मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के दोषी अमरमणि त्रिपाठी को लेकर एक स्टिंग के जरिए सनसनीखेज खुलासा हुआ है। न्यूज चैनल आईबीएन-7 द्वारा किए गए इस स्टिंग ऑपरेशन में अमरमणि त्रिपाठी के जेल में भी ऐशो-आराम की जिंदगी गुजारने का दावा किया गया है। स्टिंग ऑपरेशन में दिखाया गया है कि कैसे अमरमणि सजा के नाम पर अपने गृह जनपद गोरखपुर के एक अस्पताल में ऐश की जिंदगी गुजार रहा है। न्यूज चैनल के अंडरकवर रिपोर्टर ने स्टिंग ऑपरेशन के दौरान देखा कि कैसे अमरमणि ने सरकारी अस्पताल के पूरे एक हिस्से पर अपना कब्जा जमा रखा है। यहां मरीज, डॉक्टर या किसी दूसरे को अस्पताल के इस हिस्से में आने की अनुमति नहीं है।
अमरमणि और उसकी पत्नी को दो साल पहले उत्तराखंड की जेल से डिप्रेशन और मानसिक तनाव के इलाज के लिए यहां शिफ्ट किया गया था। खुफिया कैमरे पर रिकॉर्ड बातचीत में अमरमणि ने दावा किया कि सरकार में उसका रसूख है और वह किसी को भी मनचाही जगह पर पोस्टिंग दिलवा सकता है। स्टिंग के मुताबिक अमरमणि को विश्वास है कि अपने रसूख का इस्तेमाल कर वह पत्नी की हत्या के आरोप में जेल में बंद अपने बेटे को भी जल्द छुड़ा लेगा। बेटे के केस के बारे में पूछने पर अमरमणि का जवाब था कि उस केस में कुछ नहीं है, दो चार दिन में खत्म करवा देंगे।
स्टिंग ऑपरेशन के मुताबिक अमरमणि अस्पताल परिसर में ही जनता दरबार लगाता है और अपने चुनाव क्षेत्र के लोगों की फरियाद सुनता है। अस्पताल के एक कमरे को उसकी रसोई में तब्दील कर दिया गया है जहां उसकी पसंद के पकवान भी बनते हैं। गौर हो कि वर्ष 2003 में हुए मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में सीबीआई जांच के बाद अमरमणि को गिरफ्तार किया गया था । साजिश रचने के आरोप में फरार उसकी पत्नी ने अदालत में सरेंडर किया था। वर्ष 2007 में दोनों को आजीवन कारावास की सजा हुई थी और उन्हें उत्तराखंड की जेल में भेज दिया गया। पिछले दो साल से वो मानसिक तनाव के इलाज के लिए गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती है।
अमरमणि त्रिपाठी पर आईबीएन7 के स्टिंग को दिखाने के बाद प्रतिक्रियाओं का दौर जमकर चला। तमाम दलों के नेताओं ने इस पर जांच की मांग की। उधर, दिन भर स्टिंग चलने के बाद आखिर सपा सरकार की नींद भी टूटी और कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। ऊर्जा राज्य मंत्री यासर शाह ने कहा कि प्रदेश सरकार जांच कराएगी और दोषी के खिलाफ कार्रवाई करेगी। शाह ने कहाकि ये सूचना मुझे न्यूज चैनल से मिली है। ये गंभीर सूचना है। प्रदेश सरकार इसके लिए पूरी तरह से तैयार है। कानून तोड़े जा रहे हैं तो कार्रवाई की जाएगी और प्रदेश सरकार जांच कराएगी और दोषी के खिलाफ कार्रवाई करेगी। वहीं सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि घटना के बारे में पूरा पता करने के बाद ही कुछ बोलूंगा। अभी कुछ कह नहीं सकता। हालांकि अभी तक सीएम अखिलेश यादव की तरफ से कोई बयान इस पर नहीं आया।
उधर, विपक्ष ने इसे लेकर सपा सरकार पर सवाल उठाए। बीजेपी नेता विजय सोनकर शास्त्री ने आईबीएन7 से बातचीत में कहा कि हम जांच की मांग करते हैं, जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करते हैं। वहीं कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह सीएम को मामले की जांच का आदेश देना चाहिए और एक्शन होना चाहिए। जबकि अमरमणि के वकील आशुतोष ओझा ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि हमने स्टिंग देखा है, वहां कोई दरबार नहीं लगा, कहां फोन पर बात कर रहे हैं अमरमणि त्रिपाठी? गोरखपुर मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डॉ. आरपी शर्मा ने कहा कि वो इलाज के लिए आए हैं, जो इलाज के लिए ज़रूरी है वो कर रहे हैं। अगर कुछ गड़बड़ है तो जो ज़िम्मेदार हैं वो बताएं। उनकी वजह से गड़बड़ नहीं है कोई, किसी ने कोई शिकायत नहीं की है। मेरा ये काम नहीं है, मेरा काम चिकित्सा करना है।