प्रेस-पुलिस की तकरार के किस्से तो आये दिन होते रहते हैं। पंजाब के जालंधर शहर में 10 जुलाई को एक कांड हुआ। एक डीएसपी साहब जो सिटी पुलिस कमिश्नरेट में एसीपी हैं और जुमा-चुमा अभी-अभी डीएसपी बने ही हैं, अपने खिलाफ प्रकाशित हो रही ‘तरकश की नोक’ वाली खबरों से तैश में आकर एक न्यूज नेटवर्क के संपादक को फ़ोन करके धमका बैठे।
अब चूंकि खबर हाइकोर्ट के फैसले पर आधारित थी और ऊपर से संपादक भी कानून के बेहतर ज्ञाता माने जाते हैं, तो फ़ोन रिकॉर्डिंग के आधार पर संपादक भी झट से शिकायत लेकर जा पहुंचे पुलिस कमिश्नर के पास। साथ में थे 150 से ज्यादा पत्रकार।
कमिश्नर ने तुरंत डीएसपी को तलब किया। डीएसपी साब 30 मिनटों में संपादक के द्वार पहुँच गए। उन्होंने अपने कहे पर मौखिक और लिखित माफी मांगी। यह घटना जालंधर के मीडिया और पुलिस क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।