देवघर (झारखंड) : मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू करने से बचने के लिए अखबार मालिकों द्वारा नित नये घिनौने हथकंडे अपनाये जा रहे हैं। यहां से प्रकाशित होने वाले हिन्दी दैनिक ‘इंडियन पंच’ के मालिक ने अखबार में कार्यरत सभी कर्मियों से कहा है कि स्थानीय सहायक श्रमायुक्त ने पूरे स्टॉफ के नियुक्ति पत्र मांगे हैं, ताकि यह पता चले कि यहां कितने कर्मी कार्यरत हैं। उसके बाद हाजिरी रजिस्टर गायब कर दिया गया। फिर नोटिस दिया गया कि सभी कर्मी अपने आईडी कार्ड जमा कर दें। इसके पीछे अखबार प्रबंधन और श्रम विभाग की मिलीभगत बताई जा रही है।
बताया जा रहा है कि सभी कर्मचारियों ने भ्रम में या लोभ में पड़कर अपने नियुक्ति पत्र दे दिये। उसके बाद 30 जुलाई 2015 को हाजिरी रजिस्टर प्रबंधन द्वारा गायब कर दिया गया और आरोप कर्मियों पर लगाया गया कि किसी ने चुरा लिया है। उसके बाद से किसी का अटेंडेंस नहीं बन रहा है। दूसरी ओर 29 व 30 जुलाई 2015 को ही अखबार के 3 नंबर पेज पर एक नोटिस दी गयी कि पता चला है, कुछ लोग अपने परिचय पत्र का दुरुपयोग कर रहे हैं। इसलिए नोटिस पढ़ने के एक सप्ताह के अंदर सभी कार्डधारक अपना-अपना परिचय पत्र कार्यालय में जमा कर दें अन्यथा एक सप्ताह के बाद सभी का परिचय पत्र स्वतः रद्द समझा जायेगा।
इस प्रकार साबित करने का प्रयास किया जा रहा है कि ये लोग संस्थान में कार्यरत नहीं हैं। हालांकि कुछ लोगों को, जिनको इएसआई व पीएफ का लाभ मिल रहा है, उन्हें कहा गया है कि आप लोगों को मजीठिया का लाभ मिलेगा। जिन कर्मियों को इएसआई-पीएफ नहीं मिल रहा है, उन्होंने सहायक श्रमायुक्त कार्यालय में फॉर्म-सी जमा कर दिया है, पर सूत्रों के मुताबिक स्थानीय (देवघर, झारखंड) सहायक श्रमायुक्त कार्यालय के कतिपय कर्मी अखबार के मालिकान से मिले हुए हैं और नजराना लेकर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने दे रहे।
सहायक श्रमायुक्त कार्यालय के एक कर्मी ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर बताया कि देवघर के सभी अखबारों द्वारा अपने कर्मियों के वेतन की जो जानकारी दी गयी है, वह पर्याप्त है। कर्मचारियों का भी वेतन 40-45 हजार है। यह भ्रामक सूचना देने में करीब सभी अखबार शामिल हैं। वहीं झारखंड की सरकार भी इस मामले में उदासीन नजर आ रही है। अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने से मीडिया कर्मी निराश हो रहे हैं।