सामाजिक संगठन पीपल्स फोरम ने उत्तर प्रदेश में नियमों के विपरीत आईएएस और आईपीएस अफसरों के आये दिन हो रहे तबादलों के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में पीआईएल दायर की है.
पीपल्स फोरम की कन्वीनर डॉ. नूतन ठाकुर के अनुसार 28 जनवरी 2014 को लागू हुए आईएएस कैडर संशोधन नियम 2014 और आईपीएस कैडर संशोधन नियम 2014 के अनुसार आईएएस तथा आईपीएस अफसरों के लिए एक स्थान पर कम से कम 2 साल की तैनाती की व्यवस्था की गयी है और केवल विशेष स्थितियों में ही कारण बताते हुए इससे कम समय में तबादला किया जा सकता है.
इसके विपरीत याचिका में दर्जनों आईएएस अफसर के उदाहरण दिए गए हैं जहां बहुत तेजी से तबादले हुए हैं. अदिति सिंह 08 फ़रवरी को यूपी परिवहन निगम में अतिरिक्त एमडी, 14 फ़रवरी को डीएम रायबरेली, 09 जून को प्रतीक्षा पर और 10 जून को विशेष सचिव, एपीसी ब्रांच तैनात हुईं. अपर्णा यू 30 मार्च को डीएम शाहजहांपुर, 03 जुलाई को विशेष सचिव राजस्व और 17 जुलाई को विशेष सचिव सिंचाई बनायी गयीं.
आईपीएस अफसरों में अन्य उदाहरण में नितिन तिवारी 04 मार्च 2013 को मुज़फ्फरनगर, 18 जुलाई 2013 को गाज़ियाबाद, 26 मार्च 2014 को बुलंदशहर, 07 जून को मथुरा के एसएसपी और धरमवीर 07 जून 2012 को डीजीपी ऑफिस, 07 नवम्बर 2012 को एसपी जौनपुर, 25 जुलाई 2013 को एसएसपी अलीगढ, 26 मार्च 2014 को डीजीपी ऑफिस, 12 अप्रैल को कमांडेंट 49 वाहिनी पीएसी, 07 जून को एसपी औरैया और 16 जून को एसएसपी मुरादाबाद बनाए गए.
इन तमाम उदाहरणों के आधार पर याचिका में इस प्रकार नियमविरुद्ध तबादलों के लिए जिम्मेदार मुख्य सचिव, अध्यक्ष रेवेब्यू बोर्ड, सिविल सेवा बोर्ड के वरिष्ठ अफसरों के खिलाफ जांच कर कार्यवाही करने और भविष्य में इस प्रकार की स्थिति रोकने के लिए कार्य योजना बनाए जाने की प्रार्थना की गयी है.