Vijay Sharma : कहते हैं कि झूठ के पाँव नहीं होते… यह बात आज जयपुर लेबर कोर्ट में साबित हुई… हुआ यूँ कि सत्य और नैतिकता की बातें करने वाले राजस्थान पत्रिका ने उन कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया जिन्होनें अपने हक के लिए पत्रिका प्रबन्धन के खिलाफ आवाज उठाई… उन टर्मिनेट कर्मचारियों में से एक विवेक भटनागर (उदयपुर से टर्मिनेट) की आज जयपुर लेबर कोर्ट में तारीख थी जिसमें पत्रिका प्रबन्धन द्वारा लेबर कोर्ट में पेश शपथ पत्र को क्रॉस एग्जामिन किया जाना था.
इसको कर्मचारियों के वकील श्री ऋषभ जैन ने क्रॉस किया.. जब कर्मचारियों के वकील जैन साहब ने कोर्ट में उपस्थित पत्रिका के प्रतिनिधियों से सवाल किये तो पत्रिका के प्रतिनिधि किसी भी सवाल का सही जवाब नहीं दे पाये क्योंकि उन्होंने कोर्ट को गुमराह करने के लिए झूठा शपथपत्र पेश किया था…
यह बात सभी जानते हैं कि सच को याद रखने की आवश्यकता नहीं होती लेकिन झूठ को याद रखना पड़ता है लेकिन सभी बातों को याद रख पाना सम्भव नहीं… इसीलिए पत्रिका के प्रतिनिधि ऋषभ जैन के सवालों पर बगलें झाँकने लगे.. अब पत्रिका प्रबन्धन को समझ जाना चाहिए कि वो कर्मचारियों के सामने झूठ के दम पर कोर्ट में ज्यादा देर टिक नहीं पाएंगे.. सत्यमेव जयते.
पत्रिका समूह में ग्राफिक डिजायनर के पद पर कार्यरत विजय शर्मा की एफबी वॉल से.