यह कहानी किसी रूपहले पर्दे के सिनेमा सरीखी लग सकती है. साथ ही इस कहानी के किरदार आपको जिस्मानी और भावनात्मक जुड़ाव की परिभाषा और उसका फर्क भी महसूस कराते हैं. कहानी IIMC में पढ़े विनय जायसवाल और उनकी पत्नी पूजा की है. दोनो ने अपनी शादी के पूरे 11 साल बाद एक बार फिर से 7 फेरे लिए हैं. जो अब चर्चा का विषय बना हुआ है.
दरअसल, गाजियाबाद के विनय जायसवाल की शादी 2012 में पूजा चौधरी के साथ हुई थी. एक साल ही शादी को बीता की दोनों में अनबन होने लगी. अनबन का हल निकला इस रूप में निकला कि दोनों ने अलग होने का फैसला लिया. लगभग 5 साल तक इस जोड़े का तलाक केस चला. सुप्रीम कोर्ट तक मामला गया. दोनों पति-पत्नी पूरे 11 साल तक अलग रहे. कहानी में नया ट्विस्ट तब आया जब साल 2023 में 21 अगस्त को हार्ट अटैक पड़ने के बाद विनय का ओपन हार्ट सर्जरी ऑपरेशन हुआ. विनय के ऑपरेशन की खबर जब पूजा को मिली तो वे खुद को रोक न सकीं और विनय ये मिलने गाजियाबाद आ पहुंची. बस इसके बाद दोनों को साथ बिताए पलों ने फिर से प्यार के बंधन में बांध दिया. आगे क्या हुआ इसकी कहानी विनय जायसवाल ने बेहद खूबसूरती से कही है, पढ़िए….
हम कई बार ऐसा सोचते हैं कि काश हम समय में पीछे लौट पाते और बिगड़ी बातों को फिर से बना पाते. हम ऐसा सोचते ज़रूर हैं लेकिन ऐसा हो नहीं पाता क्योंकि बहुत से अगर – मगर और किन्तु – परन्तु के सवाल ऐसे होते हैं जो हमारी समय के साथ पुरानी पड़ चुकी बिगड़ी बातों को भी सही करने में सबसे बड़ी रूकावट का काम करते हैं. इन सभी अगर – मगर और किन्तु – परन्तु के सवालों को पीछे धकेलते हुए, हमने एक दूसरे से अलग होने के 11 साल बाद फिर से एक होने का निश्चय किया और परिवारजनों की उपस्थिति में एक पारिवारिक आयोजन के दौरान विधिवत विवाह संस्कार और विवाह रजिस्ट्रेशन के साथ तलाक की डिक्री को शून्य कर दिया. हम दोनों एक दूसरे के साथ हैं.
हम दोनों ने विवाह दिसम्बर, 2012 में किया था और आपसी सहमति से हमारे बीच 2018 में तलाक हुआ था. तलाक की डिक्री के दिन हमने साथ में बेहद ही सौहार्द वातावरण में डिनर किया था और एक दूसरे को अलविदा कहा था.
इतने सालों के दौरान संवाद टूट गया था, शायद दिल के तार नहीं. इसलिए जब हार्ट अटैक हुआ तो वह भागी चली आई और ओपन हार्ट सर्जरी के बाद सीसीयू से लेकर घर तक पूरी रिकवरी के दौरान साथ निभाया. मेरे हार्ट अटैक ने हम दोनों के दिलों बीच जमी दूरियों की बर्फ को पिघलाने का काम किया और हम फिर से एक हो गए…
इस बेहद शुभ मौके पर, हम अपने सभी प्रिय, खास और बेहद अजीज साथियों, सम्बन्धियों, सहयोगियों, करीबियों और शुभचिन्तकों के सानिध्य से वंचित रह गए. निश्चित ही इस खास मौके पर आप सभी की बेहद कमी खली. मुझे मालूम है कि आप सभी का आशीर्वाद, स्नेह, प्यार और शुभकामनायें हमारे साथ हैं और हमेशा हमारे साथ रहेंगी.
हम आपके सानिध्य और आशीर्वाद के आकांक्षी हैं और आपकी सुविधानुसार आप हमारे आवास पर सादर आमंत्रित हैं. आपसे मिलने और आपसे आशीर्वाद लेने का यह सिलसिला चलता रहे और आप सभी का सानिध्य और प्यार बना रहे.