एडवोकेट शिवानी-
अभी हमने अपने पापा को फोन करके यह पूछा कि मैं आपकी और माता जी की अवैध संतान हूं या वैध?
दरअसल हुआ यह कि मैं आज इलाहाबाद में ऑनलाइन मैरिज रजिस्ट्रेशन के बाद रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट लेने गयी थी। जहां मुझसे रजिस्ट्रार ने साफ कह दिया कि हम आर्य समाज रीति-रिवाज से की गयी शादियों को वैलिड नही मानते हैं। आर्य समाज में कोई शादी वादी नही होती। मैंने उनको हिन्दू मैरिज एक्ट की धारा 7 में प्रावधानित सप्तपदी तथा धारा 8 में मैरिज रजिस्ट्रेशन की बात कही तो उन्होंने मुझे सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट दिखा दिया जबकि सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट यह है कि वह आर्यसमाज के सर्टिफिकेट को वैध मैरिज प्रमाणपत्र नही मानता। आर्यसमाज की शादी को कहीं से भी अवैध नही किया गया है।
लोगों को बुरा लगेगा परन्तु आर्यसमाज या आर्यसमाजी यजुर्वेद के मंत्रों से पूर्ण विधि-विधान से विवाह करते हैं। जबकि पौराणिक लोग या गैर आर्यसमाजी एक घंटे में श्लोक बोलकर या गणेशजी के मंत्र बोलकर शादी निपटा देते हैं जबकि आर्यसमाजी रीति-रिवाज से विवाह पूरी एक रात में अनुष्ठापित हो पाता है। यजुर्वेद के मंत्रों से विवाह होता है। शास्त्री जी उस विवाह को सम्पन्न करते हैं और जिन-जिन का विवाह हुआ है। उनका नाम रजिस्टर में दर्ज किया जाता है।
रजिस्ट्रार को समझाया गया कि आप मैरिज को आर्यसमाजी रीति-रिवाज से विवाह करने की वजह से रजिस्टर्ड नही कर रहे। इस लिहाज से तो मेरे माता-पिता और अम्मा बाबासाहेब की शादी भी अवैधानिक हुयी और मेरे पापा अपने भाई बहन सहित अवैध संतान हुये और मैं भी अवैध संतान हुयी फिर तो इस लिहाज से मुझे हाईकोर्ट में या सक्षम न्यायालय में एक पिटिशन दाखिल करनी चाहिए कि मुझे अवैध संतान घोषित किया जाएं।
मैरिज रजिस्ट्रार वैदिक सभ्यता को तोड़ रहे हैं और यह चीजें #सहजीवन को बढ़ावा दे रही है। सिन्दूर मंगलसूत्र का अब कोई मूल्य नही है। जब तक सैक्स करने में अच्छा लग रहा है तब तक साथ रहो और फिर एक घुमाकर लात दो फिर दूसरा व्यक्ति पकड़ लो। आप स्वयं समाज और धर्म को तोड़ने का कार्य कर रहे हैं। अभी कह दूगीं तो बुरा लग जायेगा इसलिए हमने तो कुछ कहना ही बंद कर दिया है।
इस विषय पर आर्यसमाजी अब खुलकर सामने आये और अपने स्वाभिमान की रक्षा करें वरना आप रजिस्ट्रार के अनुसार तो नाजायज़ संतान हुये। यही समस्या एक दूसरे जिले में भी मेरे क्लाइंट के साथ आ रही है। अगर मैरिज का रजिस्ट्रेशन करना ही नही है तो फिर सरकार ने यह व्यवस्था क्यों बना रखी है? आप खुद भारतीय संस्कृति को तोड़ रहे हैं।
एनडी तिवारी का बेटा वैध बच्चा घोषित होने गया था और हम जायेंगे अवैध बच्चा घोषित होने। पहले हम आर्य समाज प्रतिनिधि सभा उत्तर प्रदेश, लखनऊ के समक्ष एक प्रत्यावेदन प्रस्तुत करने जा रहे हैं कि हमारे माता-पिता का विवाह 15 जून 1986 को अलीगढ़ में आर्यसमाज रीति-रिवाज के द्वारा अनुष्ठापित हुआ था, जो टिपिकल अरेंज मैरिज थी। इनका विवाह वैधानिक है ? क्या मैं वैध संतान हूं? और यदि आर्यसमाज रीति-रिवाज से किया गया विवाह वैध है तो आपने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष क्यों नही रखा? सरकार के समक्ष अपना पक्ष क्यों नही रखा? क्यों आपने आर्यसमाज मैरिज वैलिडेशन का हवाला नही दिया? क्यों आर्य समाज मत का अनुसरण किया जायें? जब आपके पास एक सही विज़न नही है। आपके पास करैक्ट लीडरशिप नही है। कल मैं एक प्रत्यावेदन रजिस्टर्ड डाक से भेज रही हूं। जब तक बच्चा रोयेगा नहीं तब तक मां दूध नही पिलायेगी। मेरे आर्यसमाजी होने के नाते मेरे आत्मसम्मान को चोट लगी है। मैं ऐसे चुप नहीं बैठ सकती। आर्य समाज के विवाह को वैध विवाह घोषित किया जाए और रजिस्ट्रार मैरिज सर्टिफिकेट निर्गत करें।
Parmanand
November 22, 2023 at 11:02 am
Marriage performed under Arya Samaj is perfectly valid and it falls under Vedic rites and rituals.