप पर मेरी यात्रा, ट्वीट व व्हाट्सएप्प किये मैसेज भेजने को कहते रहे. मैं सबको व्हाटसअप करता रहा. शाम को यशवंत भाई ने बलिया दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ का नंबर मांगा. मैंने विजय मद्धेशिया दैनिक जागरण बिल्थरारोड से नंबर लेकर उन्हें दिया. रात को 8-9 बजे के लगभग बलिया ब्यूरो का फोन आया. उन्होंने पूरी जानकारी ली और अगले दिन प्रकाशित कर दिया. 4Pm सांध्य दैनिक लखनऊ ने लगातार 2 दिन तक खबर को प्रकाशित किया.
फर्जी केस में जेल भेजे गए आरटीआई एक्टिविस्ट सिंहासन चौहान की एफबी वॉल से.
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