अभिषेक पाराशर-
Paytm और Zomato जैसे हाइप वाले IPO में पैसे लुटा चुके खुदरा निवेशकों को एलआईसी के आईपीओ में पैसा लगाने को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए.
Saurav Sharma-
Lic ipo Medium to long term badhiya hai.. Valuation bhi fair hai.. Zomato & Paytm bhut mehange the.. Yeh nhi keh sakta ki listing par mota munafa hoga, Lekin yeh IPO better placed hai.
विवेक कुमार-
Zomato के शेयर ने 2022 में अब तक निवेशकों की लगभग साठ फ़ीसदी संपत्ति का सफाया कर दिया है। इस मई महीने में भी यह शेयर लगातार गिर रहा है। फूड डिलिवरी कंपनी जोमैटो के शेयर में आज सात फ़ीसदी गिरावट हुई। जोमैटो के स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग के बाद से आईपीओ प्राइस से करीब पंद्रह फीसदी नीचे जा फिसला है. आज बाजार बंद होने से पहले ये शेयर सात फीसदी की गिरावट के साथ चौसठ रुपये के प्राइस पर ट्रेंड कर रहा था….
सौमित्र रॉय-
आधी कीमत पर बिक रही LIC में आज भर-भरकर पैसा लगाने वाले पॉलिसी होल्डर्स (10% कोटा) पर दया आ रही है। बीते 66 साल में जिस सरकारी कंपनी को उन्होंने 1000 करोड़ से सींचकर 5.6 लाख करोड़ का बनाया, आज उसी सरकार ने उन्हें बाजार में बिठा दिया।
भारत को मदारियों और संपेरों का देश ऐसे ही नहीं कहा जाता। जातिवाद और सामंतशाही ने इस देश की अवाम को इस कदर जड़ और ग़ुलाम बना दिया है कि दिमाग आज़ादी से सोच ही नहीं पाता।
कल तक जो 30 करोड़ पॉलिसी धारक LIC को चलाते थे, उनकी लगाम आज बाज़ार के हाथ है। आज से LIC को जो भी मुनाफ़ा होगा, वह निवेशकों को जाएगा, पॉलिसी धारकों को नहीं।
यानी कल तक जो मालिक थे, आज बाजार के ग़ुलाम हैं। 10% कोटा पॉलिसी धारकों का है, यानी 90% मालिक बाहरी होंगे। LIC के IPO में पैसा लगाने और न लगाने वाले दोनों ही इसे याद रखें।
इस बीच, RBI ने रेपो रेट को 40 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर दरअसल अपनी ग़लती सुधारने की कोशिश की है, जिसका जिक्र मैंने पहले किया था।
शक्तिकांत दास ने साफ़ कर दिया कि अभी मंहगाई बेकाबू ही रहेगी। एक महीने पहले मौद्रिक नीति कमेटी की बैठक के बाद वे ग्रोथ का राग अलाप रहे थे।
खैर, RBI के इस कदम से शेयर बाजार धड़ाम से 950 अंक नीचे जा गिरा है। जून में नियमित समीक्षा के दौरान रेपो रेट और बढ़ना चाहिए। निवेशकों का हनीमून खत्म हुआ।