सुजीत सिंह प्रिंस-
पत्रकार सत्येंद्र कुमार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ किया एक स्टिंग आपरेशन, घूसखोर तो मौज में लेकिन पत्रकार का हो गया शिकार
गोरखपुर: भ्रष्टाचार को लेकर बड़ी बड़ी बातें करने वालों की असलियत खुलकर सामने आने लगी है। सी एम साहब के शहर गोरखपुर में औषधि विभाग का एक बड़ा स्टिंग हुआ है। स्टिंग आपरेशन में दिखाई दे रहा है कि ड्रग लाइसेंस बनाने की एवज में 30 हजार से 1 लाख रुपये तक खुलेआम बटोरे जा रहे हैं।
इस काम के लिए बाकायदा औषधि विभाग के कार्यालय से इतर दवा मंडी भालोटिया मार्केट में अलग से एक आफिस खोला गया है जहाँ औषधि विभाग गोरखपुर में कार्यरत एक चपरासी का लड़का लाइसेंस की एवज में हजारों रुपये लेता हुआ दिखाई दे रहा है।
सबसे मजेदार बात यह है कि इस स्टिंग आपरेशन को अंजाम देने वाले पत्रकार के विरुद्ध मुकदमा लिख दिया गया है।
मुकदमा एक ऐसे दवा व्यापारी की तहरीर पर लिखा गया है जिसका इस स्टिंग आपरेशन से कोई संबंध नहीं है।
बताया जा रहा है कि वीरेंद्र राय नाम का दवा व्यापारी एक आर.टी.आई कार्यकर्ता है जो औषधि विभाग गोरखपुर का सबसे बड़ा राजदार है। गोरखपुर औषधि विभाग ने आर.टी.आई. कार्यकर्ता वीरेंद्र राय को खड़ा कर पत्रकार पर पहले दबाव बनाने की कोशिश की और दबाव न मानने पर पत्रकार के खिलाफ ब्लैकमेलिंग का मुकदमा दर्ज करवा दिया।
पुलिस ने भी मुकदमा दर्ज करने से पहले जाँच करने की जहमत नही उठायी।
अंदरखाने में बताया जा रहा है कि एक बड़े दैनिक अखबार में कार्य करने वाले दो साढू भाईयों के दबाव में पुलिस ने आनन फानन में मुकदमा दर्ज कर दिया गया जबकि इस स्टिंग आपरेशन के विषय में पत्रकार द्वारा गोरखपुर के एक सबसे बड़े अधिकारी को पहले ही अवगत कराया जा चुका था।
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