पटना : मजीठिया मामलों में श्रम विभाग में अब तक की सुनवाई में एचटी मीडिया लिमिटेड और उसकी अनुषंगी कंपनी एचएमवीएल के सारे दांव विफल साबित हुए हैं। दिल्ली से पटना तक के सारे संपादक और पूरी टॉप मैनेजमेंट ने पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर दबाव बनाया था कि मजीठिया की मांग सरकार के समर्थन में काम कर रहे अखबारों पर यूनियन का हमला है। इसके लिए यह जरूरी है कि मजीठिया की सुनवाई कर रहे संयुक्त श्रमायुक्त डा. वीरेंद्र कुमार को हटाया जाय और सारे मामले रिजेक्ट कराए जाएं।
मुख्यमंत्री ने तत्कालीन मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह को बुलाकर कहा था कि इसे देखिए और यदि संयुक्त श्रमायुक्त से एचटी प्रबंधन को शिकायत है तो हटा दिया जाय। तत्कालीन मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव से पूछा मामला क्या है और बताया कि इसमें मुख्यमंत्री चाहते क्या हैं। नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले धंधेबाज के रूप में चर्चित पत्रकार और हिन्दुस्तान के तत्कालीन पोलिटिकल एडिटर विनोद बंधु अपने साथ हिन्दुस्तान के संपादक शशि शेखर और एचटी ग्रुप के एचआर डायरेक्टर को लेकर पहले चीफ सेक्रेटरी के यहां पहुंचे। यहां हुई बातचीत के रेफरेंस के साथ श्रम संसाधन के प्रधान सचिव से मिलने पहुंचे। तब प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह भड़क गए थे और इस मामले में कोई भी बात करने से इन्कार कर दिया था।
इसके तत्काल बाद दीपक कुमार सिंह ने चीफ सेक्रेटरी को फोन कर इसमें कोई मदद करने से इन्कार किया और कहा इसका मोनेटरिंग सुप्रीम कोर्ट कर रहा है और इसमें कुछ नहीं किया जा सकता। अपनी ईमानदारी और कड़क फैसले के लिए मशहूर आईएएस दीपक कुमार सिंह ने उल्टे पूरी सख्ती बरतने का निर्देश दिया।
मजीठिया मामले में रेफरेंस के लिए श्रम विभाग से 18 मामले रेकमेंड होकर श्रम न्यायालय आ चुका है। दस मामले अभी और ऐसे हैं जो किसी भी समय रेफरेंस के लिए जाने को तैयार हैं। सुनवाई पटना उच्च न्यायालय के आदेश से डे टु डे बेसिस पर हो रही है। एचटी मीडिया परेशान है। खबर यह है कि श्रम संसाधन विभाग में सुनवाई को मैनेज करने के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी परिणाम उल्टा निकला।
पैसे के खेल के केन्द्र बिन्दु रहे पत्रकार महोदय सवालों के घेरे में आ चुके थे। दीपक कुमार सिंह के जबरदस्त फटकार के बाद पत्रकार महोदय को ट्रांसफर कर रांची भेज दिया गया। खबर है कि इन महोदय को फिर अचानक पटना वापस लाया गया है। पूरे संस्थान में यह चर्चा है कि पत्रकार को को श्रम न्यायालय में केस को मैनेज करने के लिए रांची से पटना लाया गया है। श्रम न्यायालय में हाल में पदस्थापित जज दरभंगा से स्थानांतरित होकर आए हैं और पत्रकार का तार भी मिथिलांचल से जुड़ा है। पत्रकार दरभंगा प्रमंडल और दरभंगा से ही सटे मधुबनी जिले के रहने वाले हैं। पत्रकार ने केस मैनेज की सुपारी ले रखी है और इसके लिए दरभंगा से कुछ लोग बुलाए गए हैं। हालांकि जो लोग पत्रकार को जानते हैं कि उन्हें यह पता है कि बार-बार ऐसे झांसे देकर पत्रकार महोदय संस्थान को पहले भी चूना लगाते रहे हैं, इसमें कोई नई बात नहीं है।
पटना से मजीठिया क्रांतिकारी दिनेश सिंह की रिपोर्ट.
राजशेखर
July 11, 2019 at 9:33 pm
जो लोग किसी से पैसा लेकर गलत करते हैं या बिचौलियों की भूमिका निभाते हैं उनको पत्रकार नही दलाल कहते हैं।
Dinesh Kumar Singh
July 15, 2019 at 8:38 am
एचटी मीडिया की बुरी स्थिति है। इसके एच आर हेड पहले जूता कंपनी में थे। उसे वेज बोर्ड की कोई जानकारी या समझ नहीं है और समझना भी उसके बस में नहीं है। यही कारण है कि दलालों को सामने रखकर कंपनी का करोड़ों रुपए उड़ा रहा है और कंपनी लगातार फंसती जा रही है।