Connect with us

Hi, what are you looking for?

बिहार

90 वर्ष पुराने अनाथालय में शुभकरण चूड़ीवाला स्मृति समारोह

बिहार के सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी शुभकरण चूड़ीवाला को भागलपुर के नाथनगर स्थित  90 वर्ष पुराने रामानंदी देवी हिन्दू अनाथालय में मदद फांउडेशन द्वारा आयोजित ‘ शुभकरण चूड़ीवाला स्मृति समारोह में याद किया गया। इस अनाथालय की स्थापना सन् 1925 में उस समय की गयी थी जब चंपारण सत्याग्रह के दौरान महात्मा गांधी ने भीतीहरवा आश्रम और देशरत्न डॉ राजेन्द्र  प्रसाद ने सदाकत आश्रम, पटना में वालिका विद्यापीठ की स्थापना की थी। महात्मा गांधी से प्रेरित होकर दीपनाराराण सिंह, कैलाश बिहारी लाल, शुभकरण चूड़ीवाला सहित अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने भागलपुर में इस अनाथालय की स्थापना की। शुभकरण बाबू ने इस अनाथालय को जीवन का एक कालखंड समर्पित किया।

<p>बिहार के सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी शुभकरण चूड़ीवाला को भागलपुर के नाथनगर स्थित  90 वर्ष पुराने रामानंदी देवी हिन्दू अनाथालय में मदद फांउडेशन द्वारा आयोजित ‘ शुभकरण चूड़ीवाला स्मृति समारोह में याद किया गया। इस अनाथालय की स्थापना सन् 1925 में उस समय की गयी थी जब चंपारण सत्याग्रह के दौरान महात्मा गांधी ने भीतीहरवा आश्रम और देशरत्न डॉ राजेन्द्र  प्रसाद ने सदाकत आश्रम, पटना में वालिका विद्यापीठ की स्थापना की थी। महात्मा गांधी से प्रेरित होकर दीपनाराराण सिंह, कैलाश बिहारी लाल, शुभकरण चूड़ीवाला सहित अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने भागलपुर में इस अनाथालय की स्थापना की। शुभकरण बाबू ने इस अनाथालय को जीवन का एक कालखंड समर्पित किया।</p>

बिहार के सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी शुभकरण चूड़ीवाला को भागलपुर के नाथनगर स्थित  90 वर्ष पुराने रामानंदी देवी हिन्दू अनाथालय में मदद फांउडेशन द्वारा आयोजित ‘ शुभकरण चूड़ीवाला स्मृति समारोह में याद किया गया। इस अनाथालय की स्थापना सन् 1925 में उस समय की गयी थी जब चंपारण सत्याग्रह के दौरान महात्मा गांधी ने भीतीहरवा आश्रम और देशरत्न डॉ राजेन्द्र  प्रसाद ने सदाकत आश्रम, पटना में वालिका विद्यापीठ की स्थापना की थी। महात्मा गांधी से प्रेरित होकर दीपनाराराण सिंह, कैलाश बिहारी लाल, शुभकरण चूड़ीवाला सहित अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने भागलपुर में इस अनाथालय की स्थापना की। शुभकरण बाबू ने इस अनाथालय को जीवन का एक कालखंड समर्पित किया।

इस समारोह का उद्घाटन अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गंाधीवादी चिंतक डॉ रामजी सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर और उनके चित्र पर माल्यापर्ण कर किया। अपने संबोधन में डॉ सिंह ने कहा कि शुभकरण चूड़ीवाला का व्यक्तित्व व्यक्तित्व वहुआयामी था, जिन्होंने महात्मा गांधी के आह्वान पर न सिर्फ स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया, बल्कि समाज के दवे- कूचले, अनाथजनों की आंखों के आंसू पोंछे। चूड़ीवाला के व्यक्तित्व और कृतित्व को नई पीढ़ी के लिये प्रेरणा दायक बताते हुए उन्होंने कहा कि 1921 में भागलपुर के टील्हा कोठी में आयोजित सभा में महात्मा गांधी के आह्वान पर विदेशी कपड़ों का वहिष्कार और आजीवन गांधी दर्शन के मूल्यों को आत्मसात किया। 1934 मे मुंगेर में आए भूकंप के दौरान पीड़ितों की मदद कर अतुलनीय मानवीय संवेदना का परिचय दिया। शुभकरण चूड़ीवाला का जन्म भले ही मारबाड़ी परिवार में हुआ, लेकिन उनका पूरा जीवन समाज के सभी वर्गों के कल्याण में लगा रहा।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस अवसर पर बिहार प्रादेशिक मारबाड़ी सम्मेलन की ओर से समारोह के मुख्य अतिथि  सुप्रसिद्ध गांधीवादी चिंतक डॉ रामजी सिंह, दिल्ली से प्रकाशित मासिक पत्रिका ‘ द डे आफ्टर मंथ ’ के प्रधान संपादक अशोक झा और क्रंतिकारी विचारों को आत्मसात करने के लिये प्रसिद्ध दिलीप अग्रवाल को सम्मानित किया गया। इस मौके पर कार्यक्रम के संरचनाकार और वरिष्ठ पत्रकार कुमार कृष्णन ने मौजूदा समय में चूड़ीवाला को याद करने के मकसद को रेखांकित करते हुए कहा कि चूड़ीवाला ने समाजसेवा के क्षेत्र में अपने योगदान से जो मिशाल कायम किया है, वह देश के सभी समाजकर्मियों को युगों-युगों तक अनुप्रेरित करता रहेगा।

दिल्ली से पधारे ‘ द डे आफ्टर मंथ’ के प्रधान संपादक अशोक झा ने रामानंदी देवी हिन्दू अनाथालय नाथनगर को हर प्रकार की मदद देने का आह्वान करते हुए कहा अनाथालय के संचालक और सेवक-सेविकाएं वधाई के पात्र हैं कि  वे उन अनाथों का जीवन संवार रहे हैं जिनका इस दुनिया में कोई अपना नहीं है। इस मौके पर  शुभम् कुमार, अस्तित्व झा, जीनत खातुन और शीतला कुमारी को कम उम्र में समाजसेवा करने और पढ़ाई में अच्छे अंक हासिल करने के लिये प्रोत्साहन राशि देकर पुरस्कृत किया।

Advertisement. Scroll to continue reading.

बिहार प्रादेशिक मारबाड़ी सम्मेलन शिक्षा समिति के न्यासी और संरक्षक लक्ष्मी नारायण डोकानिया ने शुभकरण चूड़ीवाला को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि शुभकरण बाबू हमारे गौरव हैं और उनके जैसा त्यागी व्यक्ति मौजूदा भौतिकवादी युग में विरले ही मिलेंगे। प्रसिद्ध संपूर्ण क्रांति आंदोलन के नेता रामशरण ने कहा कि शुभकरण चूड़ीवाला के जलाये मशाल की लपट अभी नहीं बुझी है। वरिष्ठ पत्रकार मुकुटधारी अग्रवाल ने कहा कि आजादी की लड़ाई के दौरान जोखिम मोल लेकर भी वे क्रांतिकारियो की मदद करने से हिचके नहीं। अखिल भारतीय श्रमजीवी पत्रकार यूनियन, नई दिल्ली के पूर्व सचिव चंद्रशेखरम् ने कहा कि उनके व्यक्तित्व और कृतित्व का हम इसलिये स्मरण कर रहे हैं कि नई पीढ़ी उनके त्याग और वलिदान को समझे। इस अवसर पर सूचना और जनसंपर्क विभाग के अवकाश प्राप्त उपनिदेशक शिवशंकर सिंह पारिजात ने कहा कि उनके निधन के 13 वर्षों के अंतराल में कोई समारोह नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने मदद फाउंडेशन के इस प्रयास की सराहना की कि कि विस्मृत होती विभूतियों को याद करने और उनके व्यक्तित्व का दस्तावेजीकरण का जो बीड़ा उठाया है, वह सराहनीय है। समारोह को  अशोक जीवराजका, रामस्वरूप शर्मा, किशोर जायसवाल, अशोक मेहरा, बलदेवजी, रामरतन चूड़ीवाला, महादेव साह सहित कई बक्ताओं ने शुभकरण चूड़ीवाला के नाम पर सड़क का नामाकरण करने और डाक टिकट जारी करने की मांग की। इसका समर्थन उपस्थित जन समुदाय ने किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए मदद फाउंडेशन के अध्यक्ष तथा जनसत्ता के वरिष्ठ पत्रकार प्रसून लतांत ने कहा कि फाउंडेशन की ओर से शुभकरण चूड़ीवाला की याद मे हर साल आयोजन करने के साथ-साथ भागलपुर के अन्य विशिष्टि लोगों की याद में समारोह आयोजित किए जाएंगे।

इस अवसर पर स्व0 शुभकरण चूड़ीवाला की पूत्री शारदा देवी, जैन न्यास बोर्ड के अध्यक्ष गोपाल जैन, संपूर्ण क्राति आंदोलन के रामशरण, लक्ष्मी नारायण डोकानिया, सजय कुमार झा उर्फ बंगटू जी, अखिल भारतीय श्रमजीवी पत्रकार यूनियन,नई दिल्ली के पूर्व सचिव चंद्रशेखरम्, अशोक मेहरा, चांद बिहारी लाल, प्रसून लतांत, कुमार कृष्णन को अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।  अध्यक्षीय उद्गार व्यक्त करते हुए सजय कुमार झा उर्फ बंगटू जी ने कहा कि शुभकरण चूड़ीवाला जैसे लोग ही समाज का उनन्न्यन करते रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान मंजीत झा के निर्देशन में रामानंदी देवी हिन्दू अनाथालय के बच्चों और आंगनबाड़ी सेविकाओं ने देशभक्ति तथा साम्प्रदायिक सद्भाव के गीत प्रस्तुत किये। इस अवसर तिलकामांझाी भागलपुर विश्वविद्यालय के पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉ मधुसूदन झा, जैन न्यास बोर्ड के अध्यक्ष गोपाल जैन, चांद बिहारी लाल, शारदा चूड़ीवाला, आनंद कुमार जैन, मदद फाउंडेशन की सचिव वंदना झा, सोनी खानम, नगमा खानम, फिरोज, यदुनाथ, दिवाकर चौधरी, मिल्टन कुमार निशांत भारती, दीपराज भारती, संध्या घोष, रीता चक्रवती, गौरी दत्ता, रेणू दत्ता, उदय भारती आदि के योगदान से यह समारोह यादगार बन गया।

Advertisement. Scroll to continue reading.

मनोज सिन्हा की रिपोर्ट.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group_one

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement