
इंडिया टुडे मैग्जीन के यूपी ब्रांच हेड रहे जनरल मैनेजर आलोक पाठक एक पवित्र दिल के आदमी हैं. महादेव के भक्त हैं. जैसा जब भुगता, वैसा सच बयां किया. इंडिया टुडे की अच्छी खासी नौकरी करते वक्त दुनिया उन्हें हर वक्त हरी भरी ही लगती थी. पर बीते एक साल की बेरोजगारी ने सच्चाई से रूबरू करा दिया.
जो सीईओ उन्हें तू ब्राह्मण मैं ब्राह्मण कह कर पटाए रखता था, इस सीईओ को आलोक पाठक भगवान मानते रहे, वो मुश्किल वक्त में काम न आया. जब बेरोजगारी और करोना की मार पड़ी तो किसी क्रिश्चियन मित्र ने मदद की तो किसी मुस्लिम दोस्त ने…
आलोक पाठक को सच कहना आता है, ताल ठोंक के, हिम्मत के साथ…
उन्होंने भड़ास4मीडिया के एडिटर यशवंत से बातचीत में काफी कुछ बयां किया…
देखें इंटरव्यू का दूसरा पार्ट….
Alok pathak interview part two
पार्ट एक देखें-
इंडिया टुडे के GM रहे आलोक पाठक का इंटरव्यू (पार्ट-1) : ‘भक्ति का चश्मा अब उतर गया है!’, देखें वीडियो
पार्ट तीन देखें-
Comments on “‘तू ब्राह्मण, मैं ब्राह्मण’ कहने वाले इंडिया टुडे के CEO ने मुश्किल वक्त में दिल्ली वाला कल्चर दिखा दिया, देखें वीडियो इंटरव्यू”
बिल्कुल सही कहा आलोक सर ने । इस कोरोना ने इतना तो सबको ज्ञान दे ही दिया कि कोन अपना है और कौन पराया ।
जब आलोक सर का जो पद था जो इनके संबंध रहे होंगे इनके साथ ऐसा हुआ तो जरा सोचिए उन लोगो का क्या हो रहा होगा जिनके पास ऐसा कुछ भी नही ।
इतनी बड़ी पत्रिका में सारी उम्र कमाते रहे…और इतना भी न जोड़ सके कि गद्दारों जेहादियों से भीख मांगनी पड़ी…इससे तो अच्छा ऊपर चले जाते , देश और धर्म को गाली तो न देते :/
जनरल मैनेजर वो भी इंडिया टुडे का… करोड़ो की संपत्ति होगी इनके पास… फिर भीख क्यों मांगी? क्या जरूरत थी? कुछ तो आत्मसम्मान रखते।