Dayanand Pandey : रवीश कुमार सिर्फ़ लाऊड, जटिल और एकपक्षीय ही नहीं होते, कभी-कभी स्मूथ भी होते हैं और बड़ी सरलता से किसी घटना को तार-तार कर बेतार कर देते हैं। आज उन्होंने एक बार फिर यही किया। एनडीटीवी के प्राइम टाइम में हरियाणा के पंचकुला में बलात्कारी राम रहीम के कुकर्मों और उन पीड़ित दोनों साध्वी की बहादुरी का बखान करते हुए खट्टर सरकार की नपुंसकता की धज्जियां उड़ा कर रख दीं।
योगेंद्र यादव के साथ उनकी शालीन बातचीत ने सारी बात को प्याज की तरह बेतरह बेपर्दा कर दिया। बिना किसी चीख़ पुकार के पूरे घटनाक्रम को शीशे में उतार दिया। इस बाबत पत्रकार छत्रपति की हत्या और सीबीआई के डीएसपी की जांबाजी को भी रेखांकित किया। दोनों साध्वियों को सलाम भेजा और सारी राजनीतिक पार्टियों की सलीके से मज़म्मत की। पंचकुला हिंसा, बलात्कारी राम रहीम और निकम्मे मनोहर लाल खट्टर की डट कर ख़बर ली। योगेंद्र यादव और रवीश कुमार आज बहुत दिनों बाद पूरी निष्पक्षता से थे और फुल फार्म में।
लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार दयानंद पांडेय की मीडिया रिपोर्ट.