Dayanand Pandey : एक समय कंस और रावण जैसों को भी लगता था कि उन का कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता। और वह अत्याचार पर अत्याचार करते जाते थे। लेकिन एक दिन उन का अंत हुआ। गोरी, गजनवी, चंगेज खां, बाबर, औरंगज़ेब आदि के हश्र भी हमारे सामने हैं। ब्रिटिश राज में तो एक समय सूरज भी नहीं डूबता था, पर एक दिन आया कि डूब गया। तो मुलायम सिंह यादव कौन सी चीज़ हैं? मुलायम सिंह यादव के पाप और कुकर्म का घड़ा भी अब भर जाने की राह पर है।
बिहार में महागठबंधन में छेद करने के बाद भी उन को राहत मिलती नज़र नहीं आती। रही सही कसर आईएएस अफसर सूर्य प्रताप सिंह और आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने पूरी कर दी है। यादववाद और अत्याचार की पराकाष्ठा पार कर कर चुके मुलायम सिंह यादव के ख़िलाफ़ आज लखनऊ की एक निचली अदालत ने अमिताभ ठाकुर को मुलायम द्वारा धमकी दिए जाने के बाबत एफ़आईआर दर्ज करने के आदेश जारी कर उन्हें उनकी औकात बता दी है। हालांकि इस एफ़आईआर से मुलायम का तुरंत कोई बाल बांका नहीं होने वाला। लेकिन वह कहते हैं न कि बूंद-बूंद से सागर बनता है। तो अमिताभ ठाकुर की लड़ाई का यह भी एक बूंद है। अमिताभ ठाकुर आपको बहुत बधाई! आप के संघर्ष को सैल्यूट! आप की जिजीविषा को प्रणाम! आप निरंतर युद्धरत रहिए। विजय आप की प्रतीक्षा में है। दुष्यंत कुमार का वह एक शेर है न :
कैसे आकाश में सुराख़ नहीं हो सकता
एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो ।
तो अमिताभ ठाकुर आपने एक पत्थर तो तबीयत से उछाल ही दिया है। सुराख़ भी होगा ही और अत्याचार की यह व्यवस्था टूटेगी भी। किसी फर्जी बलात्कार का आरोप लगा देने और बेबुनियाद आरोपों की जांच में आप की यह लड़ाई नहीं झुलसने वाली यह बात तो सारी दुनिया जानती है मेरे मित्र! आप तो खैर अच्छी तरह यह बात जानते हैं। मुलायम का अंत भी अब करीब आ गया है। वह भी अमिताभ ठाकुर के हाथों।
लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार दयानंद पांडेय के फेसबुक वॉल से.
Comments on “मुलायम का अंत भी अब करीब आ गया है, वह भी अमिताभ ठाकुर के हाथों : दयानंद पांडेय”
bilkul sateek likha h Pandey ji ne.