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वेब-सिनेमा

मोदीजी ने आर्यन खान को लाँच कर दिया, शाहरुख़ बोलेंगे- ‘Thankyou Modiji’

यशवंत सिंह-

आर्यन खान के रूप में बालीवुड को नया स्टार मिल गया। वो लांच हो गया। मोदी सरकार ने उसकी तगड़ी ब्रांडिंग कर दी। उसकी पहली फ़िल्म आते ही सुपर हिट होगी। प्रमोशन पर होने वाले करोड़ों के खर्च को शाहरुख़ ने ज़मानत दिलाने में इन्वेस्ट कर दिया। इसका रिटर्न मिलेगा।

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अडानी पोर्ट पर मिले भारी मात्रा में ड्रग के मुद्दे को दबाने के लिए चली गई चाल ने एक नए अवतार को जन्म दे दिया। आर्यन खान को अब कोई नहीं रोक सकता। वो हीरो बन चुका है, बिना किसी फ़िल्म में रोल किए हुए।

सच कहते हैं, आप किसी को नष्ट करने में लगे होते हैं तो पूरी कायनात भरपूर ताक़त से उसको निर्मित करने के काम में जुट जाती है। किसी अभिनेता पुत्र की ऐसी सफल लॉंचिंग केंद्र सरकार के सौजन्य से अब तक देखी सुनी न गई।

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शाहरुख़ खान को तो मोदी जी से निजी तौर पर मिलकर उन्हें इस महान कार्य के किए thankyou modiji कहना चाहिए।

तस्वीर में अपनी लीगल टीम के साथ शाहरुख़ खान…

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आर्यन खान को उस काम के लिए ज़मानत मिली है जिसके लिए उसे अरेस्ट भी नहीं किया जा सकता था!

श्याम मीरा सिंह-

आर्यन खान को उस काम के लिए ज़मानत मिली है जिसके लिए उसे अरेस्ट भी नहीं किया जा सकता था. आर्यन के पास न ड्रग्स मिली, न ड्रग्स ली. जितनी कुछ ग्राम ड्रग्स उसके दोस्तों से मिली वो खुद के उपयोग के लिए थी ना कि बेचने के लिए. ऐसी स्थिति में NDPS एक्ट के अनुसार उसे अरेस्ट भी नहीं किया जा सकता था।

NDPS एक्ट के अनुसार अगर किसी से स्मॉल क्वांटिटी में ड्रग्स मिलती है और वो उसका सेवन करता है न कि व्यापार करता है. तब उसे ड्रग पीड़ित की तरह माना जाता है. ऐसे में उसे जेल नहीं भेजा जाता बल्कि ड्रग छुड़ाने के लिए रिहेबिलेशन सेंटर भेजा जाता है.

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किसी से स्मॉल क्वांटिटी में ड्रग मिलती है और वो उसे बेचता है तब उसे अधिकतम एक साल की सजा हो सकती है या उसे दस हज़ार का जुर्माना लगाके भी छोड़ा जा सकता है. ध्यान रहे ये सजा बेचने वाले के लिए है न कि ड्रग का सेवन करने वाले के लिए. मालूम नहीं किस उद्देश्य से आर्यन को जेल में रखा गया।

आर्यन खान का मामला आर्यन खान का मामला नहीं है. ये मामला शाहरुख़ खान का है. मोदी-शाह चाहते हैं कि जैसे बाक़ी पत्रकारों, अभिनेताओं को मोदी की जय जय करने के काम में लगा दिया गया, वैसे ही शाहरुख़ और बाक़ी लोगों को भी लगाया जाए. शाहरुख़ के बहाने ये पूरे बॉलीवुड को मैसेज दिया गया है. आर्यन को जिस तरह एक फ़र्ज़ी मामले में फँसाया गया उसके बाद सारा अली खान के ट्वीट्स देख सकते हैं. मोदी-शाह के कुचक्र से बचने के लिए उन्होंने जो कभी ट्विटर नहीं चलातीं, उन्होंने भी पहले तो सौ करोड़ वैक्सीन के लिए प्रचार किया फिर गृहमंत्री अमित शाह को जन्मदिन की बधाइयाँ दीं. जबकि जब से वे ट्विटर पर आईं हैं तब से उन्होंने बमुश्किल कुल पाँच ट्वीट किए थे. लेकिन आर्यन मामले के तुरंत बाद ही मोदी-शाह की हाज़िरी भरते हुए दो ट्वीट मार दिए.

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यही वो संदेश है जो मोदी-शाह बॉलीवुड को देना चाहते हैं. और देने में सफल हुए. इसलिए कहा कि आर्यन खान का मामला साधारण मामला नहीं है बल्कि हमारे देश के पूरे लोकतांत्रिक ढाँचे और उसके पूरे इतिहास पर बैठे हुए राहु-केतु का प्रपंच है. देश के नागरिकों की आवाज़ कुचलने का ऐसा नग्न धमाका है जिसकी आवाज़ भी न आए. आप कह सकते हैं ये सेलिब्रिटी लोगों का मामला है. लेकिन ऐसा नहीं है. ये आपके, हमारे, हम सबके लोकतांत्रिक अधिकारों से जुड़ा मामला है. इस बात की बारीकी को समझिए. अगर एक राज्य में किसी एक आदमी के भी लोकतांत्रिक अधिकारों पर ख़तरा है तो समझिए वहाँ किसी के भी अधिकार सुरक्षित नहीं हैं.

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