मुंबई के एक पत्रकार ने एक गैंगस्टर को चिंदी चोर लिख दिया. इससे गैंगस्टर इतना नाराज हुआ कि उसने पत्रकार को जान से मारने के लिए एक अपराधी को सुपारी दे दी. यह खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने फोन पर बातचीत को ट्रेस कर अपराधी को गिरफ्तार किया. घटना पुरानी है. यह फिर सुर्खियों में इसलिए आया क्योंकि कोर्ट ने इस मामले में अपना अंतिम फैसला सुना दिया है.
गैंगस्टर ने पत्रकार की हत्या करने के लिए रवि पुजारी गैंग के तीन बदमाशों मदनचंद गोविंद सोनकर उर्फ राजू फ्रैंसिस, आशुतोष वर्मा और रामबहादुर चावन को सुपारी दी थी. पुलिस रवि पुजारी के फोन टेप कर रही थी. तभी पता चला कि गैंगस्टर ने सबसे ज्यादा फोन नालासपोरा एरिया में एक ही नंबर पर किए थे. जांच में पुलिस को पता चला कि यह नंबर सोनकर का है. इस पर पुलिस ने उसे दबोच लिया. पूछताछ में सोनकर ने बताया था कि पत्रकार की हत्या के लिए पुजारी ने उसे 1.25 लाख रुपये दिए थे और उन पैसों को वर्मा व चावन में भी बांटने को कहा था. वर्मा व चावन दोनों नालासपोरा के रहने वाले हैं. बाद में पुलिस ने छह सितंबर को वर्मा और चावन को नरीमन पॉइंट से गिरफ्तार कर लिया था.
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक देसी पिस्तौल, पांच कारतूस और 11 सिम कार्ड बरामद किए थे. पत्रकार पर नजर रखने के लिए आरोपियों ने एक चौपहिया वाहन को भी किराए पर ले रखा था, उसे भी पुलिस ने बरामद कर लिया है. आरोपियों के पास से पत्रकार का फोटो और उसके नरीमन पॉइंट स्थित कार्यालय का नक्शा भी बरामद हुआ है. इस पूरे मामले की लंबी सुनवाई के बाद स्पेशल जज एएल पंसारे की अदालत ने मामले के तीनों आरोपियों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया. चौथा आरोपी अब्दुल शेख (48) केस के दौरान सरकारी गवाह बन गया था.