जब लुटिया डूबती है तो हर कोई इसके आगोश में आ जाता है। कुछ ऐसा हाल इन दिनों पर्ल्स ग्रुप के चैनल “पी7” का है। खिसयानी बिल्ली खम्बा नोचे वाली कहावत के तहत पी7 चैनल का मैनेजमेंट अपने कर्मचारियों के साथ बदतमीजी पर उतारू है। आउटपुट हेड रमन पांडेय समेत कई लोगों की चैनल में नो एंट्री कर दी गयी है। पीएसीएल ग्रुप सेबी के शिकंजे में जबसे फंसा है तबसे इसके मीडिया वेंचर का बुरा हाल है। चैनल की आर्थिक स्थिति कई महीनों से खराब है और लगातार बिगड़ती जा रही है। वक्त से सैलरी न मिल पाने के कारण चैनल के साथ जी जान से काम करने वाले कर्मचारी परेशान हैं।
जुलाई से सैलरी की दिक्कत से जूझ रहे कर्मचारी अपनी हक़ की लड़ाई के लिए लेबर कमिश्नर तक पहुंच गए हैं। लेबर कमिश्नर की दखलंदाज़ी के बाद लोगों की अगस्त तक की तो सैलरी तो दे दी गयी लेकिन सितम्बर और अक्टूबर की सैलरी का पता नहीं है। कर्मचारी जब अपनी समस्या को लेकर लेबर कमिश्नर तक पहुंचे तो चैनल के मैनेजमेंट और कुछ चम्पुओं को ये बात नागवार गुजरी। इसके बाद अब मीडियाकर्मियों को निशाना बनाने के लिए एचआर द्वारा रोज कोई न कोई नया रूल बनाया जा रहा है। कर्मचारियों को इसलिए परेशान किया जा रहा है क्योंकि उन्होंने अपनी सैलरी की लड़ाई को लेबर कोर्ट तक पहुंचा दिया है।
लेबर कमिश्नर की लगातार लताड़ से प्रबंधन काफी परेशान है। लेबर कमिश्नर ने नोटिस भेजा है कि अगर प्रबंधन सैलरी देने में असमर्थ है तो उसके खिलाफ रिकवरी की कार्रवाई क्यों न की जाए। असिस्टेंट लेबर कमिश्नर शमीम अख्तर की तरफ से चैनल को हिदायत दी गयी कि जब तक सबकी सैलरी नहीं दी जाती तब तक प्रबंधन किसी भी कर्मचारी को परेशान ना करे या उसको नहीं निकाले। इसके बावजूद रूल4 का उल्लंघन करते हुए चैनल ने तुगलकी फरमान जारी रखा और कई लोगों की चैनल के गेट पर नो एंट्री लगा दी है। उन सभी से ये बोला गया है कि वो अपना इस्तीफा दे दें। इनमें आउटपुट हेड रमन पांडेय समेत कुल 7 लोगों को नो एंट्री का फरमान सुनाया गया है। गार्ड्स को इन सभी को रोकने के लिए बोला गया है। मतलब साफ है कि किसी तरह इनको परेशान कर इनसे इस्तीफा माँग लो। वहीं अब चैनल का सारा काम-काज लगभग उदय सिन्हा को सौंप दिया गया है। इनपुट, आउटपुट और पीसीआर डिपार्टमेंट का हेड फिलहाल कोई नहीं है। सारा कुछ उदय सिन्हा के निर्देशन में हो रहा है। बताया जा रहा है कि करीब 50 लोगों की लिस्ट प्रबंधन ने तैयार कर ली है जिनको अब बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। खासकर मोटी सैलरी वालों को प्रबंधन निकालना चाहता है।
Comments on “‘पी7न्यूज’ में रमन पांडेय समेत कई वरिष्ठों की नो इंट्री, चैनल की कमान उदय सिन्हा को”
यशवंत भाई लगता है आपको इस रमन पांडे के बारे में ठीक से पता नहीं है। ये पांड़े कहीं से भी मीडियाकर्मी नहीं है और ना ही मीडियाकर्मियों की सहानुभूति का पात्र है। मैं कोेई पीएसीएल का पक्ष लेकर ये बात नहीं कर रहा हूं बल्कि सच्चाई बयान कर रहा हूं। ये पांड़े पिछले पांच साल से बिना काम धाम के पी7 से मोटी पगार ले रहा था। काम के नाम पर ये ऐसा आउटपुट हेड था जिसे ठीक से एक पैकेज तक लिखना नहीं आता था। अभी कुछ दिनों पहले ये हरामखोर उन मीडियाकर्मियों के खिलाफ एक सिग्नेचर कैंपेन चला रहा था जो अपनी सैलरी के लिए लेबर कोर्ट गए थे। केसर सिंह को इसने कहा था कि सब मैनेज हो जाएगा। लेकिन केसर सिह जैसे मक्कार ने इस महा मक्कार को पालना बंद दिया क्योंकि चैनल का बेड़ा गर्क करने में इस रमन पांडे का भी बड़ा हाथ रहा है। इस चिरकुट ने छांट-छांटकर ऐसे लोगों की भर्ती की जिन्हे कुछ आता जाता नहीं। न जाने कितने होनहार नौजवानों की नौकरी इस धूर्त ने ली होगी। आज जब आखिरकार इसके पिछवाड़े पर लात पड़ी है तो इसके साथ कोई सहानुभूति नहीं होनी चाहिए क्योंकि ये कोई पत्रकार नहीं बल्कि परपीड़क परजावी है।
waqt kaise badlta hai ye raman pandey k hashra ko dekhar pata chalta hai..kabhi isi shaksh ne managment k kaan bharkar chun chun kar un logo ko bahar nikalwaya jo raman ki jihajuri ya chaplusi nahi kartey they..aj vahi raman gate k bahar hai aur un k kai khasmkhas pala badal kar channel me hain..raman ji ab sudhar jana..admi ko uski chaplusi ki kabliyat se mat ankna.
रमन पांडे के साथ वक्त ने बिल्कुल सही इंसाफ किया है- इसी शख्स ने केसर जी को भड़काकर कई काम करने वाले मेहनती लोगों को चैनल से बाहर निकलवाया और आज ऊपरवाले ने इसको बदला दे दिया। उन सबको तो कही न कहीं नौकरी मिल गई, लेकिन इसको कोई नही पूछेगा, क्योकि इसको न काम आता है और न करने की आदत है. अब लड़कियों का शोषण भी नहीं होगा.
निहायत ही कमीना इन्सान है रमण पाण्डेय जब mai p7 me जॉब के लिया गया था तो इसने मुझसे कहा था की कोई तुमे इंटर्न की जॉब नहीं देगा लेकिन मेरी काबिलियत को देखते हुए फोकस न्यूज़ में स3नि sr producer ki job mili hai.bhagwan raman pandey ko kabhi maf nahi karege ye mera sharaf hai.
रमन पांडे एक ऐसा शख्स जिसने पी7 की लुटिया डुबो दी..जिसने आउटपुट हेड रहते लोगों को परेशान किया…और तौ और GET OUT FROM HERE कहकर लोगों को बाहर निकाला…लड़कियों को अपना बनाया…मैंं भी पी7 में 3 साल काम कर चुका हूं…उस कमीने ने मुझे बहुत रुलाया..जहां तक कि…मुझे कई बार न्यूजरूम में बेइज्जत भी किया…आज हम लोगों को तो अच्छी नौकरी मिल गई…और मेरे साथियो को भी…लेकिन…इस रमन पांडे जैसे कमीनों को कोई भी नौकरी ना दे….ये सड़क पर ही रहे…जब मुझे खबर मिली…कि…रमन पांडे को पी7 से निकाला..तो मुझे और मेरे दोस्तों को बहुत खुशी हई….ऐसे लोग सिर्फ किसी संस्थान में नहीं…बल्कि किसी सड़क पर होने चाहिए….
bhagwan k ghar der hai andher nahi.raman pandey ko us k kukarmo ki saza bhagwan ne de hi di.na jane kitni ladliko ko iski buri nazar se gujarna pada hai,ladkio ko pratadit kar une bistar par lane me is harmi ne kabi koi kami nahi rukhi. apne chelo se ye ladkion par dawab banwata tha.ladki ho ya ladka jisne iski bat nahi mani usey is papi pandey ne channel se hamesha nikalvaya..kher ant bhala to sab bhala.pandey k pap ka ghada 5 sal bad akhir phoot hi jaya..
दोगला है….चट्टू…औरतखोर..ना जाने क्या क्या…इसकी बीबी को बताओ