Krishna Mohan Sharma : विकास सक्सेना काफी प्रोफेशनल पत्रकार थे. काम के प्रति काफी डेडिकैटेड थे. लेकिन जुबान के पक्के होने के साथ-साथ कड़वे भी थे. कुछ दिन पहले “प्रेस क्लब” में मुलाकात हुई तो मुझे वहां देखकर चौंक गए और कहा KM अब तुम भी “प्रेस क्लब” आने लगे हो? मैंने कहा पांच साल में दूसरी बार आया हूं और वो भी खाना खाने आया हूं. उन्होंने तपाक से मुझे चुम लिया और कहा मुझे तुमसे यही उम्मीद थी.
वो 2013 तक “आज तक” में मेरे से सीनियर थे. उसके बाद मेरा ठिकाना बदल गया. 2016 में मैने News Nation से इस्तीफा दे दिया और उन्हें “आज तक” से इस्तीफा देने के लिए कह दिया गया. एक दिन फिर मुलाकात हुई तो मैने पूछा कि अचानक “आज तक” से विदाई क्यों? उन्होंने कहा छोड़ ना KM, तु तो जानता है कि Assignment पर एक ही व्यक्ति है जिसे Editor बनाने के लिए सारा खेल हो रहा है, चूकि मैं उनसे सीनियर हूं इसलिए मेरे रहते उनको प्रमोशन नहीं दिया जा सकता इसलिए मुझे RK ने कह दिया कि आपकी सैलरी आपके परफारमेंस से मैच नहीं खाती. इस तरह उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. फिर वास्तव में दूसरा व्यक्ति Assignment का Editor बन गया.
विकास सक्सेना अब इस दुनिया में नहीं रहे लेकिन यह सवाल उस RK से भी पूछा जाना चाहिए कि क्या आपको विकास सक्सेना की सैलरी पहले से पता नहीं थी. वो 10 वर्षों से “आज तक” में काम कर रहे थे. उनका काम अगर ठीक नहीं था फिर इतने लंबे समय तक उन्हें कंपनी ने क्यों झेला?
मैं ज्योतिषी नहीं हूं और किसकी आयु कब तक है यह भी नहीं जानता, लेकिन मुझे उस दिन “विकास” की बात सुनकर यह एहसास हो गया था कि वो गहरे सदमे में हैं लेकिन मैं ये गौऱ नहीं कर पाया कि वो इस सदमें को झेल नहीं पाऐंगे. महज चालीस पार की उम्र में वो (विकास सक्सेना) इस दुनिया को छोड़कर चले गए. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे.
टीवी पत्रकार कृष्ण मोहन शर्मा की एफबी वॉल से.
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