सुजीत सिंह प्रिंस-
वाराणसी में गरीब छात्रों पर पुलिसिया जुल्म, भूमि माफियाओं और पुलिस की साठ-गांठ से उजाड़ रहे गरीब छात्रों का आशियाना… वाराणसी में बी एच यू परिसर के ठीक सामने स्थित नरिया लंका मार्ग पर जैन मंदिर में बने गरीब छात्रों के लिए छात्रावास से शुक्रवार देर शाम छात्रों को पुलिस ने जबरन उठा लिया , छात्रों का आरोप है कि छात्रावास को खाली कराने के लिए लंका पुलिस और ट्रस्ट से जुड़े लोग अवैध तरीके से उक्त छात्रावास पर जबरन कब्जा करना चाहते है ,जबकि ट्रस्ट ने उक्त छात्रावास को दूर-दराज से बी एच यू में पढ़ने वाले गरीब छात्रों को दिया गया था ।
अब उक्त छात्रावास की भूमि पर सत्ता से जुड़े लोंगो और भूमाफियाओं की नजर है,जो स्थानीय पुलिस की मदद से अवैध तरीके से उक्त छात्रावास को खाली करा रहे हैं। विदित हो कि साहू शांति प्रसाद जैन छात्रावास में एक लंबे अरसे से रहकर छात्र पढ़ाई लिखाई व तैयारी करते है । उक्त छात्रावास निर्धन छात्रों और असहाय गरीब लोगों के लिए बनाया गया है।
छात्रों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से कुछ संदिग्ध भू- माफिया व बदमाश किस्म के लोग लंका पुलिस से मिलीभगत करके हम सभी लोगों को गैर कानूनी तरीके से छात्रावास से बेदखल करना चाहते हैं। इस संदर्भ में मंडलायुक्त वाराणसी को पत्र भी दिया है । इसके बाद भी शुक्रवार को करीब शाम लगभग 6:30 बजे 10-12 की संख्या में अज्ञात पुलिसकर्मी छात्रावास पर चढ़ाई कर छात्रों को भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए कमरों में घुसकर छात्रों को मारने-पीटने लगे और उनका मोबाइल छीन लिया,घटना के दौरान छात्रों में अफरा-तफरी मच गई पुलिस ने छात्र विनय, बृजेश, मनु ,सुरेश को थाने में ले जाकर गैर-कानूनी तरीके से बंद कर दिया तथा धमकाने लगी।
छात्रों द्वारा यह पूछने पर कि आप लोग बिना किसी नोटिस या सूचना के किस आधार पर कमरा खाली कराने की बात कर रहे हैं,बिना इसका कोई उचित कारण बताए छात्रों को देर रात तक लंका थाने पर बैठाए रखा गया. लंका पुलिस छात्रों को एसीपी भेलूपुर के यहाँ देर रात्रि में उनके कार्यालय में ले गई और गैर कानूनी तरीके से पुलिस हिरासत में रखी रही .छात्रों का आरोप है कि पुलिस छात्रावास खाली कराने हेतु जबरिया दबाव बना रही है।
छात्रों ने बताया कि एसीपी भेलूपुर ने छात्रों को जबरन डरा कर हस्ताक्षर करा लिया है और कागज में लिखवाया है कि अगले दिन शनिवार को दोपहर 12 बजे छात्रावास छोड़ दें। इसके साथ ही यह भी धमकी दी गई कि यदि छात्रावास खाली नही किया गया तो फर्जी केस में छात्रों को जेल में डाल दिया जाएगा।
उक्त छात्रावास ‘सन्मति ज्ञान प्रचारिणी जैन समिति ‘ द्वारा गरीब छात्रों के लिए बनाकर दान किया गया है, जिसके मुख्य ट्रस्टी साहू शांति प्रसाद जैन के द्वारा गरीब छात्रों को पढ़ने के लिए 11-04-1953 ई ० को दिया गया है ,जिसका शिलापट्ट भी छात्रावास पर लगा हुआ उक्त छात्रावास को बिना किसी कागजी साक्ष्य के छात्रावास के मुख्य ट्रस्टी के परिजनों को सूचित किये बगैर आपसी मिलीभगत व धांधली करके सत्ता सरंक्षित भू- माफिया अवैध तरीके से उक्त छात्रावास पर कब्जा करना चाहते हैं ।
पुलिस देती रही गोल-मोल जवाब
लंका के नरिया में स्थित जैन मंदिर में स्थित साहू शांति प्रसाद जैन छात्रावास से छात्रों को हिरासत में लेने के बाबत जब सवाल पूछा गया कि छात्रों को किस आधार पर हिरासत में लिया गया है तो लंका पुलिस ने बताया कि जैन ट्रस्ट से जुड़े कुछ लोगों के शिकायत पर उन्हें हिरासत में लिया गया है और ट्रस्ट से जुड़े लोगों से वार्ता करने के बाद छोड़ दिया जाएगा ,छात्रों ने इस संदर्भ में बताया कि साहू शांति प्रसाद जैन छात्रावास के स्थापनाकर्ता से जुड़े कोई भी व्यक्ति लंका थाने में पुलिस द्वारा कराई गई उक्त वार्ता में मौजूद नही था और न ही छात्रावास सम्बंधित कोई दस्तावेज कथित तौर पर ट्रस्ट से जुड़े लोगों के पास पुलिस को दिया गया है ,उसके बावजूद मात्र शिकायत के आधार पर पुलिस द्वारा छात्रों का उत्पीड़न किया जा रहा है ।
ट्रस्ट पर भी उठे सवाल ,छात्रावास को धर्मशाला क्यों बनाया गया?
शनिवार देर शाम ट्रस्ट के द्वारा अनाधिकृत व्यक्तियों व स्थानीय पुलिस की मदद से छात्रावासों का ताला तोड़ा गया ,इसके अलावा छात्रावासों पर छात्रावास की जगह धर्मशाला से संबोधित करते हुए एक नोटिस चस्पा किया गया ,जिसमें कब्जा लेने वाले किसी भी व्यक्ति का नाम शामिल नही है ,छात्रों का कहना है कि उक्त छात्रावास का प्रयोग केवल छात्रों का लिए था फिर प्रशासन ने उन्हें धर्मशाला बनाने की अनुमति किसने प्रदान कर दिया ? कुल मिलाकर यह वाराणसी पुलिस और भूमाफियाओं की साठ-गांठ से छात्रों पर जबरिया पुलिस का दबाव बनाकर किया गया है।
समाजवादी जन परिषद के विनीत और अफलातून ने पुलिस कमिश्नर को भेजा पत्र
कमिश्नर, वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट
छात्रावास से धर्मशाला बनवाती वाराणसी पुलिस…. टाइम्स ग्रुप के अध्यक्ष रहे स्व. शांतिप्रसाद जैन के सहयोग से ‘सन्मति जैन निकेतन काशी’ के लिए गरीब छात्रों के लिए इस छात्रावास की स्थापना 1953 में हुई थी। तब से अब तक यह भवन छात्रावास रहा है। इसका संचालन’ सन्मति ज्ञानप्रचारिणी जैन समिति काशी’ करती है। छात्रावास निर्माण का उद्देश्य तथा उद्घाटन की सूचना छात्रावास भवन में लगे संगमरमर के शिलालेख पर अंकित है। इस परिसर में तीन प्रतिष्ठान हैं -एक छात्रावास, एक मंदिर तथा ग्रंथालय। इनमें सबसे पुराना छात्रावास ही है।’दिगंबर जैन समाज वाराणसी’ द्वारा पुलिस की मदद से कब्जा लेने की जो नोटिस लगाई गई है वह पूरी तरह से अवैध और गैर कानूनी है। सन्मति ज्ञानप्रचारिणी जैन समिति द्वारा छात्रावास को हस्तांतरित करने तथा छात्रावास को धर्मशाला बनाने का विधिक प्रमाण है ही नहीं। आपके मातहतों द्वारा ‘दिगंबर जैन समाज वाराणसी’ के गैर कानूनी हित में सहयोग दिया गया है।सिविल मामलों में पुलिस का इस प्रकार का हस्तक्षेप अवैध, अनुचित और अनैतिक होता है यह मुझे एक उच्च पदस्थ भारतीय पुलिस सेवा पदाधिकारी ने बताया था। आप से सविनय निवेदन कि नोट में दिए गए तथ्यों की जांच करवा कर न्याय करें।
सधन्यवाद,
विनीत,
अफ़लातून,
महामंत्री,
समाजवादी जन परिषद।
वाराणसी,रविवार 25 सितंबर,2022