मजीठिया वेज बोर्ड को लागू करने का दावा कर रहे अमर उजाला प्रबंधन का एक और कारनामा सामने आया है। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में रविंद्र अग्रवाल की याचिका पर चल रहे मामले में अमर उजाला की ओर से करीब सात माह बाद दिए गए जवाब में प्रबंधन ने नई चाल चल दी है।
यह जवाब न तो इस मामले में पार्टी बनाए गए एमडी राजुल महेश्वरी की ओर से दायर किया गया है, न ही प्रबंधन के किसी अधिकृत जिम्मेदार अधिकारी द्वारा। यह जवाब चंडीगढ़ यूनिट के तहत आने वाले और शिमला में तैनात डीएनई बविंद्र वशिष्ठ के शपथ पत्र पर दायर करवाया गया है। रविंद्र ने बताया कि उन्होंने अपने वकील को इस मामले में कोर्ट के समक्ष आपत्ति दर्ज करवाने को कहा है।
रविंद्र ने बताया कि अमर उजाला प्रबंधन ने ऐसे व्यक्ति के जरिये यह जवाब दायर करवाया है, जो न तो प्रिंटर है, न ही पब्लिशर है और न ही संपादक है। इससे जाहिर होता है कि किस तरह अमर उजाला प्रबंधन अपनी खाल बचाने के लिए अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को फंसाने की जुगत में जुटा है।
Comments on “अमर उजाला का एक और गैरकानूनी कारनामा, डीएनई के शपथपत्र पर हाई कोर्ट में दायर करवाया जवाब”
kya court is halafname ko swikar karega?