मनीष दुबे-
नोएडा के पत्रकार विनोद सिंह जी की लापता 68 वर्षीय मां शीला सिंह मिल गई हैं. वे नोएडा से 20 किलोमीटर दूर एक गांव निकल गई थीं. भटकते-भटकते. मिली कैसे इसका किस्सा भी उनने बताया.
विनोद जी कल दोपहर से परेशान थे. मां की तलाश में थाना पुलिस कोई नहीं बचा जिससे मदद नहीं मांगी गई. यहां तक की गुमशुदगी की रिपोर्ट तक दर्ज कराई गई. स्टीकर पोस्टर बांटे, सेंड किये गए. विनोद बताते हैं इस ठंड में उनके पास महज एक शॉल थी, जिसके सहारे वे पैदल ही दूर निकल गईं. हताश विनोद जी कहते हैं वे तो उम्मीद ही खो चुके थे.
चलते-चलते एक जगह थक कर बैंठी थीं. कांप रहीं थीं. इसी दौरान एक व्यक्ति ने उनसे उस सूनसान जगह नितांत अकेले बैठने का कारण पूछा. उन्होंने बताया कि वे गाजीपुर की रहने वाली हैं. व्यक्ति ने पूछा गाजीपुर दिल्ली या यूपी. अब मां को पता नहीं. दरअसल उन्हें कुछ भी याद ना रहने की समस्या है. बशर्ते उन्हें थाना याद था, जिससे उस मिले व्यक्ति को उनका गाजीपुर दिल्ली के होने का अंदाजा लगा.
इसके बाद उसने स्थानीय थाने में सूचित किया. जहां से होते करते जानकारी विनोद जी तक पहुंची. परेशान विनोद को मां का पता चलते ही पुनर्जीवन मिला. वे तत्काल उस व्यक्ति के बताये एड्रेस पर पहुंचे. जाकर मां की हालत देखी तो उन्हें चोट भी लगी थी. शायद चलते-चलते कहीं गिर गई थीं. विनोद बताते हैं कि वो व्यक्ति जिसका नाम अशोक कुमार था, उनके लिए फरिश्ता बनकर आया था. उसने ठंड में कंपकपाती उनकी मां को चाय पिलाकर जो सहारा और अपनेपन से मदद की वह अपने आपमें काबिले तारीफ है.
अशोक कुमार कोई फौरी तौर पर नए बने फरिश्ते नहीं बल्कि सचमुच के फरिश्ते निकले. वे सेक्टर 145 में A2Z फाउंडेशन नामक वृद्धाश्रम चलाते हैं. जहां खुद असहाय, लावारिस और जरूरतमंद बुजुर्गों की निशुल्क सेवा करते हैं. मौजूदा वक्त वे अपने वद्धाश्रम में लगभग 20 लोगों की सेवा भी कर रहे हैं. बिना किसी की मदद लिए.
इसे आप यूं समझिए की अच्छे लोगों की मदद के लिए ईश्वर किसी ना किसी दूत को भेज ही देता है, जैसे विनोद जी की लापता हुई मां के पास अशोक जैसे फरिश्ते को अपना नुमाइंदा बनाकर भेजा.
आप भी मिलिए अशोक कुमार नाम के इस फरिश्ते से जिसने एक बेटे को मां से मिलाया.
मूल खबर.. नोएडा के पत्रकार विनोद सिंह की माँ हुईं गुम, पुलिस निष्क्रिय, मदद की अपील