उत्तर प्रदेश के जनपक्षधर पुलिस अधिकारी अमिताभ ठाकुर एवं सामाजिक संगठन पीपल्स फोरम की कर्ताधर्ता नूतन ठाकुर ने शनिवार को बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के इमर्जेंसी वार्ड में पहुंचे। वहां दबंगों की गोली से घायल सूचना का अधिकार कार्यकर्ता राजकुमार सिंह से मिले। उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने के बाद विस्तार से घटनाक्रम से भी अवगत हुए। इस दौरान घायल ने आपबीती बताई। बाद में श्री ठाकुर ने इंसाफ दिलाने का आश्वासन दिया। इसके अलावा बीएचयू अस्पताल के सीनियर डाक्टरों से संपर्क कर बेहतर इलाज की बात कही।
प्राण घातक हमले का शिकार पीड़ित भ्रष्टाचार से लड़ने और पारदर्शिता लाने के लिए पिछले 8 सालों से सूचनाधिकार के तहत काम करता था। उसके काम से ही खींझ कर इलाके के दंबग आदि ने गोली मार दी। जिससे वह गंभीर रुप से घायल होकर बीएचयू में जीवन-मृत्यु से संघर्ष कर रहा है। राज कुमार सिंह से फोन पर वार्ता की तो उन्होंने बताया कि आरटीआई मांगने के कारण उन पर ये हमले किये गए. हमने बीएचयू अस्पताल के अधीक्षक डॉ यू एस द्विवेदी से बात की जिन्होंने बताया कि घाव बहुत गहरे नहीं हैं और घायल खतरे के बाहर है.
घायल राजकुमार का कहना है कि आरोपी प्रधान के खिलाफ तीन साल पहले भी मुकदमा दर्ज है, फिर भी कार्रवाई नहीं हो रही है। अलबत्ता एक पुलिस इंसपेक्टर सुलह के लिए दबाव बना रहा है। जबकि जेल में निरुद्ध आरोपी अमित सिंह मोबाइल से धमकी दे रहा है। आरोपी प्रधान के खिलाफ आवाज उठाने पर दो बार उन पर हमले हो चुके हैं। श्री ठाकुर ने आश्वासन दिया है कि वह घायल को सुरक्षा के मद्देनजर असलहा दिलवाने के साथ आरोपी अमित सिंह को दूरस्थ जेल भिजवाने की कोशिश करेंगे। आरोपी की मदद करने वाले पुलिसकर्मी बख्शे नहीं जायेंगे। श्री ठाकुर ने केन्द्र व प्रदेश सरकार से मांग की कि सुरक्षा के लिए दिए गये निर्देशों का पूर्णतः पालन किया जाय।
सुरेश गांधी की रिपोर्ट.
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