मुम्बई के श्री अम्बिका प्रिंटर्स में लगी आग (देखें तस्वीरें)

कंपनी के बहादुर साथियों तथा फायर बिग्रेड की मदद से बड़ा हादसा टला… मुम्बई से एक बड़ी खबर आ रही है। यहाँ श्री अम्बिका प्रिंटर्स एन्ड पब्लिकेशंस के लालबाग स्थित कार्यालय और प्रिंटिंग प्रेस के पास बने सर्वर रूम में भीषण आग लग गयी। यह आग गुरुवार की रात उस समय लगी जब सभी कर्मचारी और मीडिया कर्मी अपने अपने काम में व्यस्त थे। आग लगने की खबर पाते ही हड़कंप मच गया।

हिन्दुस्तान बरेली ने आईटी मैनेजर समेत दस कर्मियों को बाहर निकाला, जी बिजनेस में भी छंटनी

बरेली से बड़ी खबर आ रही है. मजीठिया वेज बोर्ड के अनुरूप वेतन और भत्ते ना देने के मामले में अवमानना के केस में सुप्रीम कोर्ट के संभावित कड़े फैसले के आने से पहले ही हिन्दुस्तान प्रबंधन बुरी तरह बौखला गया है। बौखलाहट में हिन्दुस्तान प्रबंधन ने स्टाफ को और भी कम करना शुरू कर दिया है ताकि मजीठिया मांगने और प्रबंधन की मुखालफत करने शेष बचे कर्मचारी हिम्मत ना जुटा सकें। इस समय हिंदुस्तान बरेली में स्टाफ बहुत कम है। जो लोग कार्यरत हैं, वे अभी भी पांच-पांच आदमियों के काम का बोझ उठाकर उफ़्फ भी नहीं कर रहें हैं। ये लोग मजीठिया वेतनमान व एरियर मिलने की झूठी उम्मीद पाले हुए नौकरी कर रहे हैं।

‘इंडिया न्यूज राजस्थान’ चैनल बंद, न्यू इयर पर सैकड़ों कर्मियों के लिए बैड न्यूज

विनोद शर्मा और उनके बेटे कार्तिक शर्मा को अपने मीडियाकर्मियों को दुख देने और प्रताड़ित करने में आनंद आता है. शायद कारण वही हो कि मीडिया वालों ने मीडिया ट्रायल के जरिए मनु शर्मा को जेसिका लाल मर्डर केस में सजा दिलवाने में सफलता पाई इसलिए बदला लेने के लिए बाप बेटे ने न्यूज चैनल से लेकर अखबार मैग्जीन सब खोल डाला और हर साल इस मीडिया हाउस से सैकड़ों लोगों को निकालते रखते रहते हैं. ताजी सूचना है कि इंडिया न्यूज राजस्थान चैनल को प्रबंधन ने बंद कर दिया है.

टीए डीए और वीकली आफ मांगने पर नौकरी से निकाला, मीडियाकर्मी पहुंचा श्रम विभाग, पढ़ें शिकायती पत्र

प्रति,
जिला श्रम पदाधिकारी
जिला – सूरजपुर (छत्तीसगढ़)
विषय- उचित कार्यवाही हेतु,
आवेदक – रक्षेन्द्र प्रताप सिंह
ग्राम पोस्ट बड़सरा
जिला सूरजपुर (छग)

विरुद्ध
फोर्ट फोलियोज प्रायवेट लिमिटेड
रजिस्टर्ड ऑफिस: 217, लक्ष्मी काम्पलेक्स, एमआई रोड, जयपुर-302001 राजस्थान
2. क्षेत्रीय संपादक, दैनिक पत्रिका कार्यालय
मंगल भवन, लिंक रोड बिलासपुर

महोदय,

आवेदक निम्नांकित कथन करता है –

इटारसी रेल अग्निकाण्ड : जरा सी चूक, हजारों करोड़ स्वाहा

रेल्वे सेफ्टी महकमा और जबलपुर जोन कार्यालय के बीच तालमेल की कमी के चलते लगभग उम्र पूरी कर चुके जले आरआरआई सिस्टम की जगह लेने पहले से तैयार नए आपग्रेडेड सिस्टम को ट्रायल की मंजूरी नहीं मिल पा रही थी। अब तक 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। केवल पहले 14 दिनों में 600 से ज्यादा पैसेन्जर ट्रेन कैंसल हो चुकी हैं और 350 से ज्यादा के रूट डायवर्ट कर दिए गए हैं। रेल परिचालन को सामान्य करने में 35 दिन लगेंगे और इसकी समय सीमा 22 जुलाई तय की गई है।

होशियार ! खौलते मौसम में लपटों के अंदेशे भी, भारी पड़ जाएगी असावधानी

राजधानी दिल्ली का तापमान मई के महीने में ही जब 47 डिग्री सेल्शियस को पार कर गया तो आगामी दो माह में किन परिस्थितियों से गुजरना होगा, इसका अनुमान हम आसानी से लगा सकते हैं। ऐसे मौसम में लोगों की जब जान चली जाती है, तब पश्चाताप होता है कि काश! हमने सावधानी बरती होती तो शायद ये दिन हमें नहीं देखने पड़ते।

अपने मीडियाकर्मियों को ठेकेदार का आदमी बताकर बाहर निकाल रहा है अमर उजाला प्रबंधन!

अमर उजाला ने मजीठिया के डर से कर्मचारियों को ठेकेदार का कर्मचारी बताकर बाहर का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया है। अभी तक यह खेल पीटीएस डिपार्टमेंट में शुरू किया गया है, लेकिन विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि यह नियम जल्द ही संपादकीय विभाग में भी लागू कर दिया जाएगा। पिछले साल मई महीने में मजीठिया वेज बोर्ड का लेटर बांटने के बाद अखबार प्रबंधन कुछ ऐसी नीतियां अपना रहा है ताकि उसे मजीठिया वेज बोर्ड के नाम पर धेला भी न देना पड़े। कुछ महीने पहले माहेश्वरी परिवार के खासमखास बताए जाने वाले और मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब किताब करने वाले एचआर प्रमुख को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

पंकज जी की बर्खास्तगी का उत्सव मनाने वाले भाइयों, गुजारिश है कि साथ में भाजपाई एजेंडों की जीत का जश्न भी मनाते जाइए!

: आईबीएन सेवन से पंकज श्रीवास्तव की बर्खास्तगी को लेकर मीडिया में चल रही बतकही के बीच :  ”बंद हैं तो और भी खोजेंगे हम, रास्ते हैं कम नहीं तादाद में” …ये पंक्तियाँ ही कहीं गूँज रही थीं पंकज भाई की बर्खास्तगी की खबर के बाद। … बनारस आने के बाद न जाने कितनी बार उनके साथ इन पंक्तियों को दुहराया होगा। …”हम लोग कोरस वाले थे दरअसल” .… इरफ़ान भाई के ब्लॉग पर आज उसी आवाज को फिर से सुनना बढ़िया लगा. कल प्रेस क्लब में थोड़ी देर के लिए मुलाकात भी हुई कई लोगों से.…

पंकज श्रीवास्तव की प्रेस कांफ्रेंस के लिए केजरीवाल ने जुटा दी मीडिया वालों की भीड़!

अगर फिक्सिंग होती है तो हर कदम पर दिखने लगती है. नाकारापन और अकर्मण्यता के आरोपों में आईबीएन7 से निकाले गए पंकज श्रीवास्तव ने तयशुदा रणनीति के तहत अपने संपादक को एक मैसेज भेजा. उस मैसेज का स्क्रीनशाट लिया. उसे क्रांतिकारी भाषण के साथ फेसबुक पर लगा दिया. ‘आप’ वालों ने फेसबुक और ट्विटर पर पंकज को शहीद बताते हुए उनके मसले को वायरल करना शुरू किया. ‘आप’ नेता आशुतोष, जो कभी आईबीएन7 के मैनेजिंग एडिटर रह चुके हैं, ने पंकज के मसले को जोरशोर से सोशल मीडिया पर उठाया.

पेंदी रहित पंकज परवेज उर्फ पंकज श्रीवास्तव के विलाप के पीछे की कुछ कहानियां

साथ मिलेगा…भरपूर मिलेगा पंकज श्रीवास्तव उर्फ ‘पंकज परवेज’। आप बस जाकर मुट्ठी ताने रहिए मुट्ठीगंज में….सॉरी कर्नलगंज में। सुना है आप सीपीआई-एमएल (लिबरेशन) में होल टाइमर थे। कब थे ये तो नहीं पता लेकिन “लाल फरेरे तेरी कसम, इस जुल्म का बदला हम लेंगे”…। लेकिन परवेज भाई अभी तो कुछ ही महीनों पहले आपने फेसबुक पर अपना नाम बदल लिया था, पंकज श्रीवास्तव से ‘श्रीवास्तव’ हटाकर ‘परवेज’ रख लिया था। आज देख रहा हूं कि बर्खास्तगी विलाप में आप ‘परवेज’ नाम को हटाकर दोबारा ‘वास्तव में श्री’ हो गए हैं। खैर मजाक छोड़िए अब तो हम आपको परवेज भाई ही कहेंगे।

आशुतोष से फिक्सिंग के बाद ‘बागी’ बने पंकज श्रीवास्तव, 2017 में ‘आप’ के टिकट से यूपी में लड़ेंगे चुनाव!

एसोसिएट एडिटर पंकज श्रीवास्तव को नान-परफारमेंस में खुद की बर्खास्तगी का एहसास पहले से था. इसी कारण उन्होंने कभी आईबीएन7 के मैनेजिंग एडिटर रहे और आजकल ‘आप’ के खास नेता बने घूम रहे आशुतोष से संपर्क साधा. आशुतोष के जमाने में ही पंकज श्रीवास्तव की भर्ती हुई थी. आशुतोष और पंकज की डील हुई. इसी डील के तहत यह तय हुआ कि ऐन चरम चुनावी प्रक्रिया के बीच पंकज श्रीवास्तव अपने नए मैनेजिंग एडिटर सुमित अवस्थी को ‘आप’ और केजरीवाल को लेकर एक मैसेज करेंगे. सबको पता है कि टीवी में इस तरह के आंतरिक मैसेज का अंजाम क्या होता है. पंकज श्रीवास्तव को समय से पहले यानि चुनाव बाद तय बर्खास्तगी से पहले ही बर्खास्त कर दिया गया.

कल्पतरु एक्सप्रेस ने 40 को बाहर का रास्ता दिखाया, नाराज कर्मचारी न्यायालय की शरण लेंगे

दिवाली पर अपने कर्मचारियों को बोनस देकर खुश करने वाले आगरा, मथुरा और लखनऊ से प्रकाशित होने वाले दैनिक कल्पतरु एक्सप्रेस ने दिवाली के एक पखवारे के भीतर ही अपने 40 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अचानक इतने व्यापक पैमाने पर हुई छंटनी से कर्मचारियों में रोष है। हटाये गये कुछ कर्मचारियों ने न्यायालय की शरण लेने का भी मन बनाया है।  बताया जाता है कि दैनिक ने आर्थिक तंगी का बहाना बनाते हुए बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी की है। हटाए गये अधिकतर कर्मचारी सम्पादकीय विभाग के हैं। आगरा और मथुरा से 32 और लखनऊ से आठ कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है।

‘पी7न्यूज’ में रमन पांडेय समेत कई वरिष्ठों की नो इंट्री, चैनल की कमान उदय सिन्हा को

जब लुटिया डूबती है तो हर कोई इसके आगोश में आ जाता है।  कुछ ऐसा हाल इन दिनों पर्ल्स ग्रुप के चैनल “पी7” का है। खिसयानी बिल्ली खम्बा नोचे वाली कहावत के तहत पी7 चैनल का मैनेजमेंट अपने कर्मचारियों के साथ बदतमीजी पर उतारू है। आउटपुट हेड रमन पांडेय समेत कई लोगों की चैनल में नो एंट्री कर दी गयी है। पीएसीएल ग्रुप सेबी के शिकंजे में जबसे फंसा है तबसे इसके मीडिया वेंचर का बुरा हाल है। चैनल की आर्थिक स्थिति कई महीनों से खराब है और लगातार बिगड़ती जा रही है।  वक्त से सैलरी न मिल पाने के कारण चैनल के साथ जी जान से काम करने वाले कर्मचारी परेशान हैं।

जनसंदेश टाइम्स बनारस तालाबंदी की ओर, संपादक आशीष बागची ने डेढ़ दर्जन लोगों को निकाला

खबर है कि जनसंदेश टाइम्स, बनारस अब तालाबंदी के मुहाने पर है। सिर्फ घोषणा ही बाकी है। मालिकों ने हिटलरशाही रवैया अपनाते हुए एक नवंबर को डेढ़ दर्जन से अधिक कर्मचारियों को कार्यालय आने से मना कर दिया। इन कर्मचारियों का कई माह का वेतन भी बकाया है, जिसे मालिकानों ने देना गवारा नहीं समझा। इसके साथ ही अखबार के संस्करण भी सिमटा दिये गये। सिटी और डाक दो ही संस्कदर अब रह गये। पहले सभी जिलों के अलग-अलग संस्करण छपते थे। अब दो ही संस्करण में सभी जिलों को समेट दिया गया है।