Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

रात में पीली और हल्की रोशनी में रहिए…

Siddharth Tabish-

रात अंधेरे के लिए होती है.. उजाले के लिए नहीं.. रात में हमारे शरीर और मन को रात का अंधेरा चाहिए होता है, रोशनी नहीं.

पश्चिमी जगत में ट्यूबलाइट और फ्लोरेसेंट लाइट घरों में न के बराबर इस्तेमाल होती हैं.. पश्चिम में ज्यादातर लाइट सोर्स टेबल लैंप, फ्लोर लैंप और वाल लैंप होता है.. ये लगभग उतनी ही लाइट होती है जितनी पहले चिराग़ या लालटेन से होती थी.. चिराग़ और लालटेन को भी तभी तक जलाया जाता था जब तक रात का खाना वगैरह नहीं खा लिया जाता था.. उसके बाद लाइट के सारे सोर्स बंद कर दिए जाते थे.

Advertisement. Scroll to continue reading.

भारत का मध्यम और निम्न आय वर्गीय परिवार बिना ट्यूब लाइट रह ही नहीं पाता है.. जो लोग चेतना में थोड़ा आगे बढ़ जाते हैं वो रात में अपने घरों में बहुत कम और हल्की रोशनी इस्तेमाल करते हैं.. जितनी तेज़ लाइट में आप रात में रहेंगे, आप के अंदर उतनी ज्यादा तेज़ी और एंजाइटी बढ़ती जाएगी.. इसीलिए मध्यम वर्गीय घरों के लोग आजकल बड़ी देर रात तक जागते रहते हैं.. पुरानी दिल्ली के पुराने इलाकों में लड़के आपको रात 2 बजे क्रिकेट खेलते मिल जाएंगे.. इनके घरों में बेचैनी होती है रात में.. यही हाल लखनऊ के भी पुराने इलाकों का है.. वो खाना भी 10 और 11 बजे तक खाते हैं.. उनका शरीर और मन रात में भी स्थिर नहीं हो पाता है.. इसीलिए इनके घरों में खूब लड़ाईयां, झगड़े और बवाल होते है.

आप इस प्रयोग को अपने ऊपर करके देख सकते हैं.. ट्यूबलाइट घर से बिल्कुल निकाल दीजिए.. लाइट सीधे आपकी आंखों पर कभी न पड़े.. रात में वार्म यानी पीली और हल्की रोशनी में रहिए.. बिल्कुल हल्की.. एक टेबल लैंप या फ्लोर लैंप में दो चार वाट का बल्ब बहुत है एक कमरे के लिए.. आपको रात में आंख फाड़ फाड़ के एक दूसरे का एकदम क्लियर मुंह देखने की ज़रूरत नहीं है.. रात में जितना हो सके अंधेरे में रहिए और अपने घर वालों को भी इसकी आदत डाल दीजिए.. अगर ये आपने कर लिया तो कुछ ही दिनों में आप अपने घर के लोगों के स्वभाव में बहुत बड़ा बदलाव देखेंगे.. लड़ाईयां और झगड़ा आपके घरों में कम हो जाएगा.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement