पहले नीरज पटेल द्वारा भड़ास को भेजा गया पत्र पढ़ें…
खुद को पत्रकार बता रहे प्रिंस पर लूट का दूसरा मुकदमा दर्ज… दलालों की साजिश नाकाम… खुद को पत्रकार बताने वाले होटल संचालक पर लूट का मुकदमा दर्ज… खुद को पत्रकार बताकर नीरज पटेल के खिलाफ साजिश रचने वाले होटल संचालक प्रिन्स कुशवाहा और उसका साथ देने वाले दो दलाल पत्रकारों की कहानी को धता बताते हुए कोतवाली उरई पुलिस ने प्रिन्स कुशवाहा और उसके ताऊ हरि सिंह के खिलाफ मारपीट, गाली गलौच और लूट की धाराओं (323, 504, 506, 392) में रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व पत्रकार नीरज पटेल कोतवाली उरई में अपने खिलाफ लूट और मारपीट कि रिपोर्ट दर्ज कराने गये थे। पुलिस ने तुरंत मामले का संज्ञान लेकर प्रिंस कुशवाहा को कोतवाली बुलाकर बैठा लिया। मामले की भनक लगती ही प्रिन्स की माँ कुछ कोतवाली के दलालों और खुद को न्यूज़ 24 का रिपोर्टर बताने वाले अखिलेश को लेकर वहाँ पहुँच गइ और उल्टा नीरज पर ही आरोप लगाने लगी।
अखिलेश ने कुछ पुलिस वालों की मदद से नीरज को ही गलत साबित करने की कोशिश की इसके बाद कोतवाल संजय गुप्कता ने एक si को मामले कि छानबीन के लिये कहा SI की जाँच और नीरज के मेडिकल के आधार पर पुलिस ने प्रिंस कुशवाहा और उसके ताऊ के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। आरोपी फिलहाल फरार हैं। उक्त आरोपी युवक प्रिंस कुशवाहा और उसकी मां के खिलाफ पहले ही उरई कोतवाली में मारपीट और लूट का एक और मुकदमा दर्ज है। प्रिंस खुद को साधना प्लस का पत्रकार बताता है लेकिन संस्थान ऐसे किसी भी व्यक्ति को खुद से जुड़ा होने की बात से इनकार कर रहे हैं।
नीरज पटेल
[email protected]
अब प्रिंस कुशवाहा द्वारा भड़ास को भेजा गया पत्र पढ़ें….
रेप के आरोपी नीरज पटेल अनुज कौशिक का असली चेहरा बताना चाहता हूं… मैं प्रिंस कुशवाहा अपना विद्यार्थी जीवन और अपने परिवार का भरण पोषण जालौन के उरई के कोंच बस स्टैंड पर चाय का छोटा सा होटल चलाकर कर रहा था… होटल चलाने की जरूरत मुझे इसलिए पड़ी क्योंकि मेरे पिता ठेले पर गली गली सब्जी बेचकर परिवार और मेरी पढाई कराने में असमर्थ थे.. मेरा विद्यार्थी जीवन और मेरा परिवार ख़ुशी ख़ुशी चल रहा था.. तभी कोंच बस स्टैंड पर नीरज पटेल के पिता अक्सर मेरे चाय के होटल पर बैठने लगे… चाय पीते और चले जाते… साथ ही कहते मेरा लड़का दिल्ली में न्यूज़ नेशन चैनल में है, तुम्हें पुलिस परेशान नहीं करेगी…
कुछ दिन बाद नीरज पटेल भी उरई आये और अपने स्थानीय पत्रकार अनुज कौशिक जो उस समय न्यूज़ नेशन में थे आदि साथियों के साथ मेरे यहां बैठने लगे… कभी कभार बीयर शराब इत्यादि का सेवन भी मेरे होटल पर होने लगा… इसका मैंने विरोध किया तो इन लोगो ने मेरे से मारपीट कर दी… हद तो तब हो गयी जब नीरज पटेल और अनुज कौशिक व उनके कुछ साथी एक दिन मेरे घर जबरन घुस आये और मेरी माँ को तमंचे की नोक पर दबोच लिया… आगे के शब्द मैं अपनी माँ के लिए प्रयोग नहीं कर सकता। पूरा मामला जालौन के जिला न्यायालय के संज्ञान में है।
आये दिन मेरे घर में घुसकर पत्रकारिता और न्यूज़ नेशन की धौंस दिखाकर मारपीट करना… पुलिस से प्रताड़ित कराना.. आखिरकार मेरा होटल बंद हो गया.. मेरे ऊपर दिनदहाड़े उरई के व्यस्तम घंटाघर चौराहे पर 1300 रूपए लूट का फर्जी मुकदमा डीआईजी झाँसी के आदेश से दर्ज कराया गया.. इसमें पुलिस ने विवेचना के दौरान मुझे निर्दोष साबित किया क्योंकि डीआईजी झाँसी शरद सचान खुद नीरज पटेल के सजातीय थे.. यहाँ स्थानीय पुलिस द्वारा पूरा मामला सच बताने के बावजूद मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया गया था..
मैंने इसकी शिकायत न्यूज़ नेशन के नोएडा कार्यालय में भिजवा दिया जहां से नीरज पटेल और अनुज कौशिक को निष्काषित कर दिया गया… निष्कासन के बाद दोनों के बदले की आग बढ़ गयी.. नीरज पटेल ने अपने हाथ में फर्जी प्लस्तर चढ़ाकर दुबारा हाथ तोड़ने और लूट का फर्जी मुकदमा मेरे खिलाफ कायम करा दिया और मेरी माँ और मुझे भद्दी भद्दी गालियां दी.. हालांकि जिले की पुलिस पूरी हकीकत से रूबरू है.. उन्हें पता है कि मामला पूरा फर्जी है.. लेकिन डीआईजी झाँसी शरद सचान का आदेश कैसे टाला जा सकता है… मामले की जांच के बाद नीरज पटेल और उनके साथियों को भी पता चल जायगा कि झूठा मुकदमा लिखाने की सजा क्या होती है। हालांकि नीरज पटेल अपने कुर्मी विधायकों की धमकी अभी भी लगातार दे रहे हैं.. कहते हैं मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता.. मेरी राजनैतिक पकड़ हर जगह है.. तुम मेरा कुछ नहीं कर पाओगे।
मेरा फ़ौज में जाने का अरमान तो टूट गया क्योंकि मैं निर्दोष होते हुए भी अपना चरित्र उत्तम कैसे दिखाता. मेरी मदद के लिए स्थानीय पत्रकारों का धन्यवाद जिन्होंने मेरी मदद की और मुझे अपनी बिरादरी में शामिल कर लिया. बौखलाए विरोधियों के मुँह पर ये भी एक तमाचा था क्योंकि अब मैं उच्च अधिकारियों से ज्यादा आसानी से अपनी बात कह सकता था। वास्तविकता तो यह है कि कभी कभी इंसान परिस्थितियों से विवश होकर भी पत्रकारिता के पेशे को चुनता है. मेरे अंतर्मन की आवाज जब मैं सुनता हूं तो महसूस करता हूं कि गरीबी ही शायद मेरे आड़े आ गयी. अगर मेरे पास भी पैसा होता, मेरा बाप ठेला न चलाता होता तो शायद मैं चाय का होटल कभी नहीं खोलता, पढाई करता और अफसर बनकर कहीं नौकरी कर रहा होता. साथ ही भड़ास को भी बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी समस्या को प्रकाशित कराया और पत्रकारिता को अपने बाप की बपौती समझने वाले नीरज पटेल और अनुज कौशिक का वास्तविक चेहरा मीडिया जगत में उजागर हुआ.
धन्यवाद
प्रिंस कुशवाहा
[email protected]
साधना प्लस न्यूज़ चैनल
जालौन
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नीरज पटेल
March 25, 2017 at 10:44 am
लूट और मारपीट के दो मामलों में आरोपी प्रिंस कुशवाहा को साधना प्लस का पत्रकार बताकर बचाने पर तुले दलालों की पोल खुल गइ है। प्रिंस और उसकी मां रामजानकी को कोतवाली की दलाली करने वाले तथाकथित 2 पत्रकार निरीह और बेबस बताकर अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं और प्रिंस के खिलाफ दर्ज हुई लूट और मारपीट की घटना को गलत बता रहे हैं। अधिकारियों पर रौब गांठने के लिये उसको साथ में घुमाते हैं और साधना प्लस का रिपोर्टर बताते हैं। इस बारे में जब साधना प्लस के चैनल हेड मुकेश कुमार से बात की गइ तो उन्होंने ऐसी किसी व्यक्ति के चैनल से दूर दूर तक सम्बन्ध होने की बात से साफ इनकार करते हुए लिखित में बताया की प्रिंस कुशवाहा नाम का कॊई व्यक्ति उनसे नहीँ जुड़ा है।