लखनऊ/दिल्ली : उत्तर प्रदेश में तैनात एक ट्रेनी महिला आईएएस की आपबीती ने गोरखपुर के जिलाधिकारी रंजन कुमार के आचरण को संदिग्ध बना दिया है। आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ.नूतन ठाकुर के मुताबिक महिला अफसर ने उनसे मिलकर अफसर की बदनीयती की सारी हरकत खोल दी है। एक अखबार ने इस पूरे मामले का रहस्योदघाटन किया है। मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच चुका है। सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन के सचिव संजय भूस रेड्डी और यूपी आईएएस एसोसिएशन के सचिव भुवनेश कुमार ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है।
नूतन ठाकुर ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से अब मामले की शिकायत कर दी है। एसडीएम ने भी पूरा मामला सरकार के आला अफसरों को बता दिया है। नूतन ठाकुर और आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने बताया कि ट्रेनी आईएएस उनकी पूर्व परिचित है। जब अमिताभ आईआईएम लखनऊ में वर्ष 2009-2011 में एमबीए की पढाई कर रहे थे, तब यह ट्रेनी भी उनसे कुछ सलाह लिया करती थी। दोनों ने ट्रेनी आईएएस से बात भी की और मामले को सही पाया। अमिताभ ठाकुर का कहना है कि उन्होंने भी मामले को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का मन बना लिया है। उन्होंने मांग की है कि मामले की गोपनीय जांच करवाई जाए और अगर यह आरोप डीएम के खिलाफ सही पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए। डीएम रंजन कुमार ने उन पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि पूरा मामला गलत है। इसे बेवजह तूल दिया जा रहा है। मीडिया को पता नहीं क्यों पर्सनल मामले में दिलचस्पी है!
एक समाचारपत्र के रिपोर्टर के मुताबिक महिला आईएएस अफसर का आरोप है कि गोरखपुर के जिलाधिकारी रंजन कुमार उसको रात दो बजे फाइलें देखने के लिए अपने आवास पर बुलाकर खाना बनाने को कहते थे। रिपोर्टर की रिकार्डेड जानकारी के मुताबिक पीड़ित विवाहित आईएएस ने बताया है कि एक दिन रंजन कुमार ने उससे कहा – शहर में इसीलिए तुम्हारी ड्यूटी लगाई गई है कि तुम्हारा चेहरा हमेशा सामने रहे। महिला आईएएस ने बताया है कि रंजन कुमार उसे फिल्में दिखाने भी ले जाते रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक पीड़िता आईएएस को जब डीएम की हरकतों पर बदनीयती का शक हुआ तो उसने उस पर ऐतराज जताया और इससे डीएम के नाराज हो जाने पर वह छुट्टी पर चली गई। बाद में लौटने पर उनका गोरखपुर के देहात क्षेत्र में स्थानांतरण कर दिया गया। इस पर महिला आईएएस ने जिले के पुलिस कप्तान को सारी बातें बता दीं। इसके बाद स्थानांतरण रुक गया है।
सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन के सचिव संजय भूस रेड्डी ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि अभी घटनाक्रम की उन्हें अपेक्षित जानकारी नहीं है। वह इस संबंध में यूपी आईएएस एसोसिएशन से बात करेंगे। यदि डीएम पर महिला अधिकारी के आरोप सच साबित होते हैं तो इसकी पूरी जांच होनी चाहिए। सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन यूपी सरकार से इस मामले की जांच की मांग भी कर सकता है।
यूपी आईएएस एसोसिएशन के सचिव भुवनेश कुमार ने कहा है कि पूरी जानकारी उन्हें मीडिया से मिली है। दोनों अधिकारियों की तरफ से उन्हें अभी कोई भी शिकायत नहीं मिली है। ऐसे में वह अभी कुछ नहीं कर सकते हैं। यदि पीड़ित पक्ष एसोसिएशन के पास आएगा तो वह मामले का संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई जरूर करेंगे।