दशहरा के दिन जब हर जगह असत्य पर सत्य की जीत की खुशी में महाज्ञानी और प्रकांड विद्वान रावण का पुतला जलाया जा रहा था, उसी समय रायपुर में दैनिक जागरण प्रबंधन के अखबार नयी दुनिया के कर्मचारी जागरण प्रबंधन के खिलाफ सड़क पर उतर गये और शान्तिपूर्ण तरीके से मोर्चा निकाला.. इस प्रदर्शन में शामिल कर्मियों ने फेसबुक पर लिखा है- ”नईदुनिया (जागरण ग्रुप का अखबार) रायपुर की शुरू हो गई बात…. आज रावण दहन के साथ…. जय हो मजीठिया.”
चौथा स्तंथ कहे जाने वाला मीडिया ही माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर रहा है… अखबार में कार्यरत कर्मचारियों का अधिकार है मजीठिया वेज बोर्ड. लेकिन अपना हक मांगने पर नईदुनिया (यूनिट आफ जागरण प्रकाशन लिमिटेड रायपुर, छत्तीसगढ़) के 24 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया… इसके विरोध में कर्मचारियों ने रायपुर के चौक चौराहों पर पोस्टर बैनर लेकर शांतिपूर्ण मौन प्रदर्शन किया…
कर्मचारियों के साथ गाली गलौच और दुर्व्यवहार कर शांति भंग करने का काम प्रबंधन के लोग कर रहे हैं लेकिन इल्जाम कर्मचारियों पर डाल कर नौकरी से निकाल रहे हैं… यहां उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत चरितार्थ हो रही है… जागरण समूह से मोर्चा लेने वाले इन मीडियाकर्मियों की हर कोई तारीफ कर रहा है…
मजीठिया वेतन की मांग करने वाले कर्मचारियों पत्रकारों का शोषण नईदुनिया जागरण प्रबंधन द्वारा रायपुर में लगातार जारी है… श्रम विभाग में बातचीत और बैठकों के दौर के बावजूद 24 कर्मचारियों का निलंबन 4 कर्मचारियों का कश्मीर हरियाणा ट्रांसफर करने के साथ-साथ उत्पीड़ित करने के कारण 26 से अधिक कर्मचारी नईदुनिया अखबार छोड़ कर जा चुके हैं। जागरण के मालिकाना हक लेने के बाद 2012 से नईदुनिया निरंतर पतन की ओर अग्रसर है… वह न केवल पाठकों का बल्कि 10 से 11 साल से काम कर रहे कर्मचारियों का भी विश्वास खो चुका है…
दशहरे के दिन रायपुर में कर्मचारियों ने 24 निकाले गए कर्मचारियों को तत्काल काम पर लेने और मजीठिया वेतन देने की मांग के साथ मौन विरोध प्रदर्शन किया… सुबह से शाम तक रायपुर के महत्वपूर्ण स्थलों में कर्मचारियों का यह प्रदर्शन प्रबंधन की दादागिरी के खिलाफ जारी रहा… संवैधानिक मजीठिया कमीशन की रिपोर्ट सुप्रीमकोर्ट द्वारा लागू किये जाने के बार-बार के आदेश के बाद भी मीडिया मालिकों के गैरकानूनी कृत्य को सरकार रोक नही पा रही है यानि सत्ता से उच्च स्तर पर साठगांठ की बू आ रही है… बहरहाल शांतिपूर्ण विरोध के संवैधानिक अधिकार का प्रयोग पत्रकार कर्मचारी कर रहे हैं..
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट
9322411335
इसे भी पढ़ें…