यशवंत जी
मैं विवेक तिवारी बीते 23 वर्षों में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक चैनल्स में सक्रिय पत्रकारिता में हूं. जिसमें नेशनल हेराल्ड, ईटीवी यूपी, इंडिया टीवी, वायस आफ इंडिया, जी न्यूज़, न्यूज इंडिया वन, जनतंत्र टीवी आदि आदि.
इस समय मैं लाइव टुडे चैनल का एडीटर आउटपुट हूं. आपके पोर्टल पर लाइव टुडे चैनल पर ईडी के तलाशी अभियान के बारे में काफी कुछ लिखा गया है. वैसे तो इस अभियान का चैनल की किसी गतिविधि से कोई लेना देना नहीं है लेकिन चूंकि जिन कंपनियों पर ये अभियान चलाया गया वो और चैनल एक ही परिसर एक ही मालिक के अंतर्गत हैं इसलिए चैनल का नाम आ जाना स्वाभाविक है.
आपने अपने पोर्टल पर इस संबंध में लिखी खबर में ये बताया है कि ये चैनल बंद होने जा रहा है. मेरी आपत्ति इसी बात पर है.ये पढ़ने के बाद चैनल में काम कर रहे पत्रकारों के मनोभाव पर क्या असर पड़ेगा इस बात को समझने की फुर्सत आपके पास नहीं होगी क्योंकि खबरें अगर चटकारेदार या भय पैदा करने वाली नहीं होंगी तो पोर्टल को कौन पूछेगा.
ये मजबूरी मैं समझता हूं .बहरहाल जहां तक इस आशंका और आपके इस जजमेंट का प्रश्न है तो मेरे ख्याल से इसे मालिकान बेहतर बता सकते हैं आप बिल्कुल नहीं और चैनल के कर्मचारियों को भी आपके पोर्टल पर छपे बेवकूफाना निर्णय की बजाय मालिकान के निर्णय पर भरोसा करना चाहिए. मेरी जो मालिकान से बात हुई है उसमें साफ साफ कहा गया है कि चैनल किसी भी हाल में बंद नहीं होगा.
ईडी को जो उत्तर देने हैं वो दिए जा रहे होंगे उससे न हमें कोई लेना देना है और न ही कर्मचारियों का. लेकिन चैनल बंद होने की आशंका जो आपके मुताबिक प्रबल है उससे हम सबको फर्क पड़ता है क्योंकि करीब 200 लोगों की रोजी रोटी इस चैनल से जुड़ी है.
अगर आपके पास चैनल के बंद होने के संबंध में कोई प्रमाण अथवा कोई आधिकारिक जानकारी है तो उसे लिख दें अन्यथा ऐसी अफवाहें उड़ाना बंद करें. जिन अफवाहों से बच्चों का मनोबल टूटे उसे फैलाने से नीचता की पराकाष्ठा है.
विवेक तिवारी
पत्रकार
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