और मीडियाकर्मियों ने अपने हिस्से की स्क्रीन पर कब्जा जमा लिया….

Vineet Kumar : p7 न्यूज चैनल बंद हो गया. ये वही न्यूज चैनल है जिसने लांचिंग में अपने एंकरों से रैम्प पर नुमाईश करवायी, शोपीस एंकरिंग को बढ़ावा दिया. पिछले दिनों इसी ग्रुप की पत्रिका बिंदिया और शुक्रवार के बंद हो जाने पर बेहद जरूर सरोकारी मंच के खत्म होने का स्यापा आपने देखा था. पत्रिका सहित ये चैनल क्यों बंद हो गया, ये बार-बार बताने की जरूरत इसलिए पड़ती है कि एक वेंचर बंद होने के वाबजूद दूसरे के बने रहने के दावे मैनेजमेंट की तरफ से ताल ठोंककर दिए जाते हैं..लेकिन सच आपसे और हमसे छिपा नहीं है.

चैनल बंद कर भाग रहे निदेशकों को पी7 न्यूज कर्मचारियों ने घेरा, आफिस में बवाल

नोएडा से खबर है कि पी7 न्यूज चैनल बंद करके भाग रहे निदेशकों को मीडियाकर्मियों ने घेर लिया है. कई महीने से सेलरी न मिलने से नाराज मीडियाकर्मी चैनल के निदेशकों केसर सिंह आदि को उनके केबिन से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं. मीडियाकर्मियों का आरोप है कि चैनल के निदेशकगण सेलरी न देने और बकाया पैसा हड़पने के इरादे से गुपचुप तरीके से चैनल बंद कर फरार होने की तैयारी कर रहे थे.

सेबी का आदेश- पीएसीएल नामक कंपनी के पास कोई मान्यता नहीं, जनता पैसा न लगाए

सेबी ने अखबारों में विज्ञापन निकालकर आम जन को आगाह किया है कि वे पी7न्यूज चैनल चलाने वाली कंपनी / समूह ‘पीएसीएल’ नामक कंपनी में एक भी पैसा न लगाएं क्योंकि इस कंपनी के पास किसी तरह का कोई लाइसेंस या मान्यता नहीं है. सेबी का कहना है कि जो कोई भी इस कंपनी में पैसा लगाएगा या लगाए हुए है, वह खुद जिम्मेदार होगा और इसका जोखिम वह खुद झेलेगा. जनहित में जारी विज्ञापन की कटिंग इस प्रकार है…

पर्ल ग्रुप पर पीएफ डिपार्टमेंट का छापा, बड़ा गड़बड़-घोटाला मिला

पर्ल ग्रुप की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। पहले निवेशकों को सपना दिखाकर उनसे उनकी गाढ़ी कमाई लूट कर धोखा किया गया और अब पर्ल्स ग्रुप के अधीन चल रहे न्यूज़ चैनल ‘पी7’की स्थिति लगातार चरमराती चली जा रही है। जहाँ चैनल ने अपने कर्मचारियों को सितम्बर से अब तक सैलरी नहीं दी है और मामला लेबर कमिश्नर की चौखट पर है वहीं बेशरमी की हद पार करते हुए चैनल का एक और फ्रॉड सामने आया है।  ताजा मामला पीएफ से जुड़ा हुआ है।  बताया जा रहा है कि चैनल ने पिछले सात महीने से कर्मचारियों का पीएफ ही नहीं जमा किया है। इस बात की पुष्टि तब हुई जब पीएफ डिपार्टमेंट की स्क्वाड टीम ने शुक्रवार को दोपहर 12 बजे चैनल में छापा मारा।

‘पी7न्यूज’ में रमन पांडेय समेत कई वरिष्ठों की नो इंट्री, चैनल की कमान उदय सिन्हा को

जब लुटिया डूबती है तो हर कोई इसके आगोश में आ जाता है।  कुछ ऐसा हाल इन दिनों पर्ल्स ग्रुप के चैनल “पी7” का है। खिसयानी बिल्ली खम्बा नोचे वाली कहावत के तहत पी7 चैनल का मैनेजमेंट अपने कर्मचारियों के साथ बदतमीजी पर उतारू है। आउटपुट हेड रमन पांडेय समेत कई लोगों की चैनल में नो एंट्री कर दी गयी है। पीएसीएल ग्रुप सेबी के शिकंजे में जबसे फंसा है तबसे इसके मीडिया वेंचर का बुरा हाल है। चैनल की आर्थिक स्थिति कई महीनों से खराब है और लगातार बिगड़ती जा रही है।  वक्त से सैलरी न मिल पाने के कारण चैनल के साथ जी जान से काम करने वाले कर्मचारी परेशान हैं।